मोतियाबिंद से घबराएं नहीं, आसान है उपचार
40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में आंख की रोशनी के कम हो जाने या खत्म हो जाने का सबसे आम कारण है मोतियाबिंद । विश्व मोतियाबिंदजागरूकता माह के मौके पर हम आइकॉन आईकेयर की सहायता से मोतियाबिंदसे जुड़े कुछ...
40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में आंख की रोशनी के कम हो जाने या खत्म हो जाने का सबसे आम कारण है मोतियाबिंद । विश्व मोतियाबिंदजागरूकता माह के मौके पर हम आइकॉन आईकेयर की सहायता से मोतियाबिंदसे जुड़े कुछ उपयोगी तथ्य आपको बता रहे हैं।
मिथक : किसी भी तरह से हो सकती है आंखों की समस्या मोतियाबिंद।
हकीकत : मोतियाबिंद उम्र बढ़ने के साथ स्वाभाविक रूप से विकसित हो जाता है। यह आंखों की एक सामान्य समस्या है, जो उम्र के साथ जुड़ी हुई है। यह एक आंख या दोनों आंखों में हो सकता है। मोतियाबिंद से आपकी दृष्टि को नुकसान न हो, इसलिए समय-समय पर आंखों की जांच कराते रहना चाहिए। खासकर उम्र जब 45 साल से ज्यादा हो।
मिथक : यह जीवनशैली में शामिल खराब आदतों की वजह से नहीं होता।
हकीकत : यह जीवनशैली की वजह से भी हो सकता है। उम्र, कुछ आनुवंशिक व शारीरिक लक्षणों के अलावा जीवनशैली की कुछ खराब आदतों की वजह से भी मोतियाबिंद विकसित हो सकता है।
मिथक : खानपान से नहीं काबू होता मोतियाबिंद।
हकीकत : अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाव करने वाले धूप के चश्मे और विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने में मददगार होता है। आंखों की सही देखभाल से मोतियाबिंद के जोखिम को कम किया जा सकता है। जब भी धूप में बाहर निकलें, अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाव करने वाले सनग्लास या छायादार हैट (शेडी हैट) पहनें। साथ ही संतुलित डाइट लें, जो दृष्टि को ठीक रखने में मददगार होती है।
मिथक : यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है।
हकीकत : 75 साल की उम्र तक 70 प्रतिशत लोग मोतियाबिंद की समस्या से पीड़ित होते हैं या मोतियाबिंद का ऑपरेशन करा चुके होते हैं। बहुत सारे लोग, जिनकी आंखों में मोतियाबिंद हो जाता है, ऑपरेशन की मदद से आंखों की रोशनी फिर से पाने में सफल होते हैं।
मिथक : एक बार यह बीमारी हो जाने पर उम्र से इसका कोई नाता नहीं रह जाता।
हकीकत : मोतियाबिंद दुनिया में अंधता का सबसे बड़ा कारण है। अगर इसका इलाज न कराया जाए, तो व्यक्ति आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से दृष्टिहीन हो सकता है। मोतियाबिंद उम्र के साथ स्वाभाविक रूप से विकसित होता है, लेकिन इससे निजात पाने के उपाय न किए जाएं, तो यह नुकसानदायक साबित हो सकता है।
मिथक : मोतियाबिंद का इलाज काफी मुश्किल
होता है।
हकीकत : मोतियाबिंद का इलाज सर्जरी से तुरंत और प्रभावी तरीके से हो सकता है। यह लगभग दर्दरहित होता है और इसमें 30 मिनट से भी कम समय लगता है। सर्जरी में आंख के प्राकृतिक लेंस को हटाकर उसकी जगह एक कृत्रिम इंट्राऑक्यूलर (आईओएल) लेंस लगा दिया जाता है। इस नए लेंस की सहायता से व्यक्ति स्पष्ट रूप से देख पाने में सक्षम होता है।
मिथक : ऑपरेशन के बाद भी सब कुछ सही नहीं
हो पाता।
हकीकत : मोतियाबिंद की वजह से सही तरीके से नहीं दिखाई देने के कारण कहीं गिर जाने या चोट लगने का भी खतरा रहता है। इसका ऑपरेशन करा लेने से दृष्टि तो बेहतर होती ही है, जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ती है। जब दृष्टि सामान्य रहेगी, तो आप रोजमर्रा के काम सामान्य तरीके से कर पाएंगे और जीवन बेहतर तरीके से जी पाएंगे।
प्रस्तुति : रिया शर्मा