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वर्कआउट के इतने ऑप्शन्स? कंफ्यूज न हों, ऐसे चुनें और रहें फिट

सलमान खान जिम में पसीना बहाते हैं। मलाइका अरोरा खान खुद को चुस्त-तंदुरुस्त रखने के लिए योग करती हैं। वहीं करीना कपूर खान ने पिलेट्स की मदद से प्रेग्नेंसी  का वजन घटाया। जाहिर तौर पर ये सभी...

वर्कआउट के इतने ऑप्शन्स? कंफ्यूज  न हों, ऐसे चुनें और रहें फिट
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीFri, 13 Sep 2019 02:07 PM
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सलमान खान जिम में पसीना बहाते हैं। मलाइका अरोरा खान खुद को चुस्त-तंदुरुस्त रखने के लिए योग करती हैं। वहीं करीना कपूर खान ने पिलेट्स की मदद से प्रेग्नेंसी  का वजन घटाया। जाहिर तौर पर ये सभी फिटनेस के कारगर तरीके हैं। ऐसे कई और ऑप्शन्स भी मौजूद हैं, लेकिन सवाल यह है कि कोई शख्स खुद के लिए कौन-सा तरीका चुने? पढ़िए इसी बारे में -

खुद के लिए फिटनेस का विकल्प चुनने से पहले यह जानने की कोशिश करें कि आपका टारगेट क्या है?

खुद से सवाल पूछें कि आप वर्कआउट क्यों करना चाहते हैं? आप फिट रहना चाहते हैं, ललीचा शरीर बनाना चाहते हैं, सुंदर दिखना चाहते हैं या हष्ठ-पुष्ठ दिखना चाहते हैं। खुद के लिए वर्कआउट का तरीका चुनने से पहले खुद से कई तरह के सवाल पूछने होंगे। बेहतर होगा, शांति से बैठें, सवाल नोट करें और ईमानदारी से उनका जवाब खोजें -

मैं ऐसा क्यों करना चाहता/चाहती हूं-
आप वजन कम करना चाहते हैं? अपनी क्षमता बढ़ाना चाहते हैं? शारीरिक मजबूती बढ़ाना चाहते हैं? या शरीर में चपलता और लचीलापन लाना चाहते हैं? आपका फिटनेस प्रोग्राम ऐसा होना चाहिए जो ऐसे ही किसी एक उद्देश्य की पूर्ति करे। यानी आपको तय करना होगा कि आप वर्कआउट क्यों करना चाहते हैं। कोई दूसरा कर रहा है, इसलिए मुझे भी यही करना है। यह गलती कभी न करें। मसलन - यदि आप मसल्स बनाना चाहते हैं, तो लंबी दूरी की मैराथन दौड़ने का कोई फायदा नहीं। इस तरह यदि शरीर में लचीलापन लाना है तो जिम में भारी-भारी डम्बल्स उठाने का कोई फायदा नहीं। कुल मिलाकर लक्ष्य जितना स्पष्ट होगा, वर्कआउट का तरीका चुनने में उतनी ही आसानी होगी।  

क्या मुझमें है इतना दम-
कई बार लोग कोई फिटनेस प्रोग्राम तो चुन लेते हैं, लेकिन लंबे समय तक उस निभा नहीं पाते हैं। कारण - ऐसे लोग वो करने की कोशिश करते हैं, जो उनके बूते का है ही नहीं। जैसे - एक नौसिखिया योगाभ्यास करने वाला टिट्टीभासन या कापोटासन जैसे उन्नत या कठिन आसन नहीं कर सकता और ना ही इसकी कोशिश करनी चाहिए। यही बात बॉडी बिल्डिंग, एथलेटिक्स, स्पोर्टस, आदि पर लागू होती है। यह सोचना गलत है कि एडवांस्ड लेवल के लिए कोशिश करने से फायदा होगा, क्योंकि शरीर को मजबूत बनने के लिए टाइम और प्रैक्टिस की जरूरत होती है।  

क्या यही मेरी लाइफस्टाइल है?-
वही फिटनेस प्रोग्राम चुने, जो आपके लिए संभव हो। संभव यानी आपकी लाइफस्टाइल उसे करने की अनुमति दे। आपको घर, ऑफिस या अन्य कहीं कितना काम रहता है और आप कितना समय खर्च करते हैं। प्रोग्राम, उपकरण आदि के लिए आपका बजट क्या है। ऐसी गलती करने पर आप न तो अपने दूसरे कामों पर ध्यान दे पाएंगे, ना ही फिटनेस लक्ष्य हासिल कर पाएंगे।

आपकी पर्सनालिटी क्या कहती है?-
यदि आप खुद को अच्छी तरह जानते हैं तो आपको सही करियर या सही लाइफ पार्टनर चुनने में मदद मिलती है, यही बात फिटनेस प्रोग्राम के चयन में काम आती है। जैसे- कुछ लोग अपने शरीर पर तरह-तरह का दबाव डालते हैं और जिम में पसीना बहाना पसंद करते हैं, वहीं कुछ को शांति से बैठकर योगासन-प्राणायाम करने में आनंद आता है। दोनों तरीकों के अपने-अपने फायदे हैं। इस तरह अपने स्वभाव और पर्सनालिटी के अनुसार वर्कआउट ऑप्शन चुने।

यदि आपने लंबे समय से वर्जिश नहीं की है या कोई खेल नहीं खेला है तो बेहतर होगा आप वॉकिंग, जॉगिंग, साइकिलिंग जैसी कम असर डालने वाली क्रियाओं से शुरुआत करें। यदि आप ग्रुप्स में ट्रेनिंग पसंद करते हैं तो कोई रनिंग क्लब, साइक्लिंग ग्रुप, रॉक क्लाइम्बिंग ग्रुप का हिस्सा बन जाएं। इसके अलावा जूम्बा, बॉलिवुड डांसिंग और बालरूम डांसिंग भी फन ग्रुप एक्टिविटिज हैं, जो कार्डियो वर्कआउट के लिए कारगर है।

यदि आपको वर्कआउट का आइडिया बेकार लगता है तो वॉकिंग या बाइकिंग आजमाएं। हेल्दी फूड खाएं। फिट रहने के लिए थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएं। जरूर फायदा मिलेगा।

यह स्वास्थ्य आलेख www.myupchar.com द्वारा लिखा गया है। इस विषय पर ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए जरूर पढ़ें-https://www.myupchar.com/fitness

 

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