मीठा जहर, बचके रहना रे बाबा! सेहत के लिए इस बड़ी चुनौती का कैसे करें मुकाबला
अमेरिका में डॉक्टरों ने सलाह दी है कि दफ्तरों के कैंटीन और वेंडिंग मशीनों से मीठे पेय पदार्थ हटा लिए जाएं। इससे कर्मचारियों का मोटापा कंट्रोल करने और उनकी सेहत सुधारने में मदद मिलेगी।...
अमेरिका में डॉक्टरों ने सलाह दी है कि दफ्तरों के कैंटीन और वेंडिंग मशीनों से मीठे पेय पदार्थ हटा लिए जाएं। इससे कर्मचारियों का मोटापा कंट्रोल करने और उनकी सेहत सुधारने में मदद मिलेगी। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के अध्ययन के बाद यह सलाह दी गई है। वहीं, चीन और ब्रिटेन के अनुसंधानकर्ताओं ने भी पाया है कि मीठे खाद्य पदार्थों की तुलना में मीठे पेय पदार्थ ज्यादा घातक होते हैं।
सेहत के लिए इतनी बुरी क्यों है शुगर?
myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. अनुराग शाही के अनुसार, शुगर के अधिक सेवन से रक्त में मौजूद ग्लूकोस का स्तर बढ़ जाता है। इसका शरीर के कई अंगों पर विपरीत असर पड़ता है। खासतौर पर आंख, किडनी और हार्ट पर।
बहुत अधिक शुगर खाने (या पीने) से वजन बढ़ने के अलावा हार्ट संबंधी बीमारियां होती हैं। इसके असर की शुरुआत मुंहासों से होती है। यहां तक कि फलों के रस के अत्यधिक सेवन से कुछ मामलों में टाइप 2 डायबिटीज हो सकती है। मीठे पेय पदार्थों से रोग प्रतिरक्षा घटती है और मरीज समय से पहले बूढ़ा हो सकता है। बहुत अधिक फ्रक्टोज और सुक्रोज (शुगर के दो रूप) फैटी लीवर का कारण बनते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लिवर में अत्यधिक वसा का निर्माण होता है।
ऐसे साबित हुआ ज्यादा खतरनाक हैं मीठे पेय पदार्थ
यूनिवर्सिटी ऑफ अबेरदीन के अनुसंधानकर्ताओं ने चूहों पर एक प्रयोग किया। चूहों के तीन ग्रुप बनाए गए। पहले ग्रुप को शुगर युक्त ठोस खाद्य पदार्थ दिए गए। दूसरे ग्रुप को कम शुगर वाले खाद्य पदार्थ और तीसरे ग्रुप को केवल मीठे पेय पदार्थ दिए गए। आठ हफ्तों बाद पाया गया कि जिस ग्रुप को मीठे पेय पदार्थ दिए गए थे, उनमें सबसे ज्यादा वजन बढ़ा है। इन अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि शुगर का उपयोग खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में स्वाद बढ़ाने और उन्हें लंबे समय तक संरक्षित करने के लिए किया जाता है। ज्यादा शुगर का कारण है जैम, मुरब्बा और पैकेज्ड फूड में शैल्फलाइफ ज्यादा होती है, लेकिन ये इतने ही सेहत के लिए नुकसानदायक हैं।
कितनी शुगर खानी चाहिए?
आहार की मात्रा हर इन्सान की शरीर की जरूरतों के अनुसार तय होती है। शुगर पर भी यही बात लागू होती है, लेकिन विश्व स्वास्थ संगठन ने अपने अध्ययन के बाद इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की है कि एक आम इन्सान को एक दिन में कितनी शुगर का सेवन करना चाहिए? विश्व स्वास्थ्य संगठन एक दिन में छह चम्मच (25 ग्राम) के आसपास रखने की सलाह देता है। ध्यान रहे, इस मात्रा में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले या फलों से मुक्त चीनी, साथ ही परिष्कृत चीनी भी शामिल है।
यदि शुगर नहीं, तो आहार में क्या शामिल किया जाना चाहिए?
जितना संभव हो उतना प्रोसेस्ड फूड (मीठे पेय पदार्थ) से बचना बेहतर है, क्योंकि इनमें अक्सर पोषण कम होता है और हानिकारक तत्व जैसे कृत्रिम रंगों और बड़ी मात्रा में शुगर जरूर होते हैं।
आहार में उच्च गुणवत्ता वाली चीजें, ताजे फल और सब्जियां होने चाहिए क्योंकि इनमें शुगर और वसा कम होती है। साबुत अनाज, सब्जियां, फल, दही, स्वास्थ्यवर्धक वसा जैसे एवोकाडोस, नट्स और प्लांट-बेस्ट ऑयल का सेवन फायदेमंद है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएई) ने इस संबंध में कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं :
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, कोलोकेसिया (अरबी) के पत्ते, फ्रेंच बीन्स की मात्रा बढ़ाएं।
फलों के सेवन का अनुपात इस तरह रखें - 1-2 संतरे/ मौसमी, 7-8 चेरी, 10-12 जामुन, 5-6 स्ट्रॉबेरी, 3-4 प्लम, 1 सेब या एक कटोरी तरबूज हैं।
स्किम्ड या सिंगल टोन्ड मिल्क
दही और पनीर
अंकुरित अनाज की रोटी
प्रतिदिन 2-3 जई / गेहूं की कुक
शीतल पेय और सोडा के बजाय सूप, चमेली की चाय और ताजा नींबू पानी।
रोजाना 10-15 गिलास पानी
अधिक जानकारी के लिए देखें: https://www.myupchar.com/disease/diabetes
स्वास्थ्य आलेख www.myUpchar.com द्वारा लिखा गया है।