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सर्दियों में बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

दिमाग की कोशिकाओं की जरूरत को पूरा करने के लिए कई कोशिकाएं दिल से दिमाग तक लगातार ब्लड पहुंचाती रहती हैं। जब ब्लड को दिमाग तक पहुंचने में परेशानी आती है, तब दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती हैं जिसे ब्रेन...

सर्दियों में बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीMon, 12 Nov 2018 01:27 PM
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दिमाग की कोशिकाओं की जरूरत को पूरा करने के लिए कई कोशिकाएं दिल से दिमाग तक लगातार ब्लड पहुंचाती रहती हैं। जब ब्लड को दिमाग तक पहुंचने में परेशानी आती है, तब दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती हैं जिसे ब्रेन स्ट्रोक कहते है। यह दिमाग में ब्लड क्लॉट बनने या ब्लीडिंग होने से भी हो सकता है। रक्त संचरण में रुकावट आने से कुछ ही समय में दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती हैं, क्योंकि उन्हें ऑक्सीजन की जरूरी आपूर्ति नहीं हो पाती। जब दिमाग की ब्लड कोशिकाएं फट जाती हैं तो इसे ब्रेन हैमरेज कहते हैं। कई बार ब्रेन स्ट्रोक जानलेवा भी हो सकता है। इसे ब्रेन अटैक भी कहते हैं।

क्या हैं लक्षण
इसके लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग होते हैं। कई मामलों में तो मरीज को पता ही नहीं चलता कि वह ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुआ है। इन्हीं लक्षणों के आधार पर डॉक्टर पता लगाते हैं कि स्ट्रोक के कारण दिमाग का कौन-सा भाग क्षतिग्रस्त हुआ है। अकसर इसके लक्षण अचानक दिखाई देते हैं।

1. अचानक शरीर के एक भाग में कमजोरी आना।
2. मांसपेशियों का विकृत हो जाना।
3. समझने या बोलने में मुश्किल होना।
4. कम दिखाई देना।
5. चलने में मुश्किल आना, चक्कर आना, संतुलन की कमी हो जाना। अचानक गंभीर सिरदर्द होना। 
6. हाथों का सुन्न हो जाना या नीचे की ओर लटक जाना। 

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किन्हें होता है अधिक खतरा

टाइप-2 डाइबिटीज के मरीजों में इसका खतरा काफी बढ़ जाता है।

हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन के मरीज इसकी चपेट में जल्दी आ जाते हैं।

मोटापा ब्रेन अटैक का एक प्रमुख कारण बन सकता है।

कोलेस्ट्रॉल का बढ़ता स्तर और घटती शारीरिक सक्रियता भी इसका कारण है।

सर्दियों में बढ़ जाता है खतरा

हालांकि सर्दियों में ब्लडप्रेशर के बढ़ने का वास्तविक कारण तो पता नहीं चल पाया है, लेकिन अधिकतर विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों में नसें सिकुड़ जाती हैं और ब्लड गाढ़ा होने से शरीर में इसके संचरण के लिए इसे पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है। इस मौसम में अपने शरीर को ऊनी और गर्म कपड़ों से ढककर स्ट्रोक की आशंका को कम कर सकते हैं। खिड़की-दरवाजे बंद रखें और पर्दे डालकर रखें, ताकि कमरे में गर्मी बनी रहे। कमरे का नॉर्मल तापमान 18 से 21 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। जिन्हें हाई ब्लडप्रेशर है, सर्दियों में सुबह उनका ब्लडप्रेशर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है। इससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

बचाव के लिए है जरूरी

1. तनाव न लें, मानसिक शांति के लिए ध्यान करें। 
2. धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।
3. नियमित रूप से व्यायाम और योग करें।
4. अपना भार औसत से अधिक न बढ़ने दें। 
5. हृदय रोगी और डाइबिटीज के रोगी सावधानी बरतें।
6. सोडियम का अधिक मात्रा में सेवन न करें।

सर्दियों के मौसम में जरूरी है नियमित व्यायाम

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