हिमाचल में नीलाम नहीं हो सके 240 ठेके, अब सरकारी एजेंसियां भी बेचेंगी शराब
हिमाचल प्रदेश में अब सरकारी एजेंसियों के माध्यम से शराब की बिक्री की जाएगी। प्रदेश में करीब 240 शराब के ठेके नीलाम नहीं हो सके हैं। ऐसे में अब सरकार ने इन बचे हुए ठेकों को सरकारी निगमों और एजेंसियों के माध्यम से चलाने का निर्णय लिया है।
हिमाचल प्रदेश में अब सरकारी एजेंसियों के माध्यम से शराब की बिक्री की जाएगी। प्रदेश में करीब 240 शराब के ठेके नीलाम नहीं हो सके हैं। ऐसे में अब सरकार ने इन बचे हुए ठेकों को सरकारी निगमों और एजेंसियों के माध्यम से चलाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में शराब की बिक्री से 2850 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बुधवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि जिन शराब के ठेकों की नीलामी नहीं हो पाई है उन्हें अब हिमफेड, एचपीएमसी, एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन, सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन, वन निगम और नगर निगम जैसी सरकारी एजेंसियां चलाएंगी। मंत्री ने कहा कि इस संबंध में सरकार ने बैठक कर फैसला ले लिया है और एक-दो दिन में इन ठेकों पर शराब की बिक्री शुरू कर दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कुल 2100 शराब के ठेके हैं। इनकी नीलामी की प्रक्रिया 18 मार्च से शुरू की गई थी। इस दौरान करीब 1700 ठेके ही नीलाम हो सके जबकि पांच जिलों में लगभग 400 ठेके बिक नहीं पाए। इसके बाद राज्य सरकार ने यूनिट की बजाय सिंगल ठेका नीति के तहत टेंडर आमंत्रित किए। इसमें भाग लेने के लिए 50 हजार रुपये की अर्नेस्ट मनी जमा करवाने की शर्त रखी गई थी। 9 और 10 अप्रैल को इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए गए लेकिन इसके बावजूद 240 के करीब ठेके नीलाम नहीं हो पाए।
माना जा रहा है कि शराब ठेकों की कीमतें ज्यादा होने के चलते व्यापारियों की रुचि कम रही जिससे ये ठेके नहीं बिक सके। अब सरकारी निगम इन ठेकों को चलाएंगे ताकि राजस्व में गिरावट न आए और प्रदेश में शराब की वैध बिक्री बनी रहे।
रिपोर्ट : यूके शर्मा
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