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महिलाओं में 11 की उम्र से पहले और अनियमित पीरियड्स होने पर अस्थमा का खतरा ज्यादा

11 साल की उम्र से पहले पीरियड्स शुरू होना और अनियमित पीरियड्स वाली महिलाओं को अस्थमा का खतरा ज्यादा होता है। एक नए शोध में इसका खुलासा हुआ है। एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार 11 सल की उम्र...

महिलाओं में 11 की उम्र से पहले और अनियमित पीरियड्स होने पर अस्थमा का खतरा ज्यादा
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली Fri, 16 Feb 2018 01:48 PM
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11 साल की उम्र से पहले पीरियड्स शुरू होना और अनियमित पीरियड्स वाली महिलाओं को अस्थमा का खतरा ज्यादा होता है। एक नए शोध में इसका खुलासा हुआ है।

एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार 11 सल की उम्र से पहले पीरियड्स शुरू होना और महिलाओं में अनियमित पीरियड्स होने पर अस्थमा के लक्षण जैसे सांस चढ़ जाना, कफ बन जाने का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल जल्दी पीरियड्स शुरू होना और अनियमित पीरियड्स का संबंध एनओव्यूलेशन से होता है। जिसका मतलब होता है कि ओवरी में अंडे नहीं बन रहे हैं। 

रिसर्च की मानें तो हार्मोन के असंतुलन के कारण पीरियड्स में एस्ट्रोजेन ज्यादा निकलता है जो अस्थमा का कारण बनता है। आपको पता दें कि यूके में करीब 12 में एक और बच्चों में 11 में से एक को अस्थमा होता है। यही नहीं रोजाना करीब 3 लोग इस बीमारी से मरते हैं। स्टडी में बताया गया है कि हार्मोनल ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स का अस्थमा की बीमारी से कोई सीधा संबंध नहीं है। यूके में अस्थमा पर रिसर्च कर रही डॉक्टर ईरीका ने कहा कि इस संबंध में और भी रिसर्च किए जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अस्थमा को मैनेज कर और हार्मोन को सही रखकर इस समस्या से बचा जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लेनी चाहिए। 

पीरियड्स, मेनोपोज, हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिवस  किस तरह अस्थमा और एलर्जी से जुड़ी हैं इसके लिए 64 स्टडी की गईं। ये स्टडी जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लीनिक इम्युनॉलॉजी में छपी हैं। सभी स्टडी जनवरी 1990 से लेकर नवंबर 2015 तक प्रकाशित हुईं और तकरीबन 554,293 प्रतिभागियों ने इसमें हिस्सा लिया।  

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