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यीस्ट इन्फेक्शनः जानें क्या है यीस्ट इन्फेक्शन, यह केवल महिलाओं तक सीमित नहीं

महिलाओं की जिंदगी आसान नहीं होती। माहवारी, गर्भाधान, रजोनिवृत्ति और इसके अलावा जननांग (योनी) में संक्रमण (इन्फेक्शन) जैसे बातें उनकी जिंदगी का हिस्सा हैं। महिलाओं में यीस्ट इन्फेक्शन आम हैं और वह हर...

यीस्ट इन्फेक्शनः जानें क्या है यीस्ट इन्फेक्शन, यह केवल महिलाओं तक सीमित नहीं
myupchar,नई दिल्लीTue, 24 Sep 2019 03:14 PM
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महिलाओं की जिंदगी आसान नहीं होती। माहवारी, गर्भाधान, रजोनिवृत्ति और इसके अलावा जननांग (योनी) में संक्रमण (इन्फेक्शन) जैसे बातें उनकी जिंदगी का हिस्सा हैं। महिलाओं में यीस्ट इन्फेक्शन आम हैं और वह हर चार महिलाओं में से तीन को प्रभावित करते हैं. आमतौर पर 15 से 44 वर्ष के आयु वर्ग में। लेकिन ऐसा कतई नहीं है कि यीस्ट इन्फेक्शन केवल महिलाओं को ही होता है। पुरुष-महिलाओं दोनों के ही जननांगों में यह इन्फेक्शन हो सकता है।

क्या है यीस्ट इन्फेक्शन?

हमारी त्वचा पर आमतौर पर केंडिडा नाम का एक फंगस मौजूद होता है। यह फंगस बहुत ज्यादा मात्रा में हो होने के कई कारण हैं जैसे गीले कपड़े पहनना, गंदगी भरे माहौल में रहना या यीस्ट इन्फेक्शन वाले व्यक्ति से यौन संपर्क की वजह से - जिसेे जननांगों में इन्फेक्शन हो।

भले ही इसे यौन रोग की श्रेणी में नहीं रखा जाता, लेकिन असुरक्षित यौन संबंध ही महिलाओं के जननांग में यीस्ट इन्फेक्शन होने की मुख्य वजह होती है। अधिकांश महिलाओं को यीस्ट इन्फेक्शन का दर्द और परेशानी पहली बार यौन संबंध स्थापित करने के बाद ही महसूस होती है। ओरल सेक्स भी यीस्ट इन्फेक्शन की वजह बन सकता है।

सर्कमसिजन (खतना, सुन्नत की तरह) से न गुजरे पुरुषों और सफाई को लेकर लापरवाह पुरुषों पर इसका खतरा ज्यादा होता है। उनकी त्वचा पर फंगस ज्यादा आसानी से फैल सकता है।

इन्फेक्शन की वजह

महिलाओं के जननांग में अच्छे बैक्टेरिया लेक्टोबेसिलस और केंडिया अल्बिकांस यीस्ट के बीच प्राकृतिक संतुलन होता है। लेक्टोबेसिलस एक एसिड का उत्पादन करता है तो केंडिडा अल्बिकांस यीस्ट के उत्पादन पर अंकुश बनाए रखता है। दोनों के बीच असंतुलन यीस्ट के जरूरत से ज्यादा बढ़ने की वजह बनता है और यही यीस्ट इन्फेक्शन की सबसे आम वजह होती है।

-एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल जननांग में मौजूद सूक्ष्म जीवों (वेजाइनल फ्लोरा) को प्रभावित कर सकता है। अधिकांश एंटीबायोटिक सभी किस्म के बैक्टेरिया, जिनमें योनी में मौजूद बैक्टेरिया भी शामिल हैं, समाप्त कर देते हैं।

- अनियंत्रित मधुमेह

- बर्थ कंट्रोल की गोलियां लेना, जिनकी वजह एस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ जाता है। एस्ट्रोजेन स्तर को बढ़ाने वाली अन्य हार्मोनल थैरेपीज के कारण भी असंतुलन हो सकता है

