अब तक के आंकड़ों में कोरोना वायरस का खतरा महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक
कोरोना वायरस का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन यह भी देखा गया है कि इस वायरस का खतरा महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक पाया गया है। चीन और इटली में संक्रमितों की संख्या में ज्यादातर...
कोरोना वायरस का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन यह भी देखा गया है कि इस वायरस का खतरा महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक पाया गया है। चीन और इटली में संक्रमितों की संख्या में ज्यादातर पुरुष ही पाए गए हैं। गौरतलब है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक मजबूत होती है। यही बात यदि अन्य संक्रमण के बारे में करें तो भी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ही संक्रमण अधिक फैलता है।
www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार, सर्दी-जुकाम, खांसी और तेजी बुखार कोरोना वायरस के सामान्य लक्षण हैं, जो महिला-पुरुष, बच्चे-बूढ़े किसी भी में नजर आ सकते हैं।
महिलाओं की जीवन शैली ज्यादा बेहतर
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि महिलाओं की जीवनशैली पुरुषों की तुलना में काफी अच्छी होती है। इसका कारण है कि पुरुषों में धूम्रपान करने और शराब पीने जैसी आदतें महिलाओं की तुलना में अधिक होती है। जिस वजह से पुरुषों के फेफड़ों और लीवर के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
गर्भावस्था के दौरान कोरोना वायरस का खतरा
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर हो जाती है। उनमें संक्रमण होने का खतरा बढ़ता है, लेकिन एक शोध के मुताबिक इस बात के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं कि गर्भवती महिलाओं में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
बच्चों में संक्रमण का खतरा
बच्चों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा हो सकता है, लेकिन उनमें इसके लक्षण काफी कम देखने को मिलते हैं जैसे नाक बहना, खांसी और बुखार होना आदि।
बुजुर्गों और बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली में अंतर
नवजात बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक मजबूत नहीं होती है, इसलिए उन्हें बुखार होना आम बात है। लेकिन प्रतिरक्षा प्रणाली का अधिक सक्रिय होना भी ठीक नहीं है, क्योंकि इससे शरीर के अन्य हिस्सों को हानि पहुंच सकती है। इसलिए कोरोना वायरस ऐसे समय में और अधिक घातक हो जाता है।
पुरुषों में धूम्रपान व शराब जैसे व्यसनों के कारण डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी समस्या ज्यादा होती है। इसलिए उनमें कोरोना के लक्षण सामान्य की तुलना में ज्यादा होते हैं। कोरोना से ग्रसित होने पर ऐसे मरीजों में मौत का खतरा भी ज्यादा हो जाता है। अगर ये मरीज फिजिकल डिस्टेंसिग रखें और किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचाव करें तो कोरोना जैसी घातक बीमारी से खुद को बचा सकते हैं। इसके अलावा घर पर रहते हुए हाथ धोने के साथ ओरल हाइजीन का विशेष ध्यान रखें। गुनगुना पानी पिएं।
पुरुष हों या महिला, समय पर जरूर ले दवाइयां
हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज पेशेंट्स में कोरोना के अलावा भी अन्य इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को समय पर दवाई जरूर लेनी चाहिए। सर्दी-जुकाम की दवाइयां लेते हुए भी ये दवाइयां लेना बंद नहीं करें।
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस के फैलने से डायबिटीज, दिल, किडनी, कैंसर जैसे मरीजों को ज्यादा खतरा है, क्योंकि एक तो यहां ऐसे मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है और दूसरा यहां की आबादी का बड़ा हिस्सा साफ-सफाई को लेकर ज्यादा जागरुक भी नहीं है। इसके अलावा यहां आबादी का घनत्व भी काफी ज्यादा है, जिसकी वजह से कोरोना वायरस यहां पर तेजी से फैल सकता है।
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