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पेट के ऊपर दाहिने हिस्से में गांठ लिवर कैंसर का हो सकता है लक्षण

ज्यादातर हेपेटाइटिस से पीड़ित मरीजों को लिवर कैंसर की शिकायत रहती है। हालांकि यह कैंसर औद्योगिक प्रदूषण से भी होता है। पेट में दर्द होना, पेट के ऊपर दाहिने हिस्से में गांठ महसूस हो तो समझ लीजिए लिवर...

पेट के ऊपर दाहिने हिस्से में गांठ लिवर कैंसर का हो सकता है लक्षण
पटना | वरीय संवाददाताMon, 01 Oct 2018 12:03 PM
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ज्यादातर हेपेटाइटिस से पीड़ित मरीजों को लिवर कैंसर की शिकायत रहती है। हालांकि यह कैंसर औद्योगिक प्रदूषण से भी होता है। पेट में दर्द होना, पेट के ऊपर दाहिने हिस्से में गांठ महसूस हो तो समझ लीजिए लिवर कैंसर के यह लक्षण हैं। ऐसे में बिना देर किए किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क कर इलाज कराना चाहिए।

पेट से संबंधित किसी भी तरह की गंभीर बीमारी का इलाज समय रहते शुरू करा देना चाहिए। इसमें देरी होने से मरीज और परिजन दोनों को काफी आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। ये बातें पटना एम्स के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट डॉ.कुणाल परासर ने कही।
वे आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान के 'डॉक्टर की सलाह' कार्यक्रम में फोन पर राज्यभर से आए सवालों का जवाब दे रहे थे।  

 डॉ.कुणाल मरीजों की समस्या का समाधान करने के साथ-साथ पटना एम्स में मिल रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दे रहे थे। उन्होंने बताया कि जानकारी के अभाव में पेट संबंधी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए लोग बिहार से बाहर चले जाते हैं। उन्हें अब बाहर जाने की जरूरत नहीं है।

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गॉल ब्लाडर कैंसर होने पर टुकड़े की जांच न कराएं
गंगा किनारे रहने वाले लोगों में सबसे अधिक गॉल ब्लॉडर कैंसर हो रहा है। हालांकि इन इलाके में क्यों हो रहा है इसका मुख्य कारण का पता नहीं चल पाया है। फिलहाल जो कारण संभावित है उसमें आर्सेनिक, गंगा का प्रदूषित पानी और सरसों तेल शामिल है। अगर उपचार की बात करें तो गॉल ब्लॉडर कैंसर होने पर गॉल ब्लाडर का टुकड़ा लेकर उसकी जांच की जाती है या करायी जाती है, जो गलत है। गॉल ब्लॉडर कैंसर है या उसकी संभावना है उसके बारे में जानकारी आल्ट्रासाउंड से भी हो जाती है। मांस के गांठ बनने की या बन चुका है,इसकी स्थिति का पता चल जाता है। ऐसे में बिना टुकड़े की जांच कराये इलाज कराना चाहिए और उसका ऑपरेशन होना चाहिए।

इन्होंने भी पूछे सवाल
मधुबनी से राज किशोर, रामजीतन मंडल, पूर्णिया से अंशुलता, गया ये ओम प्रकाश, गया से वीरेन्द्र कुमार, औराई से उषा कुमारी, बेतिया से धमेन्द्र कुमार, पूर्वी चंपारण से रविरंजन, जहानाबाद से उषा देवी, मुजफ्फरपुर से अमित कुमार शुक्ला, दरभंगा से राजेन्द्र, कंकड़बाग से राहुल कुमार, भागलपुर से सूरज कुमार, हाजीपुर से नीलू जायसवाल, पटना से लालबाबू सिंह

डॉ. कुणाल परासर, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट,पटना एम्स

सवाल: पेट में हमेशा गैस की शिकायत रहती है। (वैशाली से नूर आलम)
जवाब: घी, तेल, मसाला आदि का सेवन कम से कम करें। एक बार में ही अधिक न खाएं। थोड़ा-थोड़ा करके कुछ देर के अंतराल पर बार-बार भोजन करें। ऐसा करने से बहुत हद तक गैस की समस्या से निजात मिलने में सहूलियत होगी। अनियमित तरीके से खाना खाने से ऐसी परेशानी होती है।

सवाल: पेट फूलने लगता है कभी-कभी ऐसा होने से बहुत डर लगता है।(कैमूर से रविभूषण सिंह)
जवाब: बिना देखे इसका इलाज संभव नहीं है। पहले तो आप अपने नजदीकी किसी अस्पताल में दिखाएं। अगर वहां के डॉक्टर बड़ी बीमारी की बात कहें तो सीधे पटना एम्स लेकर चले आइए।

सवाल: पिछले आठ महीने से भूख नहीं लगने की शिकायत है। (सीवान से आकाश रंजन यादव)
जवाब: भूख कम लगना या ज्यादा लगना कोई बीमारी नहीं है। किसी को ज्यादा भूख लग सकती है तो किसी को कम, लेकिन पिछले आठ महीने से अपको भूख नहीं लग रही है तो इसका कारण तभी पता चलेगा जब किसी अच्छे डॉक्टर से दिखाएंगे। अपने शहर में ही किसी अच्छे डॉक्टर से दिखला सकते हैं, नहीं तो पटना एम्स चले आइए।

सवाल: बड़ी आंत में सूजन है क्या करें।(नवादा से सुभाष शर्मा)
जवाब: किसी अच्छे डॉक्टर से मिलकर जांच कराएं। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही इलाज के बारे में कुछ कहा जा सकता है। 

सवाल: भोजन करने के बाद तुरंत उल्टी हो जाती है। (मुजफ्फरपुर से रमेश कुमार)
जवाब: एम्स पटना में आकर गैस्ट्रोलॉजी विभाग में दिखाना होगा। फिलहार एक इंडोस्कोपी करा लीजिए और किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से दिखाएं। बिना देखे दवा के बारे में जानकारी नहीं दी जा सकती है।

सवाल: पित्त की थैली में पत्थरी की शिकायत है।(पटना से वैभव)
जवाब: बहुत बड़ी पत्थरी होती है तो उसका ऑपरेशन से इलाज किया जाता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है पत्थरी का आकार बहुत छोटा होता है। ऐसे में एक बार जांच करा लें। उसके बाद ही पता चल सकेगा कि स्थिति क्या है।

पटना एम्स में शुरू है सुविधा
लोगों ने पटना एम्स में इलाज से संबंधित सवाल भी पूछे। इस पर डॉ.कुणाल परासर ने कहा कि जो लोग भी दिल्ली एम्स में दिखाने जाते हैं उन्हें एक बार पटना एम्स में भी दिखाना चाहिए। ऐसा इसलिए भी कि दिल्ली एम्स ने पैंक्रियाज कैंसर, पित्त की थैली में सूजन और खाने की नली में बढ़े हुए मांस के पांच मरीजों को पटना एम्स में रेफर किया था। पटना एम्स के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने उन सभी पांचों केस का सफल ऑपरेशन किया।  दिल्ली एम्स में ऑपरेशन का डेट मिलने में भी काफी समय लग जाता है। ऐसे में मरीजों को चाहिए कि पहले पटना एम्स में एक बार जरूर दिखाएं। 

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