टॉयलेट में न ले जाएं मोबाइल, नहीं तो पड़ेगा पछताना
टॉयलेट में पहले पेपर, मैगज़ीन ले जाकर फ़ुरसत से बैठने की आदत की जगह आजकल मोबाइल के साथ टाइम पास ने ले ली है। कई बार तो ऐसा भी होता है कि मोबाइल पर सोशल मीडिया, खबरों और वीडियो गेम खेलते हुए पता भी...
टॉयलेट में पहले पेपर, मैगज़ीन ले जाकर फ़ुरसत से बैठने की आदत की जगह आजकल मोबाइल के साथ टाइम पास ने ले ली है। कई बार तो ऐसा भी होता है कि मोबाइल पर सोशल मीडिया, खबरों और वीडियो गेम खेलते हुए पता भी नहीं चलता कि किसी ने कितना वक्त टॉयलेट में गुजार दिया है। कुछ लोग तो ऐसे हैं जो घर के लोगों के चिल्लाने पर ही बाहर आते हैं। दरअसल हम शौच को जाने के वक्त जितना ज्यादा वक्त टॉयलेट में बिताते हैं, उतना ही हम पर अन्य कीटाणुओं के हमले का खतरा बढ़ता जाता है। चिकित्सा विशेषग्यों की राय में तो मोबाइल फोन का टॉयलेट में इस्तेमाल आपको पाइल्स या हेमोरॉइड्स तक का शिकार बना सकता है।
क्या है पाइल्स?
जब हमारे गुदाद्वार के इर्द-गिर्द की नसें और टिश्यू सूज जाते हैं तो वह पाइल्स की वजह बनते हैं। पाइल्स से पीड़ित व्यक्ति को हर बार शौच करते वक्त खून निकलने और दर्द की दिक्कत का सामना करना पड़ता है। हो सकता है कि पाइल्स के कारण गुदा के इर्द-गिर्द गांठ भी हो जाए। अधिकांश मामलों में पाइल्स शुरुआती स्तर पर अपने-आप ठीक हो जाता है। वैसे पाइल्स का पूरा और शर्तिया इलाज उपलब्ध नहीं है और इसके दोबारा होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है। अधिकांश उपचार केवल लक्षणों से राहत देते हैं, हालांकि आहार और जीवनशैली पर अच्छे नियंत्रण के साथ खून का जाना कम किया जा सकता है। बेहतर यही होगा कि रोग की पहचान और इलाज के लिए किसी चिकित्सक की सलाह ली जाए।
भले ही आपकी फोन की लत की पाइल्स की आशंका में भूमिका हो, लेकिन यह उसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार कतई नहीं है। myupchar.com से जुड़े डॉ. आयुष पांडे के मुताबिक, “शौचालय में बहुत ज्यादा देर बैठे रहने के कारण गुदाद्वार के इर्द-गिर्द की नसों और टिश्यूज पर दबाव पड़ सकता है। यह पाइल्स के पनपने के लिए पर्याप्त वजह है।” हम सभी जानते हैं कि मोबाइल पर तेज इंटरनेट कनेक्शन हो तो कैसे वक्त पता ही नहीं चलता। डॉ. पांडे कहते हैं, “समस्या शौच को जाते वक्त सोशल मीडिया पर गुजारा गया ज्यादा वक्त है।”
यह बात हालांकि अभी साबित नहीं हो सकी है, लेकिन डॉ. आयुष पांडे ने बताया कि इस विषय पर कुछ क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं। जब आप शौच के वक्त निरंतर दबाव बनाते रहते हैं तो नॉन-सिम्प्टोमेटिक हेमोरॉइड्स (खून की नसों वाले और उन्हें जोड़ने वाले टिश्यू) को नुकसान पहुंच सकता है और खून निकल सकता है।
तो फिर सही तरीका क्या है?
शौच को रोकना हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है। कई बार इसकी वजह से भी पाइल्स हो सकता है। बेहतर यही होगा कि शौच के पहले के संकेतों को भांपकर तुरंत टॉयलेट जाकर आया जाए।
इन बातों का खयाल रखिएः
शौच जाने का सबसे सही तरीका है कि उस वक्त कोई ध्यान बंटाने वाली चीज साथ न ले जाएं। फिर वह स्मार्टफोन हो, अखबार या कोई मैगज़ीन। इनकी आदत से छुटकारा पाने में कुछ वक्त तो लगेगा, लेकिन यह आपके लिए फ़ायदेमंद साबित होगा।
अगर आप वेस्टर्न पद्धति का टॉयलेट इस्तेमाल कर रहे हैं तो एक फुट स्टूल आपकी मदद कर सकता है। इससे आप शौच के लिए जरूरी मुद्रा की स्थिति में बैठ सकते हैं। जैसे ही शौच आए तुरंत बिना वक्त गंवाएं टॉयलेट जाएं। इसे ज्यादा देर रोके रखने से कोई लाभ नहीं होगा। शौच हो जाने के बाद सफाई करके तुरंत बाहर निकल आएं।
अगर बिना किसी चीज (मोबाइल, अखबार, मैगजीन) के भी आपको टॉयलेट में शौच में किसी दिक्कत के कारण ज्यादा वक्त लगता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अधिक जानकारी के लिए देखें: https://www.myupchar.com/disease/piles
स्वास्थ्य आलेख www.myUpchar.com द्वारा लिखे गए हैं।