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समय से पहले सेहत के लिए अच्छा नहीं मेनोपॉज, उम्र के 60वें दशक में घेर लेती हैं बीमारियां

महिलाओं में समय से पहले मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति कई परेशानियां खड़ी कर सकती हैं। जिन महिलाओं में 40 या इससे पहले की उम्र में मासिक धर्म आना बंद हो जाते हैं यानी मेनोपॉज समय से जल्दी हो जाता है तो...

समय से पहले सेहत के लिए अच्छा नहीं मेनोपॉज, उम्र के 60वें दशक में घेर लेती हैं बीमारियां
myupcharMon, 27 Jan 2020 12:08 PM
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महिलाओं में समय से पहले मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति कई परेशानियां खड़ी कर सकती हैं। जिन महिलाओं में 40 या इससे पहले की उम्र में मासिक धर्म आना बंद हो जाते हैं यानी मेनोपॉज समय से जल्दी हो जाता है तो उनमें गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में जब महिलाएं 60 की उम्र के पड़ाव पर पहुंचती हैं, तो कई या गंभीर बीमारियों के विकास की आशंका लगभग तीन गुना अधिक होती है। रिसर्च में सामने आया है कि यह उन महिलाओं की तुलना में तीन गुना अधिक होती है जो 50 या 51 वर्ष की उम्र में मेनोपॉज से गुजरती हैं। खासतौर पर ये महिलाएं उम्र के 60वें दशक में दिल की बीमारियों और मधुमेह जैसी बीमारियों के संपर्क में आती हैं।

www.myupchar.com से जुड़े डॉ. विशाल मकवाना का कहना है कि मेनोपॉज एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं के शरीर में बहुत सारे हार्मोनल बदलाव होने से अंडाशय में अंडे बनना बंद हो जाते हैं। प्रत्येक महिला को 45-50 की उम्र में मेनोपॉज का सामना करना पड़ता है, लेकिन समय से पहले मेनोपॉज को प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर कहा जाता है।

पहले हुए अध्ययन में उच्च आय वाले देशों में मेनोपॉज के बाद महिलाएं अपने जीवन का एक-तिहाई हिस्सा स्वस्थ हो कर जी लेती हैं, लेकिन ह्यूमन रिप्रोडक्शन में प्रकाशित हालिया अध्ययन प्राकृतिक तरीके से मेनोपॉज के समय और कई तरह की बीमारियों के बीच संबंधों पर प्रकाश डालता है।

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आस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण में 5,100 से अधिक महिलाओं का डाटा तैयार किया गया था। महिलाओं ने 1996 से 2016 तक तीन साल के अंतराल पर बताया कि क्या उन्हें मधुमेह, हाई बीपी, हृदय रोग, स्ट्रोक, गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस, अस्थमा, अवसाद, चिंता या स्तन कैंसर सहित 11 स्वास्थ्य समस्याओं में से किसी एक को डायग्नोस किया गया है।

पूरे 20 साल तक किए गए इस अध्ययन में सामने आया कि जिन महिलाओं में प्रीमेच्योर मेनॉपॉज हुआ था, उनमें मल्टीमोर्बिडिटी यानी मेनॉपॉज के बाद होनेवाली एक से अधिक दिक्कतें देखने को मिलीं।
चीन की झेजियांग यूनिवर्सिटी के रिसर्च प्रोफेसर शियाओलिन जू ने कहा कि समय से पहले मेनोपॉज वाली महिलाओं में से 40-50 प्रतिशत महिलाओं ने 40 प्रतिशत महिलाओं की तुलना में 60 प्रतिशत में मल्टीमॉर्बिडिटी विकसित की थी, जिन्होंने 50-51 वर्ष की उम्र में मेनोपॉज का अनुभव किया था। अध्ययन से पता नहीं चलता है कि समय से पहले मेनोपॉज मल्टीमॉर्बिडिटी के विकास का कारण बनती है, केवल यह पता चलता है कि इसका एक मजबूत संबंध है।
क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी, ब्रिस्बेन के अध्ययन के अनुसार, सर्च बताती है कि मल्टीमॉर्बिडिटी मिड ऐज और उम्रदराज महिलाओं में काफी आम है। वे बताती हैं कि प्रीमेच्यॉर मेनॉपॉज इन महिलाओं में मल्टीमॉर्बिडिटी की समस्या का जोखिम बढ़ा देता है।

जो महिलाएं प्राकृतिक तौर पर मेनॉपॉज की स्थिति से गुजर रही हों, उन्हें भी डॉक्टर्स से स्वास्थ्य संबंधी निर्देश लेने चाहिए, ताकि सेहत से जुड़ी दूसरी समस्याओं का जोखिम कम हो सके।

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स्वास्थ्य आलेख www.myUpchar.com द्वारा लिखे गए हैं

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