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कम फल और सब्जियां खाने से जुड़ा है एंग्जायटी डिसऑर्डर, पहचानें ये संकेत 

चिंता एक ऐसी स्थिति है जिसमें आप चिंतित, डर और तनाव महसूस करते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि कम फल और सब्जी खाने वाले लोगों में चिंता संबंधी विकार यानी एंग्जायटी डिसऑर्डर की आशंका अधिक होती है।...

कम फल और सब्जियां खाने से जुड़ा है एंग्जायटी डिसऑर्डर, पहचानें ये संकेत 
myupcharWed, 01 Apr 2020 11:33 AM
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चिंता एक ऐसी स्थिति है जिसमें आप चिंतित, डर और तनाव महसूस करते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि कम फल और सब्जी खाने वाले लोगों में चिंता संबंधी विकार यानी एंग्जायटी डिसऑर्डर की आशंका अधिक होती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने रोजाना फल और सब्जियों के तीन से कम स्रोतों का सेवन किया, उनमें चिंता संबंधी विकार कम से कम 24 प्रतिशत अधिक देखे गए।

शोध के मुताबिक जैसे-जैसे शरीर में वसा का स्तर 36 प्रतिशत से अधिक बढ़ा, एंग्जायटी डिसऑर्डर की आशंका 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई।

www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. उमर अफरोज का कहना है कि एंग्जायटी डिसऑर्डर में कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन लाभदायक हो सकता है। व्यक्ति को ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ, प्रोबायोटिक वाले खाद्य पदार्थ, खूब सारा पानी, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, मैग्नीशियम वाले खाद्य पदार्थ, विटामिन बी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

www.myupchar.com से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला का कहना है कि चिंता एक मानसिक विकार है जो कि रज और तम जैसे मानसिक दोष के असंतुलन के कारण होती है। रज यानी दिमाग को कार्य और जोश के लिए प्रेरित करना और तम यानी मन को असंतुलन, विकार और चिंता से प्रभावित करने वाला। चिंता संबंधी विकार यानी एंग्जायटी डिसऑर्डर से कई परेशानियां पैदा हो सकती हैं। इस विकार की वजह से व्यक्ति अवसाद का शिकार हो सकता है। यही नहीं अनिद्रा, पाचन की समस्याएं, लंबे समय तक रहने वाला सिरदर्द तक हो सकता है। अगर स्थिति समय रहते काबू में न की तो व्यक्ति के मन में आत्महत्या का विचार आने लगता है। इस विकार को मेडिकल प्रोफेशनल की उचित मदद से दूर किया जा सकता है, लेकिन एंग्जायटी डिसऑर्डर का समाधान खोजने के लिए पहले लक्षणों को पहचानना होगा।

अत्यधिक चिंता करना
यह एंग्जायटी डिसऑर्डर के सबसे आम लक्षणों में से एक है। यदि चिंता ज्यादा दिनों में होती है और कम से कम छह महीने तक बनी रहती है, तो प्रोफेशनल्स मदद लेने की जरूरत है।

उत्तेजित महसूस करना
एंग्जायटी डिसऑर्डर वाले लोग भी तेजी से दिल की धड़कन में तेजी, पसीना, झटकों और मुंह में सूखापन का अनुभव कर सकते हैं। इस तरह की उत्तेजना काफी लंबे समय तक जारी रह सकती है।

बेचैनी
बेचैनी यह भी संकेत दे सकती है कि कोई व्यक्ति चिंता संबंधी विकार का शिकार है, खासकर अगर यह अक्सर होता है। यह बच्चों और किशोरों में विशेष रूप से आम है।

थकान
अत्यधिक चिंता के साथ थकान भी एक एंग्जायटी डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है। हालांकि, आसानी से थक जाना, अवसाद जैसे अन्य चिकित्सा विकारों का संकेत भी हो सकता है।

एकाग्रता में कमी
एंग्जायटी डिसऑर्डर पीड़ित व्यक्ति में एकाग्र होने में मुश्किल आती है। अध्ययनों से पता चलता है कि चिंता वर्किंग मेमोरी को बाधित कर सकती है। यह एक प्रकार की मेमोरी है जो अल्पकालिक जानकारी रखने के लिए जिम्मेदार है। हालांकि, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई डिफिसिट डिसऑर्डर या डिप्रेशन का संकेत हो सकता है।

अधिक जानकारी के लिए देखें : https://www.myupchar.com/disease/anxiety

myUpchar.com द्वारा लिखे गए हैं, जो सेहत संबंधी भरोसेमंद जानकारी प्रदान करने वाला देश का सबसे बड़ा स्रोत है। 

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