अच्छी सेहत का कप है ग्रीन टी, जानें इसे पीने का सही समय और इसके फायदे
ज्यादातर भारतीयों को सुबह चाय की जरूरत होती है। और चाय का सबसे सेहतमंद रूप है ग्रीन टी। ग्रीन टी में खास तरह के एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं, जिन्हें फ्लेवोनॉएड कहते हैं। इसे बनाते समय पत्तियों को इस तरह...

ज्यादातर भारतीयों को सुबह चाय की जरूरत होती है। और चाय का सबसे सेहतमंद रूप है ग्रीन टी। ग्रीन टी में खास तरह के एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं, जिन्हें फ्लेवोनॉएड कहते हैं। इसे बनाते समय पत्तियों को इस तरह संरक्षित किया जाता है, जिससे उनमें मौजूद पॉलीफिनॉल्स सुरक्षित रहें। ये सेहतमंद एंटीऑक्सीडेंट्स हैं, जो वसा के ऑक्सीडेशन और शरीर में भोजन के कैलरी में बदलने की दर बढ़ा देते हैं। इसमें पाए जाने वाले विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट्स और कैटेचिन्स कई तरह के कैंसर की आशंका कम कर देते हैं। इसमें मौजूद ईसीजीसी फ्री रैडिकल्स से बचाव करता है। बिना चीनी इसे पिएं तो यह बिल्कुल कैलरी फ्री है। कैफीन और थियानीन तत्व हमारी मानसिक सजगता को भी बढ़ाते हैं।
कब पिएं ग्रीन टी
खाना खाने से कम से कम एक घंटे पहले इसे पिएं। इसमें टैनिन होता है, खाने से तुरंत पहले इसे पीने से पेट-दर्द, मिचली, या कब्ज जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
सुबह खाली पेट पीने से बचें। साथ में कुछ जरूर खाएं। दिनभर में तीन कप से अधिक न पिएं, डिहाइड्रेशन हो सकता है। ज्यादा कैफीन से अनिद्रा, पेट की खराबी, उलटी, दस्त व पेशाब की समस्या हो सकती है। इसलिए सोने से तुरंत पहले ग्रीन टी न पिएं।
दूध या चीनी का प्रयोग न करें।
सुबह और शाम का समय ग्रीन टी के लिए सही है। इससे मेटाबॉलिज्म को सक्रिय करने में मदद मिलती है।
ग्रीन टी के गुण
वजन कम करने में मदद: ग्रीन-टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, मेटाबॉलिज्म को तेज करते हैं। वसा तेजी से कम होती है। ग्रीन टी पीने के बाद व्यायाम करने से फैट ऑक्सीडेशन बढ़ता है, जो मोटापे को बढ़ने से रोकता है। हालांकि व्यायाम और खान-पान पर भी ध्यान देना जरूरी है।
कैंसर से बचाव: इसमें मौजूद पॉलीफिनॉल्स, ट्यूमर और कैंसर सेल्स रोकने का काम करते हैं। ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर की रोकथाम में भी मदद मिलती है।
धमनियां रखें स्वस्थ: नियमित सेवन से धमनियों की ब्लॉकेज दूर रखने में मदद मिलती है। शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है।
मानसिक सेहत: कैफीन मस्तिष्क के लिए अवरोधक न्यूरोट्रांसमीटर की गतिविधि को रोकता है। याददाश्त ठीक रहती है। इसमें मौजूद एमिनो एसिड, दिमाग के केमिकल मैसेंजर गाबा के स्तर में सुधार करता है, जो तनाव को कम रखता है।
त्वचा का संक्रमण से बचाव: त्वचा की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की भरपाई करने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स ग्रीन टी में प्रचुरता में होते हैं। त्वचा की सूजन कम होती है, कसाव बना रहता है और मुहांसे कम होते हैं।
पाचन रहता है ठीक: ग्रीन टी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स विटामिन बी, सी और ई पाचन तंत्र को ठीक रखने में मदद करते हैं। मेटाबॉलिज्म सक्रिय बना रहता है।
मधुमेह में फायदेमंद:
इसमें मौजूद पॉलीफिनॉल्स शरीर में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते हैं। ग्रीन टी के प्रकार फ्लेवर और कैफीन की मात्रा के अधार पर कई तरह की ग्रीन टी होती हैं। तुलसी, नींबू, अदरक और शहद युक्त ग्रीन टी आसानी से मिल जाती हैं। कई दूसरी ग्रीन टी भी हैं, जिनका चलन तेजी से बढ़ा है।
जैस्मीन ग्रीन टी: इसमें पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। यह कैंसर व टाइप 2 डायबिटीज की आशंका को कम करती है। मोरक्को मिंट ग्रीन टी : इसमें पुदीने की पत्तियों को खासतौर पर शामिल किया जाता है। यह चाय दर्द व सूजन को दूर करने वाली औषधि की तरह काम करती है।
ड्रैगन वेल ग्रीन टी : यह पाचन तंत्र पर अच्छा असर डालती है। वसा की खपत तेजी से होती है। संक्रमण से बचाव होता है। ग्युकुरो ग्रीन टी : रक्त शर्करा काबू करने में मदद करती है। हृदय रोगों और मधुमेह का खतरा कम होता है।
गेनमाइचा ग्रीन टी : हाई ब्लड प्रेशर ठीक रखती है। दिल के रोगों में भी राहत पहुंचाती है। कुकीचा ग्रीन टी : विटामिन, मिनरल्स और कैल्शियम से भरपूर होती है।
माचा ग्रीन टी : इसमें क्लोरोफिल बहुत होता है, जो नशे की लत से छुटकारा दिलाता है। यह चाय आंतों के लिए भी अच्छी होती है।
विशेषज्ञ: डॉ. प्रियंका रोहतगी, चीफ क्लिनिकल डायटिशियन, अपोलो हॉस्पिटल।
