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ओमेगा 3 फैटी एसिड कैंसर से भी करता है रखवाली

अभी तक यही माना जाता था कि ओमेगा 3 फैटी एसिड दिल की सेहत दुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाता है। मगर एक शोध में पता चला है कि मछलियों, नट्स और कुछ बीजों में पाया जाने वाले यह बेहद अहम तत्व कैंसर से...

ओमेगा 3 फैटी एसिड कैंसर से भी करता है रखवाली
एजेंसी,न्यूयॉर्क Sun, 15 Jul 2018 01:16 PM
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अभी तक यही माना जाता था कि ओमेगा 3 फैटी एसिड दिल की सेहत दुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाता है। मगर एक शोध में पता चला है कि मछलियों, नट्स और कुछ बीजों में पाया जाने वाले यह बेहद अहम तत्व कैंसर से बचाव में भी कारगर है। यह अध्ययन यूनीवर्सिटी ऑफ इलिनॉय में भारतीय मूल की अदिती दास की अगुवाई में किया गया। 

इस अध्ययन में पता चला है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड के बायप्रोडक्ट में कैंसररोधी तत्व हो सकते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड के सेवन के बाद जब इनसान के शरीर में उसका चयापचय शुरू होता है तो वह एंडोकैनाबिनॉयड मॉलिक्यूल ईडीपी-ईए का उत्पादन करता है। इसमें सूजनरोधी तत्व भी होते हैं, जो कैंसर को बढ़ने से रोकते हैं। ईडीपी-ईए में वही गुण हैं जो मारिजुआना में पाए जाते हैं। मगर इसके दिमाग पर असर नहीं होता है और यह भी शरीर के उन्हीं रिसेप्टर को निशाना बनाते हैं, जिन पर मारिजुआना का असर होता है। 

प्रमुख शोधकर्ता अदिती दास ने कहा कि हमारे शरीर में एंडोकैनाबिनॉयड तंत्र मौजूद है, जो सूजन और दर्द को कम करता है। अब हमें इसके कैंसररोधी होने का भी पता चला है। यह कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है और एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में रुकावट डालता है। यह अध्ययन जर्नल ऑफ मेडिसिनल केमिस्ट्री में प्रकाशित हो चुका है। 

शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान ऑस्टियोसर्कोमा ट्यूमर से ग्रस्त चूहों में एंडोकैनाबिनॉयड मॉलीक्यूल के असर को देखा। यह हड्डियों का कैंसर होता है, जो न सिर्फ दर्दनाक होता है, बल्कि इसका इलाज भी काफी मुश्किल है। विशेषज्ञों ने देखा कि एंडोकैनाबिनॉयड की वजह से ट्यूमर की बढ़त रुक गई और रक्त वाहिकों में कैंसर सेल को एक जगह से दूसरी जगह जाने से भी रोका। इससे कैंसर कोशिकाएं खत्म हो गईं। 

पहले हुए अध्ययनों में कहा गया है कि एक स्वस्थ वयस्क को अपने वजन के हिसाब से ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करना चाहिए। कुछ लोगों में इसके कारण मोटापा भी हो सकता है, इसलिए इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए। सामान्य परिस्थितियों में एक स्वस्थ व्यक्ति रोजाना इसकी 4 ग्राम खुराक ले सकता है। बच्चे, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं रोजाना 2 ग्राम तक इसका सेवन कर सकती हैं। 

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