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खुलासा: शरीर में मौजूद ये 'तत्व' फिट इंसान को भी दे सकता है हार्ट अटैक

अगर आपको लगता है कि नियमित रूस से वर्कआउट करने और हल्दी डाइट लेने से हार्ट अटैक होने का खतरा नहीं है, तो आप गलत सोच रहे हैं। वैज्ञानिकों को इंसान के शरीर में एक ऐसे तत्व का पता चला है जिसके रहते सबसे...

खुलासा: शरीर में मौजूद ये 'तत्व' फिट इंसान को भी दे सकता है हार्ट अटैक
लाइव हिन्दुस्तान टीम,न्यूयॉर्कSun, 14 Jan 2018 05:27 PM
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अगर आपको लगता है कि नियमित रूस से वर्कआउट करने और हल्दी डाइट लेने से हार्ट अटैक होने का खतरा नहीं है, तो आप गलत सोच रहे हैं। वैज्ञानिकों को इंसान के शरीर में एक ऐसे तत्व का पता चला है जिसके रहते सबसे सेहतमंद शख्स को भी कभी भी भयंकर हार्ट अटैक आ सकता है। इस बात का खुलासा एक अमेरिकन सिलेब्रिटी से हुआ।

दरअसल अमेरिका के सबसे प्रसिद्ध टीवी शो में से एक 'बिगेस्ट लूजर' को होस्ट करने वाले मशहूर ट्रेनर बॉब हार्पर कुछ दिन पहले खबरों में आए थे। कारण था उनको अचानक आया भयंकर हार्ट अटैक, जिसके बाद वो अगले दो दिन कोमा में रहे। हालांकि बॉब बच गए लेकिन डॉक्टरों के लिए हैरानी की बात ये थी कि सबसे फिट लोगों में एक बॉब को आखिर किस कारण इतना जोरदार अटैक पड़ा।

इस प्रोटीन के कारण आते हैं हार्ट अटैक
बॉब हार्पर की जांच में पाया गया कि उनके शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा तो बिल्कुल ठीक थी लेकिन 'लिपोप्रोटीन (ए)' की मात्रा ज्यादा थी। डॉक्टरों ने बताया कि lp(a) खून में पाया जाने वाला तत्व होता है जिसकी मात्रा बढ़ने से लोगों को हार्ट अटैक का खतरा तीन गुनी बढ़ जाता है। लेकिन ज्यादातर लोगों को इस प्रोटीन के बारे में जानकारी नहीं होती है।

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इन कारणों से बढ़ता है लिपोप्रोटीन(ए)
डॉक्टरों का मानना है कि आम तौर पर लोगों को इसे लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। लिपोप्रोटीन(ए) की मात्रा लोगों के जीन्स पर निर्भर करती है और अधिकतर लोगों में इसकी मात्रा कम ही होती है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के एक डॉक्टर ने बताया, 'लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता और साधारण फिजिशियंस को भी इसकी जानकारी नहीं होती। मेरा मानना है कि दुनिया में 15-20 प्रतिशत ही ऐसे लोग होंगे जिनमें लिपोप्रोटीन (ए) की परेशानी होगी।'

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बता दें कि एलपी(ए) का खोज 1963 में नॉर्वे के वैज्ञानिक केर बर्ग ने की थी। ये उस समय सिर्फ उन्हीं लोगों में पाया जाता था जिन्हें चक्रीय हृदय रोग होता था। कुछ डॉक्टरों का मानना है कि एलपी(ए) शरीर में खराब कोशिकाओं को ठीक करता है और साथ ही इंफेक्शन से बचाता है। लेकिन इसकी मात्रा ज्यादा होने पर ये हृदय नलियों में क्लॉटिंग करता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा होता है।

 

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