पुरुषों में चीज़ें चेक करने और महिलाओं में जमा करने की होती है आदत: शोध
उत्तर भारत में हुए एक शोध के मुताबिक पुरुषों में चीजों को बार-बार चेक करने व गिनने जबकि महिलाओं में जमा करने की आदत होती है। पुरुष बार-बार चेक करते हैं कि दरवाजा बंद है या नहीं, जबकि महिलाएं चीजें...
उत्तर भारत में हुए एक शोध के मुताबिक पुरुषों में चीजों को बार-बार चेक करने व गिनने जबकि महिलाओं में जमा करने की आदत होती है। पुरुष बार-बार चेक करते हैं कि दरवाजा बंद है या नहीं, जबकि महिलाएं चीजें जमा करती हैं जैसे खाली डिब्बे या अन्य चीजें जिनकी आवश्यकता भी नहीं होती। शोध में यह भी पाया गया है कि ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसोर्डर (ओसीडी) की समस्या पुरुष और महिलाओं दोनों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है। ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसोर्डर एक बहुत ही सामान्य मानसिक समस्या है। ओसीडी का असर किसी भी व्यक्ति की पढ़ाई या रोजमर्रा के कामों पर पड़ता है।
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) के मनोचिकित्सा विभाग के दो डॉक्टर डॉ. अजित अवस्थी (एचओडी) और डॉ. संदीप ग्रोवर इस शोध का हिस्सा रहे। इस शोध का नाम 'जेंडर डिफरेंसेस इन ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसोर्डर: फाइंडिंग्स फ्रॉम ए मल्टीसेंटर स्टडी फ्रॉम इंडिया' था। यह शोध हाल ही में 'एशियन जर्नल ऑफ साइकाइअट्री' में प्रकाशित हुआ था।
इस शोध में उत्तर भारत के 16 केंद्रों से आंकड़े लिए गए थे। इसमें ओसीडी से ग्रस्त 18 वर्ष से अधिक के 945 लोग शामिल थे। इनमें 60 प्रतिशत ऐसे थे जिनका लंबा इलाज चल रहा था।
अध्ययन के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि पुरुषों में चीजें चेक करने और गिनने की प्रवृत्ति महिलाओं के मुकाबले ज्यादा है। पुरुषों में यह 66 प्रतिशत थी जबकि महिलाओं में 55.6 प्रतिशत। वहीं जमा करने के मामले में महिलाएं पुरुषों से आगे रहीं। महिलाओं में इस दर का आंकड़ा 15.5% था जबकि पुरुषों में 9.8%।
डॉक्टरों के मुताबिक इसका मतलब यह है कि पुरुषों में चीजें बार-बार चेक करने और गिनने की आदत होती है। वह अपनी टाइ, पेपर क्लिप, रूमाल जैसी चीजें बार बार गिनते हैं। जबकि महिलाएं वो चीजें भी जमा करती हैं जिसकी उन्हें भविष्य में जरूरत नहीं पड़ेती। इसके अलावा वह बार-बार कमरा और बर्तन साफ करती रहती हैं।