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Hindi NewsInternational Yoga Day 2019 : पार्किंसन के बढ़ते कदमों को रोकने में मदद करेंगे ये 4 आसन, जानिए इनके बारे में

International Yoga Day 2019 : पार्किंसन के बढ़ते कदमों को रोकने में मदद करेंगे ये 4 आसन, जानिए इनके बारे में

योगाभ्यास उपचार की ऐसी प्राचीन पद्धति है, जिसमें शरीर ही नहीं मन भी निरोग हो जाता है। नियमित योगाभ्यास से कई असाध्य रोगों पर भी काबू पाया जा सकता है। ऐसी बीमारियों में से एक है पार्किंसन, जिसमें शरीर...

International Yoga Day 2019 : पार्किंसन के बढ़ते कदमों को रोकने में मदद करेंगे ये 4 आसन, जानिए इनके बारे में
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली Thu, 20 Jun 2019 07:26 PM
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योगाभ्यास उपचार की ऐसी प्राचीन पद्धति है, जिसमें शरीर ही नहीं मन भी निरोग हो जाता है। नियमित योगाभ्यास से कई असाध्य रोगों पर भी काबू पाया जा सकता है। ऐसी बीमारियों में से एक है पार्किंसन, जिसमें शरीर पर संतुलन की समस्या हो जाता है। इस बीमारी के सटीक कारणों की अब तक जानकारी नहीं मिल सकी है। इस बीमारी में व्यक्ति का सेंट्रल नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो इस बीमारी को फिजियोथेरेपी, सर्जरी या योगासनों की मदद से बढ़ने से रोका जा सकता है। 

उत्तानासन
उत्तानासन का मतलब स्ट्रैच पोज होता है। यह आसन करने से शरीर को बहुत फायदे होते हैं। इस आसन को करने के दौरान आपका सिर आपके हृदय के नीचे होता है। जिससे आपके पैरों के बजाय आपके सिर में रक्त परिसंचरण होता है। साथ ही आपकी कोशिकाओं को ऑक्सीजन पहुंचती है।

अनुलोम-विलोम
अनुलोम-विलोम प्राणायाम मस्तिष्क में संतुलन लाता है। यह हमारी विचार करने की शक्ति और भावनाओं में समन्वय लाता है। प्राणायाम के दौरान जब हम गहरी सांस भरते हैं तो शुद्ध वायु हमारे खून के दूषित पदार्थों को बाहर निकाल देती है। 

ताड़ासन
ताड़ासन योग मुद्रा पैर से लेकर दोनों भुजाओं और शरीर में खिंचाव लाने के लिए और लंबाई बढ़ाने के लिए बहुत ही प्रभावी होता है। इसके अलावा भी यह आसन करने से शरीर को कई फायदे होते हैं। यह विभिन्न विकारों से हमें दूर रखता है। ताड़ासन दिन में किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन भोजन करने के बाद ही अगर यह आसन करना चाहते हैं तो करीब चार से छह घंटे पहले भोजन कर लें। 

ऊर्ध्व हस्तानासन
ऊर्ध्व हस्तानासन का मतलब है उठे हुए हाथों की मुद्रा। इस आसन का अभ्यास आपको मानसिक और शारीरिक लाभ देता है। इसके अभ्यास से कब्ज मिटती है और पसलियों का दर्द दूर होता है। इस आसन को करने से साइटिका का दर्द तथा कमर व जांघों का दर्द समाप्त होता है। 

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