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रिसर्च: धूम्रपान रोकने वाले पोस्टर ही डालते हैं सिगरेट पीने की आदत!

क्या धूम्रपान रोकने के उद्देश्य से दुकानों पर लगे Anti smoking पोस्टर का वाकई लोगों पर कुछ असर पड़ता है? एक ताजा शोध में दावा किया गया है कि 'धूम्रपान हानिकारिक है' मैसेज को दर्शाने वाले...

रिसर्च: धूम्रपान रोकने वाले पोस्टर ही डालते हैं सिगरेट पीने की आदत!
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 14 Dec 2017 03:56 PM
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क्या धूम्रपान रोकने के उद्देश्य से दुकानों पर लगे Anti smoking पोस्टर का वाकई लोगों पर कुछ असर पड़ता है? एक ताजा शोध में दावा किया गया है कि 'धूम्रपान हानिकारिक है' मैसेज को दर्शाने वाले अलग-अलग तरह के विज्ञापनों का कोई असर नहीं होता, उल्टा इससे युवाओं में सिगरेट पीने की आदत और बढ़ जाती है।

RAND नाम की रिसर्च संस्थान द्वारा किए गए इस शोध में कहा है कि राशन की दुकानों पर तंबाकू बेचने वाली कंपनियां कई तरह के एंटी स्मोकिंग पोस्टर लगवाती हैं। ये पोस्टर तंबाकू को घातक बताने और सिगरेट के इस्तेमाल को रोकने के उद्देश्य से लगाए जाते हैं। लेकिन इनसे लोगों की आदत पर कोई असर नहीं होता। इतना ही नहीं इस नई रिसर्च में ये भी कहा गया है कि इन विज्ञापनों को देखकर और किशोर या युवक स्मोकिंग करने लग जाते हैं। यानि इन पोस्टरों का युवा आबादी पर विपरीत असर हो रहा है। ये शोध अमेरिका के लोगों पर किया गया है।

इस कारण हो रहा उल्टा असर
शोध के मुताबिक रोजमर्रा का सामान बेचने वाले तमाम स्टोर में ये पोस्टर लगे होते हैं। इनमें तंबाकू के इस्तेमाल को सेहत के लिए हानिकारक बताने के लिए कई तरह की तस्वीरें और ग्राफिक्स यूज किए जाते हैं। इन पोस्टरों में छपे नो स्मोकिंग मैसेज इतने कठोर होते हैं कि युवक इनसे डरने के बजाए उसे बजाव के रूप में देखते हैं। शोध के मुताबिक युवकों को लगता है कि तंबाकू बेचने वाली कंपनियां उन्हें ज्यादा प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं और इसी के चलते ज्यादातर युवक सिगरेट का सेवन करने लगते हैं।   

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Nicotine & Tobacco Research में छपे इस शोध में कहा गया है कि रिसर्चरों ने कई नकली राशन की दुकानें बनाईं और उसमें तंबाकू की रोकथाम वाले ये कई पोस्टर लगाए। इसके बाद उन्होंने 11 से 17 की उम्र के करीब 400 किशोरों को इसमें शामिल किया। इन सभी किशोरों को कहा गया कि वो इन स्टोर पर जाने से पहले और जाने के बाद अपनी सिगरेट पीने की आदतों के बारे में बताएं।

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रिसर्चरों ने पाया कि पांच प्रतिशत लोग इसमें से पहले से ही सिगरेट पीते थे, जिन पर कोई असर नहीं हुआ। लेकिन 20 प्रतिशत ऐसे किशोर थे जिन पर स्मोकिंग शुरू करने का खतरा था और ये पोस्टर देखने के बाद उनमें सिगरेट शुरू करने की संभावना और बढ़ गई।

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