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Covid-19:कोरोना से मौत का खतरा एक फीसदी से भी कम, WHO का दावा

चाहे दुनिया के अलग-अलग देशों में मृत्युदर पांच से आठ प्रतिशत तक हो मगर पूरी दुनिया में कोविड से मरने वालों की संभावित दर एक फीसदी से कम ही रहेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह आकलन दो दिन तक ऑनलाइन चली...

Covid-19:कोरोना से मौत का खतरा एक फीसदी से भी कम, WHO का दावा
हिन्दुस्तान ब्यूरो,नई दिल्लीMon, 06 Jul 2020 06:17 AM
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चाहे दुनिया के अलग-अलग देशों में मृत्युदर पांच से आठ प्रतिशत तक हो मगर पूरी दुनिया में कोविड से मरने वालों की संभावित दर एक फीसदी से कम ही रहेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह आकलन दो दिन तक ऑनलाइन चली बैठक में दुनिया के 1300 वैज्ञानिकों से निष्कर्ष के बाद दिया है। 

वैश्विक महामारी के लगभग छह महीने के बाद डब्लूएचओ ने पहली बार आधिकारिक रूप से इंफेक्शन फैटेलिटी दर (आईएफआर) की घोषणा की है जो कि 0.60 बतायी गई है। यानी दुनियाभर में संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या के 0.6 प्रतिशत लोगों की जान जाने की संभावना है।

इसमें वे मरीज शामिल हो सकते हैं जिनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और वे मरीज भी शामिल होंगे जो अब तक अज्ञात हैं। दो दिन चली बैठक के बाद शनिवार को यह घोषणा की गई। 

4.7 करोड़ हो सकती है कुल मौतें -
डब्लूएचओ के अनुमान के हिसाब से दुनिया की आबादी के 0.6 प्रतिशत लोगों की जान जा सकती है। यह आंकड़ा दुनिया की आबादी के हिसाब से 4.7 करोड़ है।  वैज्ञानिक मान रहे हैं कि पहली वैश्विक इंफेक्शन फैटेलिटी रेट में बदलाव आ सकते हैं। 

एंटीबॉडी के अध्ययन से निकली दर-
डब्लूएचओ की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार, पहली आधिकारिक इंफेक्शन फैटेलिटी दर  (आईएफआर)का आकलन इस आधार पर किया है कि कितने लोगों के रक्त में एंटीबाडी मौजूद हैं।  
 
बढ़ सकती है संभावित मृत्यु दर- 
डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपातकालीन सूचना और जोखिम मूल्यांकन एजेंसी के निदेशक ऑलिवर मॉर्गन का कहना है कि यह स्थिति बदल भी सकती है क्योंकि बिना लक्षण वाले मरीजों की बढ़ती संख्या संक्रमण को अधिक घातक बना सकती है। ये ऐसे मरीज हैं जो जांच न होने के कारण अब तक अज्ञात हैं। 

पूर्व में देशों के आंकड़ों से लगाया था अनुमान -
डब्लूएचओ पहले आईएफआर को 0.64 प्रतिशत मान रहा था, हालांकि इसे उसने आधिकारिक रूप से वैश्विक आईएफआर नहीं बताया था। यह डाटा उसने अलग-अलग सदस्य देशों में हुए 267 अध्ययनों के आधार पर निकाला था।  

अलग-अलग मृत्युदर की वजह -
अलग-अलग देशों में अलग केस फैटेलिटी रेट यानी पॉजिटिव पाए गए मरीजों की मृत्यु दर अलग-अलग है। यह उन देशों में संक्रमित हुए लोगों के आयुवर्ग, स्वास्थ्य संसाधन की उपलब्धता, मोटापा व अन्य बीमारियों से मरीज के पहले से पीड़ित होने पर निर्भर करता है जिसकी स्थिति हर देश में अलग होती है। 

आईएफआर और सीएफआर में अंतर- 
आईएफआर --- इंफेक्शन फैटेलिटी रेट का मतलब संक्रमण में होने वाली मौतों की दर है। 

सीएफआर-
केस फैटेलिटी रेट का मतलब कोरोना के पुष्ट मामलों में मरने वालों की संख्या से है। 

मृत्युदर के मामले में भारत चौथे नंबर पर 

देश ---- मृत्युदर 
अमेरिका   4.50
ब्राजील     4.07
पेरू       3.48
भारत       2.85
रूस         1.49

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