अब नई तकनीक से होगा टीबी का इलाज,जानिए इसके बारे में सबकुछ
वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक की खोज की है जिससे टीबी से ग्रस्त मरीजों को इलाज और प्रभावी होगा। टीबी से ग्रस्त कोशिकाओं से निकलने वाले स्ट्रक्चर को एंटीबॉयोटिक दवाओं के साथ मिलाकर एक नई दवा बनाने का...
वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक की खोज की है जिससे टीबी से ग्रस्त मरीजों को इलाज और प्रभावी होगा। टीबी से ग्रस्त कोशिकाओं से निकलने वाले स्ट्रक्चर को एंटीबॉयोटिक दवाओं के साथ मिलाकर एक नई दवा बनाने का प्रयास किया गया है जो टीबी के प्रति रोगियों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करेगी।
पत्रिका ईएमबीओ रिपोर्ट्स में प्रकाशित शोध के अनुसार टीबी कोशिकाओं से निकले इस स्ट्रक्चर को एक्स्ट्रासेल्युलर वेसिकिल्स का जाता है। इनमें माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस आरएनए नामक अणु होता है जो कई शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटरडम के शोधकर्ताओं के अनुसार यह अणु शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को इस बीमारी से लड़ने के लिए मजबूत करता है।
इस शोध में देखा गया कि बैक्टीरिया का आरएनए टीबी कोशिकाओं को कैसे प्रभावित कर रहा था। इस दौरान पाया गया कि टीबी कोशिकाओं से निकली आरएनए सेल संक्रमण को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर पा रहा था जो शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता नहीं कर पा रही थी। शोधकर्ता जेफरी स्कोरी ने बताया कि इससे पहले कभी टीबी कोशिकाओं से निकले आरएनए सेल्स के प्रभावों पर अध्ययन नहीं किया गया था।
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