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माइग्रेन से पीड़ित अपनों का ध्यान कैसे रखें, क्या करें और क्या न करें 

हमारी जिंदगी में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब हम घिसे-पिटे या ऐसे सवाल करते हैं जो हमें तो स्वाभाविक लगते हैं, लेकिन पहले से ही परेशान सामने वाले व्यक्ति को और अधिक परेशान कर देते हैं। ऐसी ही...

माइग्रेन से पीड़ित अपनों का ध्यान कैसे रखें, क्या करें और क्या न करें 
myupchar,नई दिल्लीMon, 11 Nov 2019 12:55 PM
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हमारी जिंदगी में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब हम घिसे-पिटे या ऐसे सवाल करते हैं जो हमें तो स्वाभाविक लगते हैं, लेकिन पहले से ही परेशान सामने वाले व्यक्ति को और अधिक परेशान कर देते हैं। ऐसी ही परिस्थितियों में से एक है माइग्रेन, जिसमें व्यक्ति अनचाहे सरदर्द के कारण पहले से ही परेशान होता है और हमारे सवालों की बौछार उसे राहत देने की बजाय काम को बिगाड़ ही देती हैं। माइग्रेन एक ऐसा रोग है जिसमें सरदर्द तो गाहे-बगाहे सामने आता ही है, कई बार यह दिन में तारे दिखने की कहावत को भी सही कर देता है। ऐसे वक्त में मरीज को बस बिना किसी शोर-शराबे के शांति के अलावा किसी और बात की तलाश नहीं होती। 

अगर ये लक्षण हैं, तो माइग्रेन है

Myupchar.com से जुड़े और ऐम्स, दिल्ली के डॉ. नबी दार्या वली के मुताबिक, “माइग्रेन एक प्रकार का ऐसा सिरदर्द है जिसमें सिर के दोनों या एक ओर रुक-रुक कर भयानक दर्द होता है। यह मूल रूप से न्यूरोलॉजिकल समस्या है। माइग्रेन के समय दिमाग में खून का संचार बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति को तेज सिरदर्द होने लगता है। माइग्रेन की पीड़ा 2 घंटे से लेकर कई दिनों तक बनी रहती है।”

 जब किसी व्यक्ति को माइग्रेन का अटैक आता है तो उसकी आवाज लड़खड़ाने लगती है, वह वक्त, दुनिया का होश गंवा देता है। कई बार हालात इतने बुरे हो जाते हैं कि परीक्षा देते वक्त आप अपना नाम तक आंसर शीट पर लिखना भूल जाते हैं। बस आपके दिलोदिमाग में एक ही ख्वाहिश होती है कि किसी तरह से इस माइग्रेन अटैक से बाहर निकला जाए। माइग्रेन का असर सामाजिक जीवन पर भी पड़ता है क्योंकि आपको माइग्रेन अटैक के डर से दोस्तों, परिजनों के साथ कहीं बाहर पार्टी के लिए जाने से साफ इनकार कर देना पड़ता है। आप देर रात तक जाग नहीं सकते और पार्टी की जान कहलाने वाला कान फोड़ने वाला संगीत आप जरा भी एंजॉय नहीं कर सकते। निश्चित तौर पर माइग्रेन के मरीजों की मदद उनके अपने दोस्तों, परिजनों द्वारा ही ज्यादा बेहतर तरीके से की जा सकती है। 

तो आइए आपको बताते हैं वह बातें जो आपको माइग्रेन के अटैक के शिकार व्यक्ति से बिल्कुल नहीं कहना चाहिए-

अरे जरा सा सरदर्द है, चला जाएगा

ऐसा कतई नहीं है। यह नियमित सरदर्द से बहुत अलग है। कई बार इसकी शुरुआत आंखों के सामने तारे या अंधियारा छाने जैसे लक्षणों के साथ होती है और आप जिस ओर भी देखते हैं आपको बीच-बीच में काले धब्बे दिखाई देने लग जाते हैं। उसके बाद शुरू होता है असहनीय सरदर्द का दौर, जिसमें आपको उल्टी करने की इच्छा होने लगती है। 

भई, क्या दिन भर सोते रहते हो!

माइग्रेन का सरदर्द एक या दो घंटे में नहीं जाता। कई बार तो माइग्रेन अटैक का असर दो-तीन दिन तक कायम रहता है।

बाहर चलकर कुछ खा लो, अच्छा लगेगा

माइग्रेन के हमले के दौरान असहनीय सरदर्द से निजात पाने के लिए घर के किसी अंधेरे शांत कोने या कमरे से बेहतर कुछ नहीं होता। क्योंकि यह रोशनी और शोर जैसे बाहरी कारकों को दूर कर देता है। बाहर जाकर खाने से बेहतर लगने का सुझाव पहले से परेशान व्यक्ति की परेशानी को और अधिक बढ़ाने का ही इंतजाम है।

चमक नहीं दिख रही न, तो फिर यह माइग्रेन नहीं!

माइग्रेन के कई प्रकार होते हैं। कुछ में तो आंखों के सामने चमक या तारे दिखने जैसा कोई भी लक्षण नहीं होता। उदाहरण के लिए सामान्य माइग्रेन में ही ऐसा नहीं होता, उसके साथ मितली, उल्टी या बेकाबू सरदर्द जैसे लक्षण होते हैं।

माइग्रेन तो सिर में एक ही तरफ होता है न?

सभी तरह के माइग्रेन सिर में केवल एक ही तरफ नहीं होते। सरदर्द खोपड़ी के ठीक ऊपर, दोनों कनपटियों पर या फिर पूरे सिर में भी हो सकता है।

अधिक जानकारी के लिए देखें: https://www.myupchar.com/disease/migraine

स्वास्थ्य आलेख www.myUpchar.com द्वारा लिखा गया है। 

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