Health Tips : सर्दी की दस्तक, नाक बचानी है तो मुकाबला करना होगा 200 किस्म के वायरस से
ठंड का मौसम दस्तक दे रहा है। आते ही सर्दी-जुकाम की मौजूदगी घर-घर में देखने को मिलती है। फटाफट छींक और लाल नाक एक तरह से हमें और पूरे परिवार को मौसम के बदलने का संकेत दे देती है। वायरल बीमारी की...
ठंड का मौसम दस्तक दे रहा है। आते ही सर्दी-जुकाम की मौजूदगी घर-घर में देखने को मिलती है। फटाफट छींक और लाल नाक एक तरह से हमें और पूरे परिवार को मौसम के बदलने का संकेत दे देती है। वायरल बीमारी की श्रेणी में आने वाला सर्दी-जुकाम होने पर हमें सांस लेने में दिक्कत, सिर भारी, हल्का सा बुखार तक देखने को मिलता है। यह संक्रामक बीमारी है जो हमारे छींकने और हमारे स्पर्श के जरिये दूसरों तक फैल सकती है।
myupchar.com से जुड़े डॉ. आयुष पांडे के मुताबिक 200 से अधिक वायरस इस बीमारी के लिए जिम्मेदार होते हैं, लेकिन राइनोवायरस इसका सबसे आम प्रकार है। आधे से ज्यादा मामले इसी के होते हैं। कोरोनावायरस, रेस्पिरेटरी सिंशियल वायरस, इन्फ्लुएंजा और पैरा इन्फ्लुएंजा कुछ अन्य वायरस हैं जिनकी वजह से सर्दी-जुकाम हो सकता है।
वायरसों में विविधता के चलते हमारा शरीर सर्दी के खिलाफ कोई प्रतिरोध क्षमता विकसित नहीं कर पाता। नतीजा यह होता है कि एक ही व्यक्ति को कई-कई बार सर्दी-जुकाम हो जाता है। वयस्कों को साल में 2-3 बार और बच्चों को तो दर्जनभर तक बार सर्दी-जुकाम का सामना करना पड़ सकता है।
सर्दी की वजह बनने वाले मुख्य वायरस
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राइनोवायरस
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ह्यूमन पैरा इन्फ्लुएंजा वायरस
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एंटेरोवायरस
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ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस
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कोरोनावायरस
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एडिनोवायरस
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रेस्पिरेटरी सिंशियल वायरस
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एन्टेरोवायरस
एक ताजा सर्वेक्षण में कोरोना वायरस को निमोनिया और कभी-कभी किडनी फेल होने का कारण माना गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की मौत तक होने की आशंका होती है। इस खतरनाक वायरस के रोगियों की संख्या सऊदी अरब और जॉर्डन में ही नहीं अब जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस में भी बढ़ रही है।
कैसे होता है सर्दी-जुकाम
आमतौर पर सर्दी-जुकाम हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने के बाद वायरस के हमले से होता है। म्यूकस (बलगम), जो हमारे नाक, गले, मुंह से तैयार होता है, सबसे पहले प्रतिकार करता है, लेकिन वायरस जब इसे भेद देता है तो वह कोशिकाओं तक पहुंचकर उसी म्यूकस का इस्तेमाल हमें बीमार करने के लिए शुरू कर देते हैं।
सर्दी-जुकाम के लक्षण
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छींकें आना
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गला सूखना, खराश होना
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खांसी
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हल्का बुखार
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आवाज मोटी हो जाना
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नाक बंद होना
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सिरदर्द
यह तो ज्यादा चिंता की बात
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मांसपेशियों में दर्द, थकावट महसूस करना
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ठंड लगना
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आंखें गुलाबी होना
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भूख में कमी और कमजोरी
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कई बार कान में दर्द
कई बार हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने पर यह तीव्र ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया, तीव्र बैक्टिरियल साइनसिस, बैक्टिरीयल मेनिंजाइटिस का भी रूप ले लेता है। सीने में दर्द, सांस लेने में ज्यादा तकलीफ, तेज बुखार हो तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। बलगम का बदलता रंग भी सर्दी-जुकाम की गंभीरता को कई बार बयान कर देता है।
कैसे होता है इलाज
सर्दी-जुकाम सामान्यतया किसी एंटीबायोटिक या एंटीवाइरल दवा से खत्म तो नहीं होता, हां हमें राहत दे सकता है। सामान्य सर्दी-जुकाम तकरीबन डेढ़ हफ्ते में ठीक होता है। आम सोच के विपरीत सर्दियों में भी हमें भरपूर पानी पीना चाहिए। इस बात का खयाल रखें कि पानी सामान्य, कुनकुना या कुछ गर्म हो। फ्रिज से निकालकर सीधे किसी भी चीज को न खाएं न पीएं। सर्दी-जुकाम हो जाए तो भरपूर आराम कीजिए। गर्म पानी में विक्स या कोई अन्य ऐसी ही दवा डालकर भाप लें।
जीवनशैली में बदलाव
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संक्रमित व्यक्ति से कुछ दूरी बनाकर रखें
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खांसते-छींकते वक्त मुंह पर रुमाल रखना न भूलें। उस रुमाल को धो कर हाथ भी धो लें
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शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करें
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धूम्रपान को टालें
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हर्बल चाय, हल्दी, तुलसी, अदरक, काली मिर्च पावडर, इलायची जैसे घरेलू नुस्खे अपनाएं
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बाहर जाते वक्त खुद को अच्छी तरह से ढंके ताकि हवा न लग जाए। सिर, गले को भी अच्छी तरह से ढंकना न भूलें
कुल मिलाकर निष्कर्ष यह कि सर्दी-जुकाम मौसम में बदलाव के साथ आने वाली बीमारी है। जरूरत है तो इसे नियंत्रित रखने की और पहले से ही एहतियात बरत कर इसे दूर रखने की। कुछ वक्त में राहत न मिले तो बेहिचक डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि हालत गंभीर होने से पहले उस पर नियंत्रण पाया जा सके।
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