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नैपरसाइज थेरपी से बेड पर लेटे-लेटे 45 मिनट में घटाएं अपना वजन!

ब्रिटेन में ‘नैपरसाइज’ यानी सोते हुए वजन घटाने का तरीका तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। नींद की कमी से जूझ रहे सैकड़ों लोग थकान और कमजोरी दूर करने के अलावा मोटापे पर काबू पाने के लिए रोजाना...

नैपरसाइज थेरपी से बेड पर लेटे-लेटे 45 मिनट में घटाएं अपना वजन!
एजेंसी,लंदनSat, 03 Jun 2017 08:58 PM
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ब्रिटेन में ‘नैपरसाइज’ यानी सोते हुए वजन घटाने का तरीका तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। नींद की कमी से जूझ रहे सैकड़ों लोग थकान और कमजोरी दूर करने के अलावा मोटापे पर काबू पाने के लिए रोजाना नैपरसाइज क्लास का रुख कर रहे हैं।

दौड़ने-भागने की जरूरत नहीं
लंदन के डेविड लॉयड हेल्थ क्लब के मुताबिक ‘नैपरसाइज’ एक स्लीप थेरेपी है, जिसमें वजन कम करने के लिए लोगों को न तो ट्रेडमिल पर दौड़ने की जरूरत पड़ती है और न ही साइक्लिंग करने की। दोपहर में 45 मिनट तक की जाने वाली ‘नैपरसाइज’ के तहत 15 मिनट की स्ट्रेचिंग के बाद लोगों को एक आरामदायक बेड पर लेटने को कहा जाता है। फिर उनकी आंखों पर काली पट्टी बांधते हुए कमरे में दिमाग को सुकून देने वाला मद्धम संगीत बजाया जाता है। इस दौरान कमरे का तापमान उस स्तर पर रखा जाता है, जिसमें मानव शरीर में कैलोरी की खपत की प्रक्रिया तेज हो जाती है।

मूड सुधारने में बेहद कारगर
डेविड लॉयड हेल्थ क्लब के प्रशिक्षकों ने ‘नैपरसाइज’ लेने वाले लोगों के शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार दर्ज किया है। उनकी मानें तो इस स्लीप थेरेपी से ब्लड शुगर, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहने के साथ-साथ स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल के स्त्राव में भी कमी आती है। यानी ‘नैपरसाइज’ टाइप-2 डायबिटीज, हृदयरोग, हाइपरटेंशन और डिप्रेशन से बचाव में कारगर तो है ही, साथ ही इससे मूड सुधरने, एकाग्रता बढ़ने, याददाश्त दुरुस्त रहने और तार्किक क्षमता में इजाफा होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इस स्लीप थेरेपी का असर 15 दिनों में दिखने लगता है।

नींद की कमी
-20 करोड़ से अधिक लोग दुनिया भर में नींद की कमी से जूझ रहे
-86% अभिभावक कम नींद की वजह से कमजोरी महसूस करते हैं
-26% मां-बाप रोज पांच घंटे या उससे कम सोने की बात स्वीकारते हैं
-33% अभिभावक रोजाना जरूरी सात-आठ घंटे की नींद नहीं ले पाते
-19% नौकरीपेशा मां-बाप को दफ्तर में काम के बीच झपकी लगती है
-5% बच्चों को स्कूल से घर लाने जैसे जरूरी काम तक भूल जाते हैं

क्या हैं खतरे
-50% तक बढ़ जाता है मोटापे का खतरा रोज छह घंटे से कम नींद लेने पर
-30% ज्यादा हो जाती है टाइप-2 डायबिटीज के चपेट में आने की आशंका
-25% वृद्धि स्तन कैंसर के खतरे में होती है सात घंटे न सोने वाली महिलाओं में
-58% इजाफा होता है हार्ट अटैक से मौत की आशंका में छह घंटे से कम सोने पर
(स्रोत : सीएसडीएस, डेविड लॉयड हेल्थ क्लब और फ्रांसीसी स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य संस्थाओं के अध्ययन)

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