पहली बार मां बनने जा रही हैं तो जान लें ये जरूरी बातें
महिलाओं को गर्भावस्था में नसीहतें देने वाले कई मिल जाते हैं। ऐसा करो, ऐसा मत करो, यह खाओ, वह मत खाओ, ऐसा करने से बच्चा स्वस्थ रहेगा, वगैरह-वगैरह। इसमें भी कोई महिला पहली बार मां बनने जा...
महिलाओं को गर्भावस्था में नसीहतें देने वाले कई मिल जाते हैं। ऐसा करो, ऐसा मत करो, यह खाओ, वह मत खाओ, ऐसा करने से बच्चा स्वस्थ रहेगा, वगैरह-वगैरह। इसमें भी कोई महिला पहली बार मां बनने जा रही हो तो कई तरह के सवाल, दुविधाएं मन में होती हैं। आखिर किसे सुनें और क्या करें, क्या न करें? पहले तो यह समझना जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक जिम्मेदारियां होती हैं, क्योंकि यह जीवन का सबसे खास मोड़ होता है। यही वह समय है जब गर्भवती को अपने खाने-पीने का पूरा ध्यान रखना है जो कि हो सकता है उससे पहले कभी नहीं किया हो। यह इसलिए जरूरी है कि मां के जरिए ही पेट में पल रहे बच्चे को पोषण मिल पाता है। क्या खाना है क्या नहीं, यह समझने से पहले दिमाग में यह बात बैठा लें कि दो लोगों के हिसाब से खाना है।
गर्भावस्था को बीमारी नहीं माने, इसका लुत्फ उठाएं
कई लोग गर्भावस्था को इस तरह ट्रीट करते हैं जैसे कि यह बीमारी हो। पहले तो इस पल का आनंद लेना होगा। हो सकता है आपके मेडिकल हिस्ट्री को देखते हुए डॉक्टर कुछ परहेज का बोले। जैसे जेस्टेशनल डायबिटीज से पीड़ित को डॉक्टर कम मीठा खाने की सलाह देते हैं तो इसका परहेज जरूरी है।
कब्ज से बचकर रहें
एक बात और सबसे ज्यादा गर्भावस्था में परेशान करती है और वो है कब्ज। कब्ज के कारण पड़ने वाला दबाव मां और बच्चे दोनों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। पाचन तंत्र ठीक न होने से पोषण पूरा नहीं मिल पाता है। इसे दूर करने के लिए फाइबर अपने भोजन में शामिल करें। साबुत फलों का सेवन करें। अपने डाइट के बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।
खाने-पीने में रखें ये सावधानियां
यह जरूर है कि गर्भावस्था में कई बार तरह-तरह की चीजें खाने का मन होता है लेकिन अगर गर्भवती तला या भारी भोजन लेंगी तो मुश्किल हो सकती है। बाहर का खाना पीना परेशानी खड़ी कर सकता है। अगर चाट या पानी-पूरी खाने की इच्छा भी है तो इसे घर पर बनवाए ना कि रेहड़ी या दुकान पर जाकर खाएं। इस मामले में हाइजिन जरूरी है। ज्यूस भी पीना हो तो घर में ही तैयार करें। फास्ट फूड्स से दूर रहे क्योंकि मंचूरियन या नूडल्स जैसे फूड्स में अजीनोमोटो डाला जाता है जो दिक्कत दे सकता है। घर के बने भोजन से बेहतर गर्भवती के लिए कोई विकल्प नहीं है। कम से कम शुरुआती तीन महीने तो बाहर की चीजों से दूर रहें।
यह कहना कि गर्भावस्था में दो लोगों के हिसाब से भोजन करना होता है तो इसका मतलब यह नहीं कि भारी भोजन कर लें। यहां ओवरईटिंग की जरूरत नहीं है। जितनी भूख हो उतना ही भोजन करें और सबसे अच्छा होगा अगर आप टुकड़ों में करेंगे। प्रोटीन और आयरन से भरपूर हरी सब्जियां, गुड़, बादाम, चने आदि डाइट में शामिल करें।
गर्भावस्था में एक बड़ा ही दिलचस्प पल होता है देर रात भूख लगना। इसका आनंद लें, तनाव नहीं। लेकिन अगर देर रात कुछ खाएं तो हेल्दी ऑप्शन चुनें।
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स्वास्थ्य आलेख www.myUpchar.com द्वारा लिखे गए हैं।