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तनाव घटाना है तो खानपान में शामिल करें ये सात चीजें

तनाव हमारी आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है। इसके लिए जिम्मेदार बाहरी वजहों पर तो हमारा बस कम चलता है, मगर अपने खानपान को हम नियंत्रित कर सकते हैं। आहार विशेषज्ञ मे सिंपकिन...

Rahul.kumarएजेंसी,लंदनMon, 29 May 2017 08:32 PM

तनाव घटाना है तो खानपान में शामिल करें ये सात चीजें

तनाव घटाना है तो खानपान में शामिल करें ये सात चीजें1 / 2

तनाव हमारी आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है। इसके लिए जिम्मेदार बाहरी वजहों पर तो हमारा बस कम चलता है, मगर अपने खानपान को हम नियंत्रित कर सकते हैं। आहार विशेषज्ञ मे सिंपकिन कहती हैं कि खानपान में मीठी चीजों को ज्यादा तवज्जो देने वालों को अवसाद का खतरा अन्य के मुकाबले अधिक रहता है। उनका कहना है कि हमें अपने मूड के माफिक आहार पर ध्यान देना चाहिए।

हमारे खानपान का अवसाद या तनाव सीधा असर होता है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक रोगियों के प्रबंधन में खानपान का भी अहम रोल होता है। तनाव या अवसाद ग्रस्त लोगों के इलाज कर रहे विशेषज्ञों को यह भी देखना चाहिए कि कहीं खानपान में किसी ऐसी चीज की कमी तो नहीं हो रही है, जो पीड़ित व्यक्ति के मूड को प्रभावित कर रही है। मेंटल हेल्थ फाउंडेशन का कहना है कि किसी भी स्तर की मानसिक समस्या का सामना करने वालों ने अक्सर खराब खानपान की बात भी स्वीकार की है। 

अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित समीक्षा में सुझाया गया है कि अपने नियमित आहार में सब्जियां, फल, पूर्ण अनाज, मछलियां शामिल करने वालों को डिप्रेशन का खतरा कम रहता है। आंकड़ों की मानें तो चार में एक व्यक्ति अवसाद ग्रस्त है। खासतौर से महिलाओं में यह समस्या और भी अधिक हो जाती है। डिप्रेशन से दुनिया में 35 करोड़ लोग प्रभावित हैं। इसके कारण न सिर्फ उनका कामकाज प्रभावित होता है, बल्कि जीवन स्तर और सेहत पर भी खराब असर पड़ता है।

अच्छी मात्रा में प्रोटीन लें, चिकन और चीज नियमित खाएं
हमें अच्छा महसूस कराने वाले दो न्यूरोट्रांसमिटर होते हैं सेरोटोनिन और डोपामाइन। यह दोनों ही एमिनो एसिड या प्रोटीन से बने होते हैं। हमारे शरीर में अमीनो एसिड बनता है, मगर इनमें से कुछ जरूरी समूह नहीं होते हैं। इनकी जरूरत हमें अपने आहार में जरूरी चीजें शामिल कर पूरी करनी होती है। लिहाजा हमें अपने रोजमर्रा के खानपान में मांस, मछली, अंडा, दूध, चीज, दालें और बीन्स जरूर शामिल करना चाहिए।

विटामिन बी के लिए खाएं चना, अंडा और राजमा
एमिनो एसिड को न्यूरोट्रांसमिटर में बदलने में विटामिन बी का अहम रोल होता है। अगर आप जरूरी मात्रा में विटामिन बी नहीं लेंगे तो शरीर में सेरोटोनिन और डोपामाइन का उत्पादन कम होगा। इसके लिए विटामिन बी की प्रचुर मात्रा वाले खाद्य पदार्थों को अपने नियमित आहार में शामिल करना चाहिए। इसके लिए पूर्ण अनाज, पालक, राजमा, काबुली चना, दालें, सालमन मछली, अंडे और पनीर खाना बेहतर होगा।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें इन खास बातों का रखें ध्यान

स्वस्थ वसा का सेवन करें

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स्वस्थ वसा का सेवन करें
हमारे शरीर की तंत्रिका कोशिकाएं वसा से बनी हैं और इसलिए हमारे आहार में स्वस्थ वसा का होना बेहद जरूरी है। इसके लिए सालमन और मैकरेल समेत तैलीय मछलियों का सेवन करने साथ ही अखरोट भी प्रचुर मात्रा में खा सकते हैं।

पेट का सही रहना है जरूरी 
हमारे पाचन तंत्र की मजबूती भी हमारे मूड को प्रभावित करती है। स्वस्थ पाचन तंत्र का मतलब है आपने जो कुछ खाया वह अच्छे से पच गया है। 95 फीसदी सेरोटोनिन का उत्पादन पेट में ही होता है। पेट की सेहत दुरुस्त रखने के लिए आहार में फाइबर या रेशायुक्त चीजों का सेवन बढ़ाना चाहिए। इससे पेट में मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया को बल मिलता है और हमारा स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। इसके लिए दही, अचार जैसी चीजों को जरूर शामिल करें। 

मीठी चीजों से दूर रहें
आहार विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी, शहद या सोडा जैसी चीजों के स्थान पर अपने खानपान में शकरकंद, गाजर को शामिल करना चाहिए। यह न सिर्फ हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं, बल्कि मूड भी बेहतर बनाते हैं। इनका सेवन मछली, चिकन, अंडे के साथ करने से शरीर पर और भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। 

हॉर्मोन स्तर पर नजर रखें
हॉर्मोन का असर अनियंत्रित होने का सीधा असर हमारे मूड पर पड़ता है। ऑस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन का स्तर अनियंत्रित होने से अवसाद रोधी तंत्र पर असर पड़ता है। इन्हें नियंत्रित रखने के लिए अपने आहार में दालें, बीन्स, काबुली चना जैसी चीजों को शामिल करना चाहिए। रजोनिवृत्ति के दौर में प्रवेश करने वाली या उससे गुजर रही महिलाओं के लिए यह बेहद जरूरी है।