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दिल की हिफाजत करने में सबसे ज्यादा फायदेमंद सरसों का तेल

टीवी पर आप न जाने कितनी तरह के खाद्य तेल के विज्ञापन देखते होंगे। कोई कहता है ये तेल आपके दिल का ख्याल रखेगा, तो कोई कहता है कि इस तेल से आप बीमार नहीं पड़ेंगे। इन विज्ञापनों की भीड़ में आप दादी-नानी...

दिल की हिफाजत करने में सबसे ज्यादा फायदेमंद सरसों का तेल
नई दिल्ली, टीना थाकेरWed, 21 Nov 2018 07:11 PM
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टीवी पर आप न जाने कितनी तरह के खाद्य तेल के विज्ञापन देखते होंगे। कोई कहता है ये तेल आपके दिल का ख्याल रखेगा, तो कोई कहता है कि इस तेल से आप बीमार नहीं पड़ेंगे। इन विज्ञापनों की भीड़ में आप दादी-नानी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सरसों के तेल को भूल गए हैं। मगर शायद आप नहीं जानते कि सरसों का तेल आपकी दिल की हिफाजत करने में सबसे ज्यादा उपयोगी है। 

अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) का कहना है कि सरसों, जैतून (ऑलिव) या कैनोला का तेल दिल के लिए काफी अच्छा है। एफडीए के मुताबिक खाने में इन तेलों के इस्तेमाल से दिल की बीमारियों का खतरा दूर रहता है। शीर्ष अमेरिकी नियामक प्राधिकरण को शोध में ऐसे सबूत मिले हैं, जो इस दावे को पुख्ता करते हैं। इन तेलों में ओलेइक एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड) बहुत ज्यादा होता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। छह छोटे क्लीनिकल अध्ययनों के आधार पर एफडीए ने यह दावा किया है। 

अमेरिकी प्रशासन ने अब तेल के लेबल पर स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को लिखने की अनुमति दे दी है। हालांकि मानकों पर खरा उतरने के लिए इन तेलों में कम से कम 70 फीसदी ओलेइक एसिड होना जरूरी होता है। एडीए आयुक्त स्कॉट गोटिलिब के मुताबिक नियामक निकाय द्वारा अनुमोदन करना खाने में पौष्टिक तत्वों को बढ़ाने और दिल की बीमारियों के खतरों को कम करने की तरफ बढ़ाया गया कदम है। 

एफडीए के मुताबिक हर रोज ओलेइक एसिड वाले तेल की करीब 20 ग्राम (एक चम्मच) मात्रा का उपयोग करने से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। हालांकि इसके लेबल पर यह स्पष्ट करना होगा कि इन तेलों के फायदे हासिल करने के लिए आपको ज्यादा सैचुरेटेड फैट वाले तेल को बदलना होगा और साथ ही आप जितनी कैलोरी दिन में लेते हैं, उसे सीमित रखना होगा। 

सरसों का तेल सबसे सस्ता विकल्प :

फोर्टिस-सी-डॉक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डायबिटीज, मेटाबॉलिक डीसिज व एंडोक्राइनोलॉजी और नेशनल डायबिटीक, ओबेसिटी एंड कोलेस्ट्रॉल  फाउंडेशन के चेयरमैन  डॉक्टर अनूप मिश्रा का कहना है कि एफडीए की हरी झंडी के बाद इस दावे को मजबूती मिलेगी कि मोनोअनसैचुरेटेड फैट स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। उन्होंने कहा, ‘भारत में तेल और फैट को लेकर काफी गलत जानकारियां मौजूद हैं। बहुत से लोग तो सैचुरेटेड फैट वाले तेल जैसे घी और नारियल तेल का प्रयोग करने की भी सिफारिश करते हैं। जबकि ये लिवर और मेटाबॉलिज्म के लिए बहुत ही खराब है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘ज्यादा मोनोअनसैचुरेटेड फैट वाले तेल (सबसे सस्ता विकल्प सरसों का तेल) के काफी फायदे हैं। इससे भारतीयों को लाभ होना चाहिए। अगर इसका सीमित मात्रा में इस्तेमाल किया जाए तो दिल की बीमारियों को रोका जा सकता है।

क्या है मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड

मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (मूफा) एक प्रकार का अनसैचुरेटेड फैटी खाना होता है, जिसमें अच्छा फैट होने के साथ कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मौजूद होते हैं। डॉक्टर मिश्रा के मुताबिक भारत में जो तेल उपलब्ध हैं, उनमें जैतून के तेल (ऑलिव ऑयल) में सबसे ज्यादा ओलेइक एसिड होता है। इसके बाद कैनोला, सरसों और मूंगफली के तेल का नंबर आता है। 

किसमें कितना ओलेइक एसिड 

तेल प्रतिशत 

जैतून  73

कैनोला 63

सरसों  60

मूंगफली 46

सोयाबीन 23

इनमें भी ओलेइक एसिड 

खाद्य तेल के अलावा बादाम, पिस्ता और एवोकाडो में भी ओलेइक एसिड काफी मात्रा में होता है। 

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