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नीम और मेथी खाएं, बारिश में नहीं सताएंगे कील-मुंहासे

मानसूनी बारिश मई-जून की चिलचिलाती गर्मी से तो राहत दिलाती है, लेकिन त्वचा और बालों के लिए ढेरों मुसीबत भी साथ लाती है। हवा में नमी का स्तर बढ़ने और जीवाणुओं के अधिक सक्रिय हो जाने से व्यक्ति को...

नीम और मेथी खाएं, बारिश में नहीं सताएंगे कील-मुंहासे
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 03 Jul 2018 01:24 PM
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मानसूनी बारिश मई-जून की चिलचिलाती गर्मी से तो राहत दिलाती है, लेकिन त्वचा और बालों के लिए ढेरों मुसीबत भी साथ लाती है। हवा में नमी का स्तर बढ़ने और जीवाणुओं के अधिक सक्रिय हो जाने से व्यक्ति को कील-मुंहासे, एलर्जी व बाल झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि त्वचा रोग विशेषज्ञों की मानें तो मानसून में कुछ सावधानियां बरतकर चेहरे और बालों की चमक बरकरार रखी जा सकती है। 

त्वचा की रौनक बनाए रखना मुश्किल नहीं

1. तीन से चार बार चेहरा धोएं
-हवा में नमी ज्यादा होने से बारिश में त्वचा तैलीय होने और रोम छिद्रों में गंदगी जमने के कारण कील-मुंहासों व एलर्जी की आशंका रहती है। ऐसे में दिन में तीन से चार बार चेहरा धोएं। केमिकल युक्त साबुन या फेशवॉश के बजाय हर्बल उत्पाद का इस्तेमाल करें। मॉश्चराइजर कम ही लगाएं।

2. मसालेदार खाने से परहेज करें
-बारिश के मौसम में तैलीय और मसालेदार खाने से दूर रहने में ही भलाई है। तैलीय खाना जहां त्वचा को ऑयली बनाकर कील-मुंहासों को दावत देता है, वहीं मसालेदार पकवान शरीर का तापमान और रक्तप्रवाह बढ़ाकर खुजली, जलन व एलर्जी की समस्या पैदा करते हैं।

3 .कड़वी चीजें संक्रमण से बचाएंगी
-नीम की पत्ती, करेला और मेथी दाने जैसी कड़वी चीजों में संक्रमण से लड़ने वाले यौगिक पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट से लैस हल्दी भी कील-मुंहासों और त्वचा एलर्जी से लड़ने में मददगार साबित होती है। अदरक, काली मिर्च, तुलसी, शहद, पुदीने से बनी चाय पीना भी फायदेमंद है।

4. पानी खूब पिएं, सनस्क्रीन लगाएं
-मानसून में उमस भरा मौसम डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। ऐसे में दिन में आठ से दस गिलास पानी जरूर पिएं। सनस्क्रीन लगाए बिना घर से बाहर न निकलें, वरना ‘सनबर्न’ की शिकायत हो सकती है। हफ्ते-दो हफ्ते में एक बार स्क्रब जरूर करें। बेसन, शहद, नींबू के रस और दही से बना फेस पैक लगाएं।

बाल झड़ने की समस्या यूं दूर रखें

1. गुनगुने नारियल तेल से मालिश करें
-मानसून में बैक्टीरिया के अधिक सक्रिय होने से सिर की त्वचा में खुजली की शिकायत हो सकती है। लिहाजा हफ्ते में कम से कम दो बार हल्के हाथों से गुनगुने नारियल तेल की मालिश के बाद शैंपू करें, ताकि सिर से मृत त्वचा और बैक्टीरिया हट जाएं। रूसी की समस्या से जूझने वालों के लिए नारियल की जगह नीम के तेल का इस्तेमाल फायदेमंद रहेगा।

2. बारिश में भीगने के बाद शैंपू जरूरी
-हवा में मौजूद प्रदूषकों को समेटने वाला बारिश का पानी बाल झड़ने और रुखे होने का कारण बन सकता है। इसलिए बारिश में भीगने के बाद बाल शैंपू करना न भूलें। शैंपू के बाद हल्का कंडीशनर जरूर लगाएं। बाल सुखाने के लिए तौलिया कसकर न बाधें और न ही ड्रायर का इस्तेमाल करें। जड़ें कमजोर होने के चलते इससे बाल टूटने का खतरा बढ़ जाता है।

3. गीले बालों में कंघी करने से बचें
-मानसून में हवा में नमी ज्यादा होने की वजह से सिर की त्वचा तैलीय हो जाती है। यह बालों की जड़ों को भी कमजोर बनाती है। ऐसे में गीले बालों में भूलकर भी कंघी न करें। बाल झाड़ने के लिए मोटे दांतों वाली कंघी का प्रयोग करें। यही नहीं, हो सके तो बाल खुले रखें। ढीली चोटी या जूड़ा भी बांध सकती हैं। रबड़-बैंड ढीला लगाएं, जिससे खोलने पर ज्यादा बाल न टूटें।

4. दाल, हरी सब्जियां और अंडे खाएं
-प्रोटीन, आयरन और ओमेगा-3 फैटी एसिड से लैस खाद्य वस्तुएं जड़ों को मजबूत बनाती हैं। ऐसे में दाल, हरी सब्जियों, गाजर, अंडे, अंकुरित अनाज, राजमा, बादाम, अखरोट, सालमन मछली और डेयरी उत्पादों से भरपूर आहार लें। फास्टफूड और कैफीन युक्त पेय पदार्थ से परहेज करें, क्योंकि ये बालों को रूखा, बेजान व पतला कर देते हैं।
 

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