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Hindi NewsChamki Bukhar : Expert से जानें कैसे हर साल सैकड़ों बच्चों की जान का बनता है दुश्मन, देखें Video

Chamki Bukhar : Expert से जानें कैसे हर साल सैकड़ों बच्चों की जान का बनता है दुश्मन, देखें Video

हर साल बिहार के कई शहरों में दिमागी बुखार या चमकी बुखार की चपेट में आकर सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है। इस साल भी अब तक इस बीमारी से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि...

Chamki Bukhar : Expert से जानें कैसे हर साल सैकड़ों बच्चों की जान का बनता है दुश्मन, देखें Video
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली Sun, 30 Jun 2019 08:45 AM
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हर साल बिहार के कई शहरों में दिमागी बुखार या चमकी बुखार की चपेट में आकर सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है। इस साल भी अब तक इस बीमारी से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर भारत में सबसे बड़ा लीची उत्पादक क्षेत्र है और एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार के लिए इसे सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जा रहा है। 

यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने एक अध्ययन में बताया कि यह बीमारी हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड शुगर की मात्रा अत्यधिक घटना) का कारण बनने वाले प्राकृतिक रूप से उत्पन्न फल जनित टॉक्सिन और मैटाबॉलिक गड़बड़ी की वजह से होती है। इसके अलावा बच्चों में कुपोषण इस रोग के प्रभाव को और भी जटिल बना देता है। 

दिल्ली के वसंतकुंज स्थित फोर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल अस्पताल के पिडियाट्रिक्स एवं नियोनेटोलॉजी में डायरेक्टर और एचओडी डॉ राहुल नागपाल ने कहा, अधिक तापमान और बच्चों में कुपोषण की वजह से इस बीमारी की गंभीरता बढ़ जाती है। 

डॉ नागपाल का कहना है कि चमकी बुखार या एईएस से बचने के लिए लीची का सेवन कम करने के अलावा बच्चों के पोशण में सुधार लाने का काम किया जाए। साथ ही इस भीषण गर्मी से बचाने के उपाय किए जाएं। दिमागी बुखार के इलाज के लिए जल्द बीमारी की पहचान, हाइपोग्लाइसीमिया में सुधार, दौरे पर नियंत्रण और पिडियाट्रिक आईसीयू में हाई टेक्नोलॉजी से लैस मशीन महत्वपूर्ण साबित होते हैं।

ये जिले ज्यादा प्रभावित 
शोध के मुताबिक एईएस प्रभावित प्रमुख जिलों में गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, नवादा, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण हैं। 

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