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Covid-19:बढ़ती गर्मी में अब थर्मल नहीं, इंफ्रारेड थर्मामीटर से होगी लोगों की स्क्रीनिंग

कोरोना के लगातार ट्रेंड बदलने के कारण अब जांच का तरीका भी बदलता जा रहा है। खासतौर से गर्मी के मौसम में स्क्रीनिंग करने का तरीका बदल गया है। अब थर्मल गन के स्थान पर इंफ्रारेड थर्मामीटर की मदद ली...

 Covid-19:बढ़ती गर्मी में अब थर्मल नहीं, इंफ्रारेड थर्मामीटर से होगी लोगों की स्क्रीनिंग
Manjuमनोज मिश्र,आगराTue, 26 May 2020 01:18 PM
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कोरोना के लगातार ट्रेंड बदलने के कारण अब जांच का तरीका भी बदलता जा रहा है। खासतौर से गर्मी के मौसम में स्क्रीनिंग करने का तरीका बदल गया है। अब थर्मल गन के स्थान पर इंफ्रारेड थर्मामीटर की मदद ली जाएगी। ये जांच की दृष्टि से ज्यादा प्रमाणिक है। इसके लिए शासन ने 70 थर्मामीटर भेजे हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की इसके माध्यम से जांच की जाएगी।

गर्मी का मौसम है। पारा बढ़ रहा है। ऐसे में धूप में आने वाले व्यक्ति का भी तापमान बढ़ा रहता है। थर्मल गन से स्क्रीनिंग करने पर यह काफी बढ़ा हुआ आ रहा है। इससे स्वास्थ्य विभाग को परेशानी आ रही है। इससे सटीक जांच नहीं हो रही है। दिल्ली से भेजी गई थर्मल स्क्रीनिंग मशीन को चेक किया गया तो उसमें शरीर के तापमान के साथ गर्म मौसम का भी कुछ हिस्सा शामिल हो गया। इससे शरीर का तापमान काफी बढ़ा आने लगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी परेशान हो गए। उन्होंने इस मशीन को किसी ठंडी जगह लगाने का निर्णय लिया है। ताकि मशीन सही जांच कर सके। इसके लिए उपयुक्त जगह की तलाश की जा रही है।

कोरोना काल में प्राथमिक स्तर पर होने वाली स्क्रीनिंग के लिए अब इंफ्रारेड थर्मामीटर का प्रयोग होगा। इसके लिए लखनऊ से 70 थर्मामीटर एसएनएमसी भेज दिए गए हैं। इनके माध्यम से स्क्रीनिंग प्रमाणिक हो सकेगी। इसका गर्मी में बढ़े तापमान से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कहीं भी इसको चेक किया जा सकेगा। एसएनएमसी, लेडी लॉयल के आने-जाने के रास्तों के अलावा हर विभाग के बाहर गार्ड इसके माध्यम से स्क्रीनिंग करेंगे। उसका रिकार्ड भी रजिस्टर में दर्ज होगा।

इंफ्रारेड किरणों के कारण इंफ्रारेड थर्मामीटर ज्यादा सेंसेटिव होता है। ये तत्काल तापमान को पढ़ लेता है, जबकि थर्मल गन से ये तत्काल संभव नहीं है। इसकी प्रमाणिकता भी ज्यादा नहीं होती है।
डॉ. केपी तिवारी, एसोसिएट प्रोफेसर भौतिकी आगरा कॉलेज

इंफ्रारेड थर्मामीटर की खासियत
-इंफ्रारेड थर्मामीटर एक मीटर दूर से मरीज के शरीर का तापमान डिग्री फॉरेन्हाइट व डिग्री सेल्सियस में पलक झपकते ही बता देता है।
-यह गैर-संपर्क दूरस्थ अवरक्त इलेक्ट्रॉनिक थर्मामीटर है। यह माथे से अवरक्त गर्मी विकिरण को एकत्र कर शरीर के तापमान को मात्र एक सेकेंड में माप सकता है।
- इंफ्रारेड किरणों की सहायता से डिफरेंस तापमान को भी सेंसर के माध्यम से पढ़ लेता है।
-यह इस्तेमाल में भी आसान और सटीक परिणाम देता है।
-इसमें एलसीडी डिस्प्ले भी रहता है, जो अंधेरे वातावरण में भी काम कर सकता है।

थर्मल गन में ये होता है
-थर्मल गन से शरीर के तापमान का पता चलता है।
-गर्मी के मौसम में बहुत कारगर नहीं है। बाहरी तापमान का कुछ हिस्सा शामिल कर लेता है।
-इसमें उस तरह की किरणें नहीं होती हैं। इसलिए तामपान ऊपर-नीचे होता रहता है।
-हर स्थान पर इसके माध्यम से जांच करने में सटीक परिणाम नहीं आते।
-गर्मी के दिनों में जांच के लिए ठंडा स्थान होना जरूरी है।
-प्रमाणिकता के हिसाब से कुछ कम है।

हमें 70 इंफ्रारेड थर्मामीटर मिल गए हैं। एसएनएमसी, लेडी लॉयल के आने-जाने वाले रास्तों और विभागों में प्रवेश करने और बाहर निकलने वालों की इसी के माध्यम से स्क्रीनिंग की जाएगी।  
डॉ. संजय काला, प्राचार्य एसएनएमसी

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