Food is medicine: खाने की इन चीजों को भोजन का हिस्सा बनाया जाएगा, बीमारी से करेंगे बचाव
विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय ‘फूड एज मेडिसिन’ तैयार कर रहा है। जिसमें उन खाद्य पदार्थों को भोजन का हिस्सा बनाया जाएगा जिनके खाने से बीमारियों से बचाव होगा। इनमें मसाले से लेकर...
विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय ‘फूड एज मेडिसिन’ तैयार कर रहा है। जिसमें उन खाद्य पदार्थों को भोजन का हिस्सा बनाया जाएगा जिनके खाने से बीमारियों से बचाव होगा। इनमें मसाले से लेकर आयुर्वेदिक फार्मूले और सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित कई खाद्य पदार्थ भी शामिल होंगे।
वैज्ञानिक एवं औद्यौगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की आधा दर्जन प्रयोगशालाएं इस कार्यक्रम का प्रारूप तैयार करने में जुटी हैं। सीएसआईआर की प्रयोगशाला आईएचबीटी के निदेशक डॉक्टर संजय कुमार के अनुसार कई ऐसी तकनीकें हैं जो सीएसआईआर के पास हैं। जैसे उनके संस्थान ने एंटी आक्सीडेंट युक्त चाय, क्रीड़ाजड़ी के उत्पाद जो रक्त में आक्सीजन बढ़ाते हैं, उच्च प्रोटीन वाली कुट्टू आदि विकसित की हैं। इसी प्रकार जम्मू की एक प्रयोगशाला ने एक गुच्छी (फंगस) विकसित की है जो प्रोटीन की कमी दूर करती है। सीएसआईआर की विभिन्न प्रयोगशालाओं के पास ऐसी सैकड़ों तकनीकें हैं जो दवा का कार्य करती हैं।
तीन भागों में कार्यक्रम : फूड एज मेडिसीन कार्यक्रम तीन भागों में होगा। पहले, उन खाद्य पदार्थों की सूची तैयार कर उनकी दवा क्षमता का ब्यौरा तैयार किया जाएगा। मसलन, कितनी हल्दी रोजाना खाने से क्या फायदा होता है। किसे खानी चाहिए किसे नहीं। इसी प्रकार किस फल में किस बीमारी से लड़ने की क्षमता है। दूसरे चरण में सीएसआईआर अपनी प्रयोगशालाओं और निजी कंपनियों की मदद से ऐसे उत्पाद तैयार कर बाजार में उतारेगा ताकि लोगों को उपलब्ध हों। तीसरे चरण में कंपनियों से सीएसआर कार्यक्रम के तहत गरीबों एवं जरूरत मंदों को ऐसे खाद्य पदार्थ निशुल्क पहुंचाने की कवायद होगी।
जीनोम र्टेंस्टग कार्यक्रम भी : सीएसआईआर के वरिष्ठ अधिकारी सुदीप कुमार के अनुसार, इस कार्यक्रम के साथ-साथ जीएसआईआर जीनोम टेस्टिंग कार्यक्रम भी शुरू कर रहा है। उससे यह पता लग सकेगा कि किस व्यक्ति को क्या बीमारी होने की संभावना है। ऐसी स्थिति में उसके यह तय करना आसान होगा कि वह क्या खाए क्या नहीं ?
मसालों की भूमिका अहम : सीएसआईआर के वैज्ञानिक यह बताएंगे कि कौन से मसाले को रोज कितनी मात्रा में लेना सेहत के लिए ठीक रहेगा।
मधुमेह में फायदेमंद है बीजीआर 34
सीएसआईआर द्वारा हाल में विकसित आयुर्वेदिक फार्मूला बीजीआर-34 मधुमेह के मुहाने पर पहुंच चुके लोगों के लिए फायदेमंद है। सीएसआईआर की मैसूर स्थित खाद्य प्रयोगशाला ने फलों का कार्बोनीकृत पेय तैयार किया है। जो अस्वास्थ्यकर शीतल पेयों का स्थान ले सकता है।
कार्यक्रम का क्रियान्वयन : अभी तय नहीं है पर मिड डे मील, आंगनबाड़ी योजना और आशा कार्यकर्ताओं के जरिये इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा सकता है।
इन खाद्य पदार्थों से ये फायदे
खाद्य पदार्थ तत्व फायदा
चाय एंटी ऑक्सीडेंट रक्त में ऑक्सीजन बढ़ाता है
कुट्टू उच्च प्रोटीन त्वचा, रक्त, हड्डियों की कोशिकाओं का विकास
धनिया लिनालूल और डेकानोइक एसिड बुरा कोलेस्ट्राल, शुगर घटाने में मददगार
लहसुन एलिसिन हाई ब्लड प्रेशर को सामान्य करने में मददगार
हल्दी करकूमीन एंटीअक्सिडेंट कार्डियोवस्कुलर से बचाव
देश में कुपोषण की गंभीर समस्या
24 देश भारी कुपोषण का शिकार हैं, अफ्रीका और एशिया के
3000 बच्चे हर रोज कुपोषण के कारण मौत का शिकार हो जाते हैं भारत में