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इस दिन से बदल जाएगा हिमाचल प्रदेश का मौसम, 2 दिन लगातार होगी बारिश और बर्फबारी

  • Himachal Pradesh Mausam: हिमाचल प्रदेश में अगले दो दिन मौसम साफ रहने का अनुमान है। लेकिन तीन फरवरी की रात से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण चार और पांच फरवरी को राज्य में मौसम फिर करवट ले सकता है। इस दौरान दो दिन बारिश की संभावना है।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, शिमलाSat, 1 Feb 2025 11:27 AM
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इस दिन से बदल जाएगा हिमाचल प्रदेश का मौसम, 2 दिन लगातार होगी बारिश और बर्फबारी

Himachal Pradesh Mausam: हिमाचल प्रदेश में अगले दो दिन मौसम साफ रहने का अनुमान है। लेकिन तीन फरवरी की रात से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण चार और पांच फरवरी को राज्य में मौसम फिर करवट ले सकता है। इस दौरान बारिश और बर्फबारी की संभावना है। इससे प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड का प्रकोप और बढ़ सकता है। हालांकि इसके बाद छह और सात फरवरी को मौसम फिर से साफ होने की संभावना है।

आज शनिवार को हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में बादल छाए हुए हैं और ठंडी हवाएं चल रही हैं। इससे तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं मैदानी इलाकों में भी बादल और धूप की आंखमिचौली जारी है। राज्यभर में ठंड का प्रकोप बना हुआ है और न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है।

जनजातीय जिलों में हाड़ कंपाने वाली ठंड

हिमाचल के ऊंचाई वाले इलाकों और जनजातीय जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लाहौल-स्पीति और किन्नौर जैसे जिले भीषण सर्दी की चपेट में हैं। लाहौल-स्पीति के ताबो में आज न्यूनतम तापमान -7.5 डिग्री, कूकुमसेरी में -5.2 डिग्री और केलंग में -2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं किन्नौर जिला के कल्पा में भी पारा -2.4 डिग्री रिकॉर्ड हुआ।

राजधानी शिमला में भी ठंड लगातार बढ़ रही है। बीते कुछ दिनों से शिमला के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है और ठंड का असर बढ़ गया है। आज शिमला का न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 0.3 डिग्री कम है। खास बात यह है कि शिमला की रातें अब मनाली से भी ठंडी हो गई हैं। मनाली का न्यूनतम तापमान आज 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो शिमला से अधिक रहा।

किसानों और बागवानों को बारिश-बर्फबारी का इंतजार

प्रदेश में लंबे समय से बारिश न होने के कारण किसानों और बागवानों की चिंता बढ़ गई है। खासतौर पर मैदानी इलाकों में कई दिनों से बारिश नहीं हुई है। इस वजह से गेहूं की फसल पर खतरा मंडराने लगा है। अगर जल्द बारिश नहीं हुई तो फसल के सूखने की आशंका बढ़ जाएगी।

इसी तरह पहाड़ी इलाकों में इस बार पर्याप्त बर्फबारी न होने के कारण सेब की फसल को भी नुकसान हो सकता है। सेब की बेहतर पैदावार के लिए पर्याप्त बर्फबारी जरूरी होती है। लेकिन इस बार अभी तक अपेक्षित मात्रा में बर्फबारी नहीं हुई है। मौसम की बेरुखी से बागवानों की चिंता बढ़ गई है।

रिपोर्ट : यूके शर्मा

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