शिमला मस्जिद विवाद में प्रदर्शनकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी, 185 की पहचान
शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल 185 लोगों की पहचान की है।
शिमला के संजौली इलाके में एक मस्जिद में हुए कथित अवैध निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल लोगों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस धारा 163 के उल्लंघन के तहत कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल 185 लोगों की पहचान की है। पुलिस का दावा है कि करीब 60 ऐसे लोगों की पहचान की गई है, जिन्होंने प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी की थी।
यूनीवार्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों की पहचान के लिए पुलिस ड्रोन वीडियो फुटेज की मदद ले रही है। यही नहीं प्रदर्शन में शामिल लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। पुलिस ने कहा कि तकनीक के जरिए ज्यादातर लोगों की पहचान कर ली जाएगी। इसके अलावा पुलिस प्रदर्शन का संचालन करने वालों के बीच हुई व्हाट्सएप चैट की पड़ताल भी कर रही है।
पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारियों का मकसद मस्जिद तक पहुंचना था। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बल-प्रयोग करना पड़ा था। प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया था। झड़प में छह पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे, जिनमें दो को गंभीर चोटें आई हैं। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि हर पहलू की गहनता से जांच हो रही है।
वहीं पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने विहिप नेताओं, पूर्व पार्षदों और पंचायत प्रमुखों समेत 50 लोगों पर केस दर्ज किया है। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने रविवार को बताया कि विरोध-प्रदर्शन को भड़काने वाले लोगों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) जमा किए गए हैं, जिसके आधार पर और मामले दर्ज किए जाएंगे।
संजीव कुमार गांधी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज, वीडियो और तस्वीर में साक्ष्य मौजूद हैं, जिनमें लोगों के हाथों में पत्थर देखे जा सकते हैं। ये पत्थर तैनात अधिकारियों पर फेंके गए। पुलिस ने अब तक जिन 50 लोगों की पहचान कर आठ मामले दर्ज किए हैं। आरोपियों में विहिप के नेता, पंचायत प्रमुख, पूर्व पार्षद और दुकानदारों के अलावा चौपाल और ठियोग इलाके के लोग शामिल हैं।
(पीटीआई-भाषा और यूनीवार्ता के इनपुट पर आधारित)
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