डोपामाइन के बढ़े हुए स्तर से हो सकता है मतिभ्रम : शोध
वैज्ञानिकों ने डोपामाइन और मतिभ्रम के बीच संबंध होने का पता लगाया है। डोपामाइन एक जैविक रसायन है जो शरीर और मस्तिष्क में कई महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि सिजोफ्रेनिया...
वैज्ञानिकों ने डोपामाइन और मतिभ्रम के बीच संबंध होने का पता लगाया है। डोपामाइन एक जैविक रसायन है जो शरीर और मस्तिष्क में कई महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाता है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि सिजोफ्रेनिया (मनोविदलता) से पीड़ित लोग वही सुनते हैं जिसकी वह अपेक्षा करते हैं। अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के गुइलर्मो होर्गा ने कहा कि सामान्य लोग ध्वनियों और छवियों के अस्पष्ट होने पर पूर्व के अनुभवों का इस्तेमाल कर उसे समझने का प्रयास करते हैं। सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्तियों में यह प्रक्रिया बदल जाती है। उन्हें ऐसी चीजें सुनाई देने लगती हैं जो असल में होती नहीं हैं। यह एक ऐसा विकार है जो व्यक्ति की स्पष्ट रूप से सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
उन्होंने पाया कि मतिभ्रम व अन्य मनोरोगी लक्षणों से ग्रस्त लोगों में डोपामाइन का स्तर बढ़ा हुआ होता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह मतिभ्रम की स्थिति कैसे पैदा करता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि डोपामाइन के बढ़े हुए स्तर के कारण कुछ मरीज अपेक्षाओं व आशाओं पर निर्भर रहते हैं जिससे मतिभ्रम होता है। यह शोध करंट बायोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।