अब जल्द हृदय की मैपिंग से ठीक हो सकेंगी दिल से जुड़ी बीमारियां
हृदय की बीमारी से पीड़ित लाखों मरीजों के लिए हार्ट मैपिंग तकनीक आशा की किरण बनकर आई है। इन स्कैनिंग तकनीक की मदद से अब सर्जन मरीजों के शरीर में एक खास तरह का पेसमेकर बिल्कुल सटीक स्थान पर लगा सकेंगे...
हृदय की बीमारी से पीड़ित लाखों मरीजों के लिए हार्ट मैपिंग तकनीक आशा की किरण बनकर आई है। इन स्कैनिंग तकनीक की मदद से अब सर्जन मरीजों के शरीर में एक खास तरह का पेसमेकर बिल्कुल सटीक स्थान पर लगा सकेंगे जिससे दिल की धड़कन को सही तरीके से नियंत्रित किया जा सकेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तकनीक की मदद से मरीजों को लंबी और स्वस्थ जिंदगी जीने में मदद मिलेगी। दिल के मरीजों के लिए मददगार: एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के शोधकर्ता और हृदय विशेषज्ञ आल्डो रिनालडी ने कहा, इस तकनीक से हार्ट फेलियर के मरीजों के जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है।
पहली बार इस मैपिंग तकनीक की मदद से हम पेसमेकर को बिल्कुल सही जगह पर लगाने में सक्षम हुए है। इस तकनीक की मदद से हमेें मरीज के क्षतिग्रस्त ऊतकों के बारे जानकारी मिल गई। ये ऊतक पेसमेकर के इलेक्ट्रिकल प्लस को संचालित नहीं कर पाते।
ऐसे होते हैं पेसमेकर: सभी पेसमेकर में एक छोटा बैटरी पैक होता है जिसे कॉलरबोन के नीचे लगाया जाता है। इसे दिल की मांसपेशियों से जोड़ा जाता है जो धड़कन की विसंगतियों को पहचान कर उन्हें दूर करने के लिए छोटे इलेक्ट्रिकल पल्स छोड़ता है ताकि दिल की धड़कनों की गति को ठीक किया जा सके।