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पोषण की कमी से बिगड़ रही युवाओं की मानसिक सेहत

युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य आज हर किसी के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। पोषण विशेषज्ञ इसके लिए खानपान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। ब्रिटेन की प्रमुख पोषण विशेषज्ञ फियोना हंटर का कहना है कि किशोरों...

पोषण की कमी से बिगड़ रही युवाओं की मानसिक सेहत
एजेंसी,लंदन Sat, 14 Apr 2018 07:36 PM
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युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य आज हर किसी के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। पोषण विशेषज्ञ इसके लिए खानपान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। ब्रिटेन की प्रमुख पोषण विशेषज्ञ फियोना हंटर का कहना है कि किशोरों में अक्सर पोषण से जुड़ी समस्याएं होना आम है। मगर, चिंताजनक बात यह है कि इस कमी का असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

अध्ययन के दौरान फियोना ने देखा कि 16 से 25 साल के युवा इस दशक के नाखुश पीढ़ी है, जिसमें हर चार में से एक युवा निराशा से ग्रस्त है। तकरीबन आधे युवाओं में मानसिक स्वास्थ की समस्या है। दरअसल, युवा बिंदास होते हैं और उन्हें उम्र संबंधी बीमारियों का डर नहीं रहता है। उन्हें लगता है कि वे स्वस्थ और फिट हैं, उनमें काफी ऊर्जा भी है। इसलिए उन्हें अपने पोषण के बारे में चिंता करने की भी कोई जरूरत नहीं है। 

नेशनल डायट एंड न्यूट्रिशन सर्वे (एनडीएनएस) के नतीजे हाल ही में प्रकाशित हुए। इसमें काफी संख्या में किशोरों में अहम विटामिन और मिनरल की जबरदस्त कमी पाई गई। विशेषज्ञो का कहना है कि यह वजह उनके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हो सकती है। इसका यह भी मतलब हो सकता है कि वह भविष्य में होने वाली सेहत संबंधी समस्याओं के बीज आज बो रहे हैं। 

अध्ययन में कहा गया है कि दिमाग, मूड और बोध संबंधी दिक्कतें खानपान संबंधी कारणों से होते हैं। इसके अलावा पोषण में कमी का असर भावनात्मक अस्थिरता पर भी हो सकता है।  

युवाओं में अक्सर फल और सब्जियां खाने की आदत कम होती है। इसलिए युवाओं में विटामिन बी फोलेट और मैग्नीशियम व पोटैशियम की कमी कोई नई बात नहीं है। फोलेट और ओमेगा 3 फैट्स डिप्रेशन और अन्य मेंटल हेल्थ संबंधी जरूरतों को पूरा करते हैं।

किशोरों में कैल्शियम की कमी एक और गंभीर चिंता का विषय है। लड़कियों में कैल्शियम की कमी आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकती है। हर समस्या के लिए मोटापे और मीठे को दोष देना भी ठीक नहीं बेहतर होगा किशोर अपने खानपान में पोषण पर भी नजर रखें। 

यह तत्व हैं जरूरी
तत्व : स्रोत
फोलेट :
ब्रॉकली, पालक, चना, मटर  
विटामिन बी2 : दूध और अन्य दुग्ध उत्पाद, अंडा
आयरन : बीन्स, रेड मीट, दालें, सूखे मेवे
कैल्शियम : दूध और अन्य दुग्ध उत्पाद, बादाम, ब्रॉकली
मैग्नीशियम : हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, ब्राउन राइस, होलमील ब्रेड
सेलेनियम : मछली, मीट और अंडा
जिंक : मीट, शेलफिश, चीज
पोटाशियम : फल, सब्जियां, दालें, नट्स और बीज
आयोडीन : समुद्री मछली और शेलफिश

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