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Coronavirus: दावा