World TB Day 2019 : आज ही के दिन हुई थी तपेदिक के बैक्टीरिया की पहचान
24 मार्च का दिन इतिहास में इसलिए मायने रखता है क्योंकि आज ही के दिन ट्यूबरक्युलोसिस के बैक्टीरिया की पहचान हुई थी। 24 मार्च को पूरी दुनिया में तपेदिक के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व तपेदिक...
24 मार्च का दिन इतिहास में इसलिए मायने रखता है क्योंकि आज ही के दिन ट्यूबरक्युलोसिस के बैक्टीरिया की पहचान हुई थी। 24 मार्च को पूरी दुनिया में तपेदिक के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व तपेदिक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
टीबी यानी ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया से होनेवाली बीमारी है। सबसे कॉमन फेफड़ों का टीबी है और यह हवा के जरिए एक से दूसरे इंसान में फैलती है। मरीज के खांसने और छींकने के दौरान मुंह-नाक से निकलने वालीं बारीक बूंदें इन्हें फैलाती हैं। ऐसे में मरीज के बहुत पास बैठकर बात की जाए तो भी इन्फेक्शन हो सकता है।
फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गले आदि में भी टीबी हो सकती है। फेफड़ों के अलावा दूसरी कोई टीबी एक से दूसरे में नहीं फैलती। टीबी खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह शरीर के जिस हिस्से में होती है, सही इलाज न हो तो उसे बेकार कर देती है। फेफड़ों की टीबी फेफड़ों को धीरे-धीरे बेकार कर देती है तो यूटरस की टीबी बांझपन की वजह बनती है, ब्रेन की टीबी में मरीज को दौरे पड़ते हैं तो हड्डी की टीबी हड्डी को गला सकती है।
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