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क्या सर्दियों में ज्यादा रहता है हार्ट अटैक का खतरा, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

कई अध्ययनों में पाया गया है कि सर्दी के महीनों में दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। इस सीजन में दिल के दौरे के कारण मृत्यु दर 50 प्रतिशत अधिक हो सकता है। जैसे ही तापमान गिरता है, शरीर के...

क्या सर्दियों में ज्यादा रहता है हार्ट अटैक का खतरा, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
myupchar.com,नई दिल्लीTue, 19 Nov 2019 02:06 PM
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कई अध्ययनों में पाया गया है कि सर्दी के महीनों में दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। इस सीजन में दिल के दौरे के कारण मृत्यु दर 50 प्रतिशत अधिक हो सकता है। जैसे ही तापमान गिरता है, शरीर के अंदर गर्मी बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। शरीर के आंतरिक तापमान में गिरावट हृदय संबंधी समस्याओं वाले मरीजों के लिए बहुत खतरनाक है। विशेषज्ञों के अनुसार,  जिन मरीजों को दिल की बीमारी है, उनके लिए सर्दी सबसे खराब समय है। सर्दियों के दौरान सीने में बेचैनी, खूब पसीना, गर्दन, हाथ, जबड़े और कंधे में दर्द या सांस की तकलीफ को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

एम्स के डॉ. नबी वली के अनुसार, दिल का दौरा तब पड़ता है जब हार्ट तक जाने वाले ऑक्सीजन युक्त ब्लड का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। अधिकांश मामलों में धमनियों के सिकुड़ने से ऐसा होता है और धमनियां वसा (फैट), कोलेस्ट्रॉल जैसे कारणों से सिकुड़ती हैं। 

सर्दियों में हृदय से संबंधित बीमारियों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण रक्तचाप में वृद्धि हो सकता है। धमनियां संकुचित हो जाती हैं जिसके कारण हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ता है। सर्दियां रक्त प्रवाह में कुछ प्रोटीनों के स्तर को बढ़ाती हैं जो बदले में रक्त के थक्कों के जोखिम को बढ़ाता हैं। हाइपोथर्मिया के कारण कई हार्ट अटैक होते हैं। यह वह स्थिति है जब असामान्य रूप से कम शरीर के तापमान के कारण हार्ट फेल्योर होता है।

 जेएएमए कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, स्वीडन में रहने वाले लगभग 274,000 लोगों के बारे में जानकारी का विश्लेषण किया दिल का दौरा पड़ने का जोखिम उन दिनों पर सबसे बड़ा था जब तापमान ठंड से कम था। 2015 में  पीएलओएस वन में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि सबसे गर्म के साथ तुलना में वर्ष के सबसे ठंडे महीनों में दिल के दौरे में 31 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई।

अध्ययनों से पता चलता है, सर्दियों का मौसम आपके दिल के लिए विशेष रूप से जोखिम भरा हो सकता है। उन लोगों को ज्यादा आशंका है अगर पहले से ही दिल का दौरा पड़ा है, कोई हृदय रोग है, या 65 वर्ष से अधिक उम्र का व्यक्ति है।

एक और संभावित कारण यह हो सकता है कि ठंड का मौसम धुंध और प्रदूषकों से छाती के संक्रमण का कारण बनता है, जो दिल के दौरे की घटनाओं को बढ़ा सकता है। दूसरी ओर,  छोटे और ठंडे दिनों में घर के अंदर रहने वाले व्यक्ति को सुस्ती हो सकती है और एक प्रकार का अवसाद हो सकता है जिसे सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर (एसएडी) के रूप में जाना जाता है। यह भी दिल की बीमारियां के लिए एक जोखिम कारक भी हो सकता है।

सभी हृदय रोगियों को सर्दियों में अपने हृदय और मानसिक तनाव के स्तर की जांच करवानी चाहिए। दिल का दौरा अनियमित भोजन, देर रात जगना, दवाओं की नियमित खुराक के अभाव और धूम्रपान और शराब पीने के साथ आ सकता है। सर्दियों के दौरान तीव्र तनाव से संबंधित घटनाएं आम हैं, खासकर सुबह के शुरुआती घंटों में। 

  सर्दियों में ऐसे करें बचाव

व्यायाम दिल के लिए अच्छा होता है लेकिन ठंड के दिनों मॉर्निंग वॉक न करें क्योंकि रक्तचाप स्वाभाविक रूप से सुबह बढ़ जाता है। इसकी बजाए सूर्यास्त के बाद शाम को टहलें।

शरीर का तापमान सही रखने के लिए घर पर ही समय बिताएं। मोजे, ग्लव्स पहने और खुद को गर्माहट वाले कपड़ों से कवर करें। ध्यान रहे कि हर समय गर्म पानी से ही नहाएं।

ज्यादा खाना खाना आपके दिल पर हमेशा एक अतिरिक्त भार का काम करता है। थोड़ा खाएं, हेल्दी खुराक लें और टुकड़ों में खाने की कोशिश करें। नमक और पानी लेना नियंत्रण में रखें।

इमरजेंसी के लिए तैयार रहे और कोई भी लक्षणों को नजरअंदाज न करें जिसमें सीने में बैचेनी, पसीना आना, सांस लेने में तकलीफ या गर्दन, जबड़े या कंधे में दर्द हो और पैरों में सूजन हो। तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

अधिक जानकारी के लिए देखें: https://www.myupchar.com/childcare/obesity-in-children

स्वास्थ्य आलेख www.myUpchar.com द्वारा लिखा गया है। 

 

 

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