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अनजान के लिए खतरनाक है डाइटिंग, जानें कुछ खास बातें

अगर आप सोचते हैं कि मोटापा खतरनाक हो सकता है और वजन कम करने के लिए डाइटिंग का सहारा ले रहे हैं तो आपका यह भम्र है। ऐसा भी होता है जब ज्यादा वजन से बदतर है डाइटिंग। कैलोरी को कम करने और खाद्य पदार्थों...

अनजान के लिए खतरनाक है डाइटिंग, जानें कुछ खास बातें
myupchar.com,नई दिल्लीMon, 20 Jan 2020 02:17 PM
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अगर आप सोचते हैं कि मोटापा खतरनाक हो सकता है और वजन कम करने के लिए डाइटिंग का सहारा ले रहे हैं तो आपका यह भम्र है। ऐसा भी होता है जब ज्यादा वजन से बदतर है डाइटिंग। कैलोरी को कम करने और खाद्य पदार्थों के सेवन को पूरी तरह से रोक देने का यह तरीका अपनाने से बेहतर है व्यक्ति थोड़ा मोटापा सह ले। डाइटिंग का मतलब लोग भूखा रहना समझते हैं और इसी तरह की दिनचर्या रखते हैं। लेकिन यह गलत तरीका है। इससे फायदा कम, नुकसान ज्यादा होगा और वजन कम करने के लिए अपनाए इस तरीके से वजन और बढ़ जाएगा। 

 

www.myupchar.com से जुड़ीं डॉ. मेधावी अग्रवाल के मुताबिक, कोई व्यक्ति अगर वजन कम करना चाहता है तो इसके लिए बेहतर है कि खाने में कटौती करने की बजाए सही भोजन खाएं। इसके लिए डाइट चार्ट के अनुसार स्वस्थ आहार लें। आहार में कम कैलोरी वाली चीजों को शामिल कर वजन घटाने में मदद मिलती है और ये दिल के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।  खाने-पीने में कटौती का सीधा असर व्यक्ति के मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है। मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी स्वास्थ्य बिगाड़ने का काम करती है। अनियमित खानपान के कारण शरीर को आवश्यक ऊर्जा नहीं मिलती है और साथ ही जरूरी फैट, प्रोटीन, फाइबर आदि पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इससे मेटाबॉलिज्म की दर कम हो जाती है और शरीर के अन्य अंगों की कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है।

 

डाइटिंग का व्यक्ति की आंतों पर बुरा असर पड़ता है। आंतों में बैक्टीरिया की संख्या शरीर के वजन के हिसाब से होती है। जब कोई वजन कम करता है तो वह वापस से उसके ज्यादा वजन हासिल कर लेता है। यह इस तरह होता है कि आप जब कुछ वजन कम या ज्यादा करते हैं तो शरीर से संबंधित चीजों में बदलाव होता है, जिसमें ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रोल और आंतों के बैक्टीरिया शामिल हैं। जब आपका वजन बढ़ता है तो आंतों के बैक्टीरिया ज्यादा विकसित हो जाते हैं, जो वजन के बढ़ने में मदद करते हैं। अगर आपका वजन कम होता है तो आंतों के बैक्टीरिया के बदलाव इसे फॉलो करने में धीमे हो जाते हैं। इसलिए फिर से वजन बढ़ जाता है।

डाइटिंग के कारण गलत तरीके का फैट (चर्बी) विकसित हो जाता है। यह फैट दिल की बीमारियों, डायबिटीज और शरीर में जलन की दिक्कतें बढ़ा देता है। वजन का बार-बार कम और ज्यादा होने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

 

डाइटिंग को अवसाद और आत्मविश्वास से जोड़ा गया है। साथ ही इसके कारण सेरोटोनिन नाम के केमिकल का स्राव गिर जाता है। इससे न्यूरोट्रांसमीटर कमजोर पड़ जाते हैं। ये न्यूरोट्रांसमीटर मस्तिष्क की गतिविधियों को नियंत्रित करने का काम करते हैं। इसके बिगड़ने से मूड में बदलाव, चिंता, अवसाद और नींद की कमी जैसी परेशानियां शुरू हो जाती है।

 

अधिक जानकारी के लिए देखें: https://www.myupchar.com/disease/obesity

स्वास्थ्य आलेख www.myUpchar.com द्वारा लिखा गया है।

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