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आपके आहार से जुड़ा है दिमाग का स्वास्थ्य, जानें कैसे

एक नए अध्ययन से संकेत मिला है कि जो लोग अवसाद से पीड़ित हैं, उनको जठरांत्र यानी पेट दर्द संबंधी संकट का सामना करने की संभावना अधिक रहती है। इस अध्ययन में बताया गया है कि अवसाद के एक तिहाई लोगों को...

आपके आहार से जुड़ा है दिमाग का स्वास्थ्य, जानें कैसे
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 08 May 2019 09:59 PM
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एक नए अध्ययन से संकेत मिला है कि जो लोग अवसाद से पीड़ित हैं, उनको जठरांत्र यानी पेट दर्द संबंधी संकट का सामना करने की संभावना अधिक रहती है। इस अध्ययन में बताया गया है कि अवसाद के एक तिहाई लोगों को पुरानी कब्ज होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे उदास देश है, जहां हर छठा भारतीय मानसिक बीमारी से पीड़ित है। अवसाद के लक्षणों को कम करने में स्वस्थ आहार के महत्व पर ध्यान देने की जरूरत है।

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इस बारे में बात करते हुए एचसीएफआई के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल ने कहा, “पेट को दूसरा मस्तिष्क कहा जा सकता है। आंत बैक्टीरिया की लगभग 300 से 600 प्रजातियों के साथ काम करती है, जो लाभकारी होते हैं। इनमें इम्युन सिस्टम को बढ़ावा देना, मेटाबोलिज्म और पाचन में सहायता और मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमिशन व सिग्नलिंग में मदद करना शामिल है। इन बैक्टीरिया कालोनियों के प्रकार या संख्या में महत्वपूर्ण परिवर्तन से शरीर में सूजन हो सकती है, एक प्रक्रिया जो कई रोगों में योगदान कर सकती है, जैसे अवसाद। जबकि पूरे, उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ इन जीवाणुनाशकों के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं, रिफाइंड चीनी युक्त खाद्य पदार्थ इन कालोनियों को बदल देते हैं। इस प्रकार, अवसाद के लिए एक आदर्श आहार योजना बनाने समय हैल्दी फैट (ओमेगा -3 एस) और खाद्य पदार्थों का ध्यान रखना चाहिए, जो अस्वास्थ्यकर माइक्रोबायोम या गट फ्लोरा की सहायता करते हैं।“

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ओमेगा-3 फैटी एसिड का सूजन-रोधी गुण, न केवल शरीर के लिए बल्कि मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को भी अवसाद से जोड़ता है। इसी तरह, एक स्वस्थ आंत गट फ्लोरा को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है, और प्रतिरक्षा प्रणाली को सीधे प्रभावित करके हमारे समग्र भाव को बढ़ा सकती है।

कुछ सुझाव :

1. उन खाद्य पदार्थों को शामिल करें जो आपके सिस्टम को सपोर्ट करते हैं। इसलिए संपूर्ण आहार लें। इसमें हरी पत्तेदार सब्जियां, गुणवत्ता वाले प्रोटीन, स्वस्थ वसा और जटिल कार्बोहाइड्रेट शामिल हैं।

2. शरीर को पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रखें। यह लसीका प्रणाली विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और शरीर से चयापचय अपशिष्ट को बाहर निकालने में मदद करेगा। यह टिशू को डिटॉक्सीफाई, पोषण और पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक है।

3. कुछ शारीरिक गतिविधि शामिल करें। व्यायाम शरीर के लिए सकारात्मक शारीरिक तनाव है। उदाहरण के लिए, योग को मन और शरीर दोनों के लिए बहुत लाभ पहुंचाने के लिए जाना जाता है।

4. माइंडफुलनेस का अभ्यास करें। इसमें आदतों, विचारों और व्यवहारों का एक संयोजन शामिल है, जो इसे आपको दैनिक जीवन के माध्यम से प्राप्त करने में मदद करता है। माइंडफुलनेस का मतलब है जानबूझकर और सक्रिय रूप से तनाव के लिए शरीर की प्रतिक्रिया को कम करना।

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