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CoronaVirus: कोरोना से लड़ने में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन हो सकती है कारगर, जानें क्या है वैज्ञानिकों का कहना

कोरोना महामारी से निपटने में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा अहम भूमिका निभा सकती है। कुछ अध्ययनों में इसके उत्साहजनक साक्ष्य मिले हैं। बर्लिन के चैराइट यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के रुमेटोलॉजिस्ट थॉमस डोर्नर...

CoronaVirus: कोरोना से लड़ने में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन हो सकती है कारगर, जानें क्या है वैज्ञानिकों का कहना
एजेंसी,बर्लिनTue, 07 Apr 2020 07:47 PM
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कोरोना महामारी से निपटने में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा अहम भूमिका निभा सकती है। कुछ अध्ययनों में इसके उत्साहजनक साक्ष्य मिले हैं। बर्लिन के चैराइट यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के रुमेटोलॉजिस्ट थॉमस डोर्नर ने कहा, 1940 के दशक से ही प्रतिरक्षा तंत्र से जुड़े रोगों के उपचार में मलेरियारोधी दवा क्लोरोक्विन और इसके उन्नत रूप हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल हो रहा है। पिछले कुछ दशकों में इस दवा ने एक प्रभावी वायरसरोधी एजेंट के रूप में विशेषज्ञों का ध्यान आकर्षित किया है। उम्मीद जताई जा रही है कि यह कोरोना के वायरस सार्स-सीओवी-2 को काबू करने में कारगर हो सकती है।

चीन के कुछ अध्ययनों में पाया गया कि क्लोरोक्विन प्रायोगिक तौर पर सार्स-सीओवी-2 वायरस को बाधित कर सकती है। मनुष्यों में भी अन्य दवाओं के साथ यह कोविड-19 के उपचार में असरदार हो सकती है। फ्रांस में ए एक परीक्षण में भी दिखा कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन में सार्स-सीओवी-2 का उपचार करने की क्षमता है। हालांकि इन अध्ययनों के ठोस नतीजे मिलना बाकी हैं। अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन ने भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को ऑफ-लेबल के लिए नामित किया है। ऑफ लेबल का मतलब यह है कि इसका उपयोग उन विशेष परिस्थिति में हो सकता है जिसके लिए इसे आधिकारिक तौर पर इसका इस्तेमाल नहीं होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस दवा को परीक्षण कार्यक्रम में शामिल कर लिया है, ताकि इसकी संभावित उपचार क्षमता की जांच की जा सके।

वैज्ञानिकों ने चेताया-
विषाणु विज्ञानियों और संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि सार्स-सीओवी-2 पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के प्रभावों की प्रामाणिक पुष्टि से पहले इसको लेकर उत्साहित होना जल्दबाजी होगी। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के विषाणु विज्ञानी डगलस रिचमैन ने कहा, किसी जैव इकाई में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन काम करती है या नहीं, यह किसी भी वायरस के मामले में साबित नहीं हुआ है। इन्फ्लूएंजा सहित कई वायरस के खिलाफ अनियमित परीक्षणों में यह बिल्कुल कारगर नहीं रही है। कोरोना के कुछ विशेष मामलों में भी ऐसा हो सकता है। अन्य कई विशेषज्ञों की राय भी ऐसी ही है। इसके बावजूद कोरोना वायरस के खिलाफ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की संभावित क्षमताओं के सीमित सकारात्मक संकेतों ने ही लोगों को काफी उत्साहित किया है। 

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