फोटो गैलरी

Hindi Newsअधिकतर मधुमेह रोगी अपनी हालत से हैं अनजान, ऐसे रखें ख्याल

अधिकतर मधुमेह रोगी अपनी हालत से हैं अनजान, ऐसे रखें ख्याल

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में लगभग 6.2 करोड़ लोगों को मधुमेह की समस्या है। यह संख्या वर्ष 2025 तक बढ़कर 7 करोड़ होने का अनुमान है। हालांकि, (15-49 वर्ष) आयु वर्ग के अधिकतर लोग इस बात से...

अधिकतर मधुमेह रोगी अपनी हालत से हैं अनजान, ऐसे रखें ख्याल
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीTue, 21 May 2019 09:56 PM
ऐप पर पढ़ें

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में लगभग 6.2 करोड़ लोगों को मधुमेह की समस्या है। यह संख्या वर्ष 2025 तक बढ़कर 7 करोड़ होने का अनुमान है। हालांकि, (15-49 वर्ष) आयु वर्ग के अधिकतर लोग इस बात से अनजान रहते हैं कि उन्हें डायबिटीज की बीमारी है और ऐसी स्थिति ज्यादा खतरनाक है। जीवनशैली की बीमारी कही जाने वाली डायबिटीज, दुनिया में दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश के लिए एक विशाल सार्वजनिक स्वास्थ्य बाधा है। मधुमेह से गुर्दे की क्षति और हृदय रोग सहित जानलेवा जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है।

इस बारे में बात करते हुए, पद्म श्री अवार्डी, डॉ. के के अग्रवाल, अध्यक्ष, एचसीएफआई ने कहा, “प्रोसेस्ड एवं जंक फूड से भरपूर उच्च कैलोरी वाला आहार, मोटापा और निष्क्रिय जीवन, देष में मधुमेह पीड़ित युवाओं की बढ़ती संख्या के कुछ प्रमुख कारण हैं। समय पर ढंग से जांच न कर पाना और डॉक्टर के निर्देषों का पालन न करना उनके लिए और भी जटिल हो जाता है, जिससे उन्हें अपेक्षाकृत कम उम्र में अन्य संबंधित परेशानियों में फंसने का खतरा हो जाता है। एक धारणा यह भी है कि क्योंकि टाइप 2 मधुमेह वाले युवाओं को इंसुलिन की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए यह उतना भयावह नहीं है जितना कि लगता है। हालांकि, यह एक गलत धारणा है। इस स्थिति में तत्काल उपचार और प्रबंधन की आवश्यकता होती है।”

इन टिप्स की मदद से दूर करें स्किन कैंसर का खतरा

टाइप 2 मधुमेह के लक्षण समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होते हैं। उनमें से कुछ में प्यास और भूख में वृद्धि, बार-बार पेशाब आना, वजन कम होना, थकान, धुंधली नजर, संक्रमण और घावों का धीमी गति से उपचार और कुछ क्षेत्रों में त्वचा का काला पड़ना शामिल हैं।

जीवन शैली विकारों के बिना 80 साल की उम्र तक जीने के लिए एचसीएफआई का 80 का फॉर्मूला

1. बीपी कम ही रखें- एलडीएल यानी ’खराब’ कोलेस्ट्रॉल का स्तर, रैस्टिंग हृदय गति, चीनी और पेट के निचले स्तर की चैड़ाई को 80 से कम रखें।
2. प्रतिदिन 80 मिनट पैदल चलें- सप्ताह में 80 मिनट (कम से कम) प्रति मिनट 80 कदम की गति से तेज दौड़ें।
3. भोजन कम ही खाएं- प्रत्येक भोजन में 80 ग्राम या एमएल से अधिक कैलोरी न लें। 
4. वर्ष में 80 दिन बिना अनाज वाला उपवास करें।
5. धूम्रपान न करें- वरना उपचार के लिए रु. 80,000 अलग करके रखें।
6. एल्कोहॉल ना पिएं- यदि आप इसे लेते हैं, तो पुरुषों के लिए प्रति दिन 80 मिलीलीटर (महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत) या प्रति सप्ताह 80 ग्राम से अधिक का उपभोग न करें। 30 मिलीलीटर शराब या एक औंस 80 प्रूफ लिक्वर में दस ग्राम अल्कोहल मौजूद होता है।
7. यदि आप हृदय रोगी हैं, तो एक दिन में 80 मिलीग्राम एस्पिरिन और 80 मिलीग्राम एटोरवास्टेटिन लेने पर विचार करें।
8. किडनी और फेफड़े के कार्य को 80 प्रतिशत से अधिक रखें।
9. पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर वाले धूल कणों से बचें।
10. शोर के 80 डीबी स्तर के संपर्क में आने से बचें।
11. साल में 80 दिन धूप से विटामिन डी लें।
12. प्राणायाम (पैरासिम्पेथेटिक ब्रीदिंग) के 80 चक्र प्रति दिन 4 मिनट की गति से करें।
13. हर दिन खुद के साथ 80 मिनट बिताएं (विश्राम, ध्यान, दूसरों की मदद करना आदि)।

मधुमेह से पीड़ित लोग रोजे के दौरान बरतें ये सावधानियां

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें