देश में हर साल प्रदूषण से दस लाख लोगों की मौत : डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक निर्धारण के निदेशक डॉ. मारिया नीरा ने कहा कि भारत में हर साल प्रदूषण से जुड़ीं दस लाख से अधिक मौत होती हैं। डॉक्टर्स फार...
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक निर्धारण के निदेशक डॉ. मारिया नीरा ने कहा कि भारत में हर साल प्रदूषण से जुड़ीं दस लाख से अधिक मौत होती हैं। डॉक्टर्स फार क्लीन एयर कांक्लेव में उन्होंने यह बात कही। इसमें दो हजार से अधिक डॉक्टरों ने ऑनलाइन शिरकत की।
ऑनलाइन संबोधन में नीरा ने कहा कि एक स्वास्थ्य प्रोफेशनल के रूप में मैंने पहली बार देखा है कि वायु प्रदूषण हमारे शरीर, फेफड़ों और हमारे दिमाग पर कितना असर डालता है। जीवाश्म ईंधन के जलने के कारण उत्पन्न होने वाली प्रदूषित हवा हमारे शरीर के लगभग सभी प्रमुख अंगों को प्रभावित करती है, जो दस लाख से अधिक भारतीयों की मौत का कारण बनती है।
कार्यक्रम के दौरान इंडियन अकादमी ऑफ न्यूरोलाजी के डॉक्टर प्रमोद पाल ने कहा कि वायु प्रदूषण से कई न्यूरोलॉजिकल विकार होने की आशंका भी बढ़ जाती है। जैसे पार्किंसंस रोग, अल्जाइमर आदि बीमारियां शामिल हैं। वायु प्रदूषण को कम करने की आवश्यकता है, जिसके लिए नियामक तंत्र को मजबूत बनाना होगा तथा लोगों में जागरुकता पैदा करनी होगी।
इंडियन पीडियाट्रिक्स अकादमी के अध्यक्ष डॉ. बकुल पारेख ने कहा कि बच्चों को प्रदूषण से बचाना आज सबसे बड़ी चुनौती है, इसलिए स्वास्थ्य पेशेवरों को भी आगे आना चाहिए। इस कार्यक्रम का आयोजन स्वच्छ हवा के लिए कार्य करने वाले डॉक्टरों के एक अखिल भारतीय नेटवर्क डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर ने किया है। दरअसल, स्वस्थ हवा को लेकर सात सितंबर को पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ हवा दिवस मनाया जा रहा है। इसी संदर्भ में यह आयोजन किया गया।