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Covid-19:कोरोना का असर जांचने के लिए जल्द होगा 'सेरो-सर्वे', हर जिले से लिए जाएंगे 400 लोगों के नमूने

कोरोना वायरस के सामुदायिक प्रसार की व्यापकता का अनुमान लगाने के लिए कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित शीर्ष 10 शहरों में ‘सेरो-सर्वे’ किया जाएगा। चार स्तर होंगे : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान...

Covid-19:कोरोना का असर जांचने के लिए जल्द होगा 'सेरो-सर्वे', हर जिले से लिए जाएंगे 400 लोगों के नमूने
एजेंसी,नई दिल्लीTue, 26 May 2020 07:11 PM
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कोरोना वायरस के सामुदायिक प्रसार की व्यापकता का अनुमान लगाने के लिए कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित शीर्ष 10 शहरों में ‘सेरो-सर्वे’ किया जाएगा।

चार स्तर होंगे : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और अन्य एजेंसियों के शोधकर्ताओं ने इसके लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। इसके अनुसार, दस शहरों के अलावा 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 60 जिलों में प्रति एक लाख की आबादी पर सामने आए मामलों के तहत चार स्तर - शून्य, निम्न, मध्यम और उच्च के आधार पर यह सर्वेक्षण किया जाएगा।    

दिल्ली, मुंबई समेत 10 शहर: कोविड-19 के सबसे अधिक मामलों के आधार पर सूची के शीर्ष 10 शहर मुंबई, दिल्ली, पुणे, अहमदाबाद, ठाणे, इंदौर, जयपुर,चेन्नई और सूरत आदि शामिल हैं। 

24 हजार व्यस्क शामिल होंगे: आईसीएमआर ने एक बयान में कहा कि घरेलू स्तर के क्रॉस-सेक्शनल सर्वेक्षण में 24 हजार वयस्कों को शामिल किया जाएगा, जिनमें प्रत्येक स्तर के जिले होंगे। हर स्तर के 15 जिले इसमें शामिल किए जाएंगे।
सीरम की जांच: सेरो-सर्वे में जिला स्तर पर सार्स-सीओवी2 के प्रसार पर नजर रखने के लिए लोगों के रक्त में से सीरम की जांच की जाती है। 

इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में समुदाय-आधारित निगरानी के इन दिशा-निर्देशों को रविवार को प्रकाशित किया गया। इन्हें भारत में सार्स-सीओवी-2 संक्रमण प्रसार की प्रवृत्ति की निगरानी के लिए राष्ट्रीय सीरो-निगरानी: समुदाय-आधारित निगरानी के दिशा-निर्देश शीर्षक से प्रकाशित किया गया है।

कैसे होगा सर्वे 
सर्वे में लोगों में एक समूह के खून के सीरम इकट्ठे कर अलग-अलग स्तर पर जांच की जाएगी। एक घर से एक व्यक्ति का खून जांच के लिए लिया जाएगा। 

क्यों पड़ी जरूरत 
इस सर्वे की मदद से सरकार कोरोना के बढ़ते प्रकोप पर नजर रख सकेगी। इसके खिलाफ आगे की लड़ाई की रणनीति तय करने में भी मदद मिलेगी।

क्या फायदा 
अध्ययन से पता चलेगा कि सार्स-कोव-2 का कितना प्रसार हो चुका है। बाद में कोविड जांच के जरिए देखा जाएगा कि एंटी बॉडी विकसित हुई हैं या नहीं।  

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