- गर्भावस्था

- कमजोर रोग प्रतिरोधक प्रणाली


इसके लक्षण क्या हैं

यीस्ट इन्फेक्शन आमतौर पर काफी सामान्य रोग है जिसका आसानी से इलाज किया जा सकता है। लेकिन कुछ महिलाओं में यह इन्फेक्शन गंभीर रूप ले सकता है। योनी के सामान्य यीस्ट इन्फेक्शन के लक्षण यह हैं-

जननांग में जलन और खुजली

पेशाब में दर्द होना और यौन संबंधों के दौरान जलन होना

जननांग का लाल होना और सूजन आना

जननांग में दर्द होना, चकत्ते पड़ना और परेशानी होना

जननांग से गंधरहित कॉटेज चीज जैसा पनियल या गाढ़ा द्रव्य निकलना


महिला जननांग का जटिल यीस्ट इंफेक्शन

जननांग के जटिल यीस्ट इन्फेक्शन के लक्षण इस प्रकार हैं-

जननांग में बार-बार (चार बार से ज्यादा) इन्फेक्शन होना

जननांग का लाल होना, सूजन, खुजली के साथ क्रेक पड़ना, पानी निकलना और दर्द होना

अगर आप एचआईवी के मरीज हैं या आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है

अगर महिला गर्भवती हैं और उनका मधुमेह अनियंत्रित है


पुरुष  में यीस्ट इन्फेक्शन

केंडिडा अल्बिकन्स यीस्ट पुरुषों के शरीर में भी मौजूद होता है। नमी (आर्द्रता) और जांघों के बीच की जगह फंगस पनपने के लिहाज से माकूल होती है। पुरुषों में यीस्ट इन्फेक्शन के लक्षण महिलाओं जितने तीव्र नहीं होते और उनमें शामिल हैं-

- जननांग का लाल होना

- जननांग पर सफेद धब्बे

- जननांग और जांघों के बीच की जगह (ग्रोइन) पर खुजली होना

यीस्ट इन्फेक्शन से बचाव

कॉटन के कपड़े पहनें - साटिन या सिल्क इस्तेमाल करने की बजाय सूती (कॉटन) अंडरगारमेंट्स का ही इस्तेमाल करें। यह बड़ी आसानी से नमी को सोखकर आपकी त्वचा को सूखा रखती है।

ज्यादा तंग कपड़े न पहनें - शरीर से चिपकने वाले परिधानों की बजाय थोड़े ढीले-ढाले कपड़े और अंडरगारमेंट्स पहनें। तंग कपड़े आपके शरीर का तापमान बढ़ाकर आपके निजी अंगों के इर्द-गिर्द नमी बढ़ाते हैं. ऐसी परिस्थितियों में फंगस और यीस्ट तेजी से बढ़ते हैं।

खुद को सूखा और साफ रखें - साफ-सफाई हमारे नियमित जीवन का हिस्सा होना चाहिए और हमें अपने अंतरंग अंगों को साफ और सूखा रखने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। माहवारी के दौरान पैड्स नियमित अंतराल पर बदलें।

गीले कपड़ों को जल्द बदलें - तैराकी या जिम सेशन के बाद गीले कपड़ों को तुरंत बदलकर खुद को सूखा लें।

हॉट बाथ्स, हॉट टब्स और डाउचिंग से इनकार - डाउचिंग, हॉट बाथ्स और हॉट टब्स हमारे शरीर में मौजूद अच्छे बैक्टेरिया को मार देते हैं और इस तरह यीस्ट को पनपने का मौका दे देते हैं। सुगंधित प्रसाधन सामग्री और सेनिटरी पैड्स को भी टालना चाहिए।

हमेशा एंटीबायोटिक्स का सहारा न लें - एंटीबायोटिक्स हर तरह के बैक्टेरिया को मार देते हैं, जिनमें लेक्टोबेसिलस जैसे अच्छे बैक्टेरिया भी होते हैं। इस तरह से वह इन्फेक्शन का खतरा बढ़ा देते हैं। इसलिए एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल बेहद अनिवार्य परिस्थितियों में ही करें।

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स्वास्थ्य आलेख www.myUpchar.com द्वारा लिखे गए हैं, जो सेहत संबंधी भरोसेमंद जानकारियां प्रदान करने वाला देश का सबसे बड़ा स्रोत है।

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