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मानसून: मौसम सुहाना पर साथ आई कई बीमारियां, बारिश के पानी से रहें सावधान

बरसात के मौसम में वायरल तेजी के साथ फैलता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है इसलिए इससे बचने के लिए रोगी व्यक्ति से संपर्क नहीं रखना चाहिए। बरसात के मौसम में डेंगू फैलने की संभावना...

मानसून: मौसम सुहाना पर साथ आई कई बीमारियां, बारिश के पानी से रहें सावधान
लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाताSat, 14 Jul 2018 12:40 PM
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बरसात के मौसम में वायरल तेजी के साथ फैलता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है इसलिए इससे बचने के लिए रोगी व्यक्ति से संपर्क नहीं रखना चाहिए। बरसात के मौसम में डेंगू फैलने की संभावना ज्यादा रहती है। डेंगू, बुखार, वायरल है जो मानसून के दौरान मादा एडिज इजिप्टी नामक मच्छर से फैलता है। इसमें तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, जी मिचलाना और उल्टी आना जोड़ों और मांसपेशियों में ऐठन और अकड़न, त्वचा पर चक्कते उभरना, शारीरिक कमजोरी और थकान आदि के लक्षण होते हैं। 

केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के सदस्य डॉ. अनुरुद्ध वर्मा और राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय गोमतीनगर के प्रधानाचार्य डॉ. विजय पुष्कर ने बताया कि कुछ सावधानियां अपनाकर बरसाती बीमरियों से बचा जा सकता है। बरसात के मौसम में पानी प्रदूषित हो जाता है। इस मौसम में बैक्टीरिया और वायरस तेजी के साथ पनपते हैं। भोजन बहुत जल्दी प्रदूषित हो जाता है। प्रदूषित पानी और खाने-पीने की चीजों से कालरा, गस्ट्रोइंट्राइटिस, दस्त, पेचिस आदि गंभीर रोग हो सकते हैं। इससे बचाव के लिये साफ पानी पियें, बासी भोजन, खुले और कटे फल, खुली चाट-पकौड़ी व भोजन आदि का प्रयोग न करें। दस्त आदि होने पर तत्काल ओआरएस का घोल लेना प्रारंभ कर दें।

बरसात में होने वाली बीमारियां

कालरा, पेचिस, दस्त, गैस्ट्रोइंट्राइटिस, फूड पॉयजनिंग बदहजमी के साथ मलेरिया, वायरल फीवर, डेंगू, चिकुनगुनिया, कन्जेक्टवाइटिस, पीलिया, टाइफाइड बुखार व अन्य रोगों के होने की संभावना बढ़ जाती है। 

ये बरतें सावधानियां

बरसात के मौसम में गंदगी और जल भराव के कारण मच्छर तेजी के साथ पनपते हैं जिससे मलेरिया बुखार का खतरा बढ़ जाता है। मलेरिया बुखार से बचने के लिए आस-पास की साफ-सफाई पर ध्यान दें। आस-पास पानी न इकट्ठा होने दें जिससे मच्छर न पनप सकें और मच्छर दानी लगाकर सोना चाहिए।

साफ-सफाई का रखें ध्यान

बरसात के मौसम में अपच, बदहजमी, गैस, खट्टी डकारें आदि की समस्या हो जाती है क्योंकि शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है। साथ ही गरिष्ठ भोजन का प्रयोग बढ़ जाता है। इससे बचने के लिये शारीरिक सक्रियता बनाये रखे। साथ ही हल्का व सुपाच्य भोजन करें। बरसात के उमस एवं गंदगी भरे मौसम में गंदे व प्रदूषित पानी से बचना चाहिए एवं साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए। 

 

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