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डेंगू का प्रसार रोकेंगे बैक्टीरिया वाले मच्छर, हर साल 40 करोड़ लोगों को बनता है शिकार

मच्छरों के आतंक से सब परेशान हैं। डेंगू, मलेरिया जैसी कई जानलेवा बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं। इनसे बचाव के लिए इंडोनेशिया के वैज्ञानिकों ने एक नया प्रयोग किया है। वहां डेंगू के मामलों को...

डेंगू का प्रसार रोकेंगे बैक्टीरिया वाले मच्छर, हर साल 40 करोड़ लोगों को बनता है शिकार
एजेंसी,जकार्ताTue, 01 Sep 2020 01:27 PM
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मच्छरों के आतंक से सब परेशान हैं। डेंगू, मलेरिया जैसी कई जानलेवा बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं। इनसे बचाव के लिए इंडोनेशिया के वैज्ञानिकों ने एक नया प्रयोग किया है। वहां डेंगू के मामलों को घटाने के लिए मच्छरों को बोल्बाचिया नाम के बैक्टीरिया से संक्रमित करके उन्हें हवा में छोड़ा गया। यह एक ऐसा बैक्टीरिया है जो डेंगू वायरस के प्रसार को नियंत्रित करेगा। इस तरीके से डेंगू के मामलों में 77 फीसदी कमी देखी गई। 

सालाना 40 करोड़ लोग होते हैं प्रभावित-
डेंगू वायरस संक्रमण के बाद व्यक्ति को बुखार और शरीर में दर्द का सामना करना पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक डेंगू का वायरस हर साल 40 करोड़ लोगों को संक्रमित करता है। करीब 25 हजार लोगों की इससे मौत हो जाती है।

वैज्ञानिकों की उम्मीदें बढ़ी-
अध्ययन करने वाली इंडोनेशिया की योग्याकार्टा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता आदी उतरानी के मुताबिक यह बड़ा बदलाव लाने वाली खोज है। उम्मीद है इससे डेंगू के मामले घटेंगे। पिछले तीन साल में ऐसे 3 लाख मच्छर छोड़े गए हैं, जिसमें वोल्बाचिया बैक्टीरिया को डाला गया था। इसे शहर के अलग-अलग हिस्सों में छोड़कर असर देखा गया। अध्ययन में पाया गया कि योग्याकार्टा शहर में डेंगू के मरीजों में कमी आई। 

इंडोनेशिया में सालाना 70 लाख प्रभावि-
शोधकर्ताओं ने यह परीक्षण वर्ल्ड मॉक्स्यूटो प्रोग्राम के साथ मिलकर किया है, जिसके नतीजे इसी हफ्ते जारी किए गए। यहां ट्रायल करने की एक बड़ी वजह डेंगू के अधिक मामले हैं। इंडोनेशिया में हर साल डेंगू के 70 लाख मामले सामने आते हैं। वर्ल्ड मॉस्क्यूटो प्रोग्राम के निदेशख स्कॉट ओनिल का कहना है कि हमारे पास इस बात के प्रमाण हैं कि वोल्बाचिया बैक्टीरिया से डेंगू खत्म करने का तरीका सुरक्षित है।

इस तरह है कारगर-
वैज्ञानिकों के मुताबिक इंसान को संक्रमित करने का काम मादा मच्छर करती है। नए छोड़े गए नर मच्छर मादा के साथ प्रजनन करते हैं। मादा मच्छर का लार्वा इंसान को काटने लायक बनने से पहले ही मर जाता है। इस तरह मादा मच्छर की संख्या नहीं बढ़ पाती और डेंगू के मामले घटते हैं।

50 सालों में 30 गुना मामले बढ़े- 
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पिछले 50 सालों में डेंगू के मामले 30 गुना तक बढ़े हैं। इन्हें नियंत्रित करने के लिए वोल्बाचिया बैक्टीरिया को पहली बार मच्छरों में इंजेक्ट करके ऑस्ट्रेलिया में छोड़ा गया था। पहला प्रयोग 2018 में हुआ था। लेकिन सामान्य क्षेत्र और जहां ये मच्छर छोड़े गए उनके बीच तुलना नहीं की गई थी, इसलिए प्रयोग से जुड़े सटीक आंकड़े सामने नहीं आ पाए थे।

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