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पाचन क्रिया को दुरुस्त रखें, अपनाएं ये योगासन

शरीर की तंदुरुस्ती आपके पाचन तंत्र पर निर्भर करती है। पाचन तंत्र की मदद से भोजन आपके शरीर की आवश्यकता को पूरा करता है। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और कोशिकाएं ठीक होती हैं। पाचन तंत्र को मजबूत बनाने...

पाचन क्रिया को दुरुस्त रखें, अपनाएं ये योगासन
हिन्दुस्तान फीचर टीम,नई दिल्लीSat, 15 Dec 2018 12:04 PM
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शरीर की तंदुरुस्ती आपके पाचन तंत्र पर निर्भर करती है। पाचन तंत्र की मदद से भोजन आपके शरीर की आवश्यकता को पूरा करता है। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और कोशिकाएं ठीक होती हैं। पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए, बता रही हैं यशी सक्सेना

आपको जो भी व्यक्ति सेहतमंद दिखता है, समझ जाएं कि उसका हाजमा दुरुस्त है। अगर आपका पाचन तंत्र ठीक नहीं है या आपका वजन बहुत कम है, तो आपको सही व्यायाम करने की जरूरत है, ताकि आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त बनी रहे। दरअसल, बिना अच्छे पाचन तंत्र के किसी व्यक्ति का मोटा होना तो दूर, स्वस्थ रहना भी मुश्किल है। आज की इस तेज रफ्तार जिंदगी में कई ऐसे लोग देखने को मिल जाते हैं, जिनका शरीर बहुत कमजोर होता है। ऐसा नजर आता है, जैसे वे खाना बहुत कम खाते हैं, जबकि वास्तव में वे सबसे अधिक खाना खाते हैं। यह अलग बात है कि खाया हुआ खाना उनके शरीर में नहीं लगता। इसका कारण है पाचन तंत्र का ठीक न होना। आइए जानते हैं कि किन योगासनों को अपने जीवन में अपनाकर आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

वज्रासन 
खाना खाने के बाद वज्रासन करना पेट और गर्भाशय की मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करता है। नियमित तौर पर वज्रासन का अभ्यास जोड़ों के दर्द जैसे रोगों को दूर रखने में मददगार होता है। वजन को कम और शरीर को सुडौल बनाने में यह आसन मदद करता है। वज्रासन के दौरान शरीर के मध्य भाग पर सबसे अधिक दबाव पड़ता है। इस दौरान पेट और आंतों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे कब्ज की दिक्कत दूर होती है और पाचन ठीक रहता है।
विधि : इस आसन के लिए आप दोनों घुटनों को मोड़ लें और पंजों के बल नीचे बैठ जाएं। शरीर का पूरा भार आप पैरों पर डालें। वज्रासन करते समय कमर एकदम सीधी रखें। अब इसी अवस्था में 10 मिनट बैठे रहें और लम्बी-लम्बी सांस लें। 

नौकासन
इस आसन को नौकासन इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसमें मुद्रा नाव की तरह होती है। यह पेट की चर्बी को कम करने के लिए बहुत ही प्रभावशाली योगाभ्यास है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, साथ ही साथ सिर से लेकर पैर की अंगुली तक फायदा पहुंचाता है। 
विधि : सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं। आपके हाथ जांघ के बगल में हों और आपका शरीर एक सीध में हो। अब आप सांस लेते हुए अपने सिर, पैर को 30 डिग्री पर उठाएं। धीरे-धीरे सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें, इसको अपने हिसाब से बनाए रखें।

धनुरासन 
इस आसन में शरीर की आकृति खिंचे हुए धनुष के समान दिखाई देती है, इसलिए इसे धनुरासन कहा जाता है। इससे सभी आंतरिक अंगों, मांसपेशियों और जोड़ों का व्यायाम हो जाता है। गले के तमाम रोग नष्ट होते हैं। पाचन शक्ति बढ़ती है, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, कमर दर्द और पेट संबंधी रोगों में भी यह लाभकारी है।
विधि : सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाएं। सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़ें और अपने हाथ से टखनों को पकड़ें। सांस लेते हुए आप अपने सिर, छाती एवं जांघ को ऊपर की ओर उठाएं। अपने शरीर के लचीलेपन के हिसाब से आप अपने शरीर को और ऊपर उठा सकते हैं। इसी तरह पेट संबंधी विकार दूर करने के लिए अग्निसार क्रिया का भी लाभ लिया जा सकता है।

क्या है पाचन तंत्र 
जब हम कुछ भी खाते हैं, उसे सही रूप से हमारे शरीर में पहुंचाने का काम पाचन तंत्र करता है। पाचन क्रिया भोजन को पोषक तत्वों में 
बदल कर हमारे शरीर को शक्ति देती है, जिससे हमारी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है। 

पाचन क्यों होता है कमजोर
बेवक्त खाना, नींद पूरी ना लेना, तनाव अधिक लेना, फास्ट फूड अधिक खाना, जल्दी-जल्दी भोजन करना, शारीरिक क्रिया कम होना, देर तक बैठ कर काम करना आदि इसके प्रमुख कारण हैं।

पाचन तंत्र को ठीक करें 
अधिक मात्रा में पानी पिएं, अपनी दिनचर्या सही रखें, पूरी नींद लें।


कपालभाति 
कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास से तनाव, अस्थमा की बीमारी दूर हो जाती हैं। इससे गैस, कब्ज और खून के विकार की समस्याएं दूर होती हैं।
विधि : पद्मासन, सिद्धासन, सुखासन या कुर्सी पर रीढ़, गला व सिर को सीधा कर बैठ जाएं। हाथों को घुटनों पर स्थिरतापूर्वक रख लें। आंखों को ढीला बंद कर तीन-चार श्वास-प्रश्वास लें। अब नासिका द्वारा सामान्य श्वास अंदर लेकर नासिका द्वारा ही एक हल्के झटके से श्वास बाहर निकालें। पुन: सामान्य श्वास अंदर लेकर झटके से प्रश्वास बाहर निकालें। यह कपालभाति क्रिया है। इसमें आवृत्तियों चक्रों की संख्या बढ़ाएं।
(योग शिक्षक रेखा कुमारी से की गई बातचीत पर आधारित)

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