याद्दाश्त में कमी से बचा सकती है हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारे शरीर पर उसका प्रभाव दिखने लगता है। नजर का कमजोर होना, चेहर झुर्रियां और याद्दाश्त में कमी उम्र बढ़ने के कुछ लक्षण हैं। मगर याद्दाश्त में कमी के अन्य कारण जैसे अल्जाइमर भी...
उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारे शरीर पर उसका प्रभाव दिखने लगता है। नजर का कमजोर होना, चेहर झुर्रियां और याद्दाश्त में कमी उम्र बढ़ने के कुछ लक्षण हैं। मगर याद्दाश्त में कमी के अन्य कारण जैसे अल्जाइमर भी हो सकता है। एक अध्ययन में देखा गया है कि महिलाओं को रजानिवृत्ति के प्रभावों से उबरने के लिए दी जाने वाली हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी इस समस्या से निजात दिला सकती है।
मिनेसोटा के रोचेस्टर स्थित मेयो क्लीनिक में हुए अध्ययन में विशेषज्ञों ने देखा कि जिन महिलाओं ने हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) ली थी उनमें अलजाइमर से संबंधी प्रोटीन की मात्रा कम मिली। शोधकर्ताओं का कहना है कि एचआरटी याद्दाश्त से संबंधित मस्तिष्क के हिस्से को संरक्षित रखने में मदद करती है।
सात साल तक चले अध्ययन में विशेषज्ञों ने देखा कि एचआरटी लेने वाली महिलाओं के मस्तिष्क में उम्र से संबंधित बदलाव कम देखने को मिले। न्यूरोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि राजोनिवृत्ति में महिलाओं को अत्यधिक गर्मी लगना, सिरदर्द और रात में पसीना आने की शिकायत होती है। इससे निपटने के लिए महिलाओं को एचआरटी के तहत ऑस्ट्रोजेन हॉर्मोन की खुराक दी जाती है, क्योंकि शरीर में प्राकृतिक रूप से इस हॉर्मोन का स्राव होने बंद हो जाता है।
अध्ययन में देखा गया है कि यह हॉर्मोन मस्तिष्क के संपर्क की रक्षा करता है, जब प्राकृतिक रूप से इस हॉर्मोन का स्राव बंद हो जाता है तो मस्तिष्क का सुरक्षा घेरा भी गायब हो जाता है। हॉर्मोन को अलग से लेने से इस सुरक्षा घेरे को दोबारा स्थापित किया जा सकता है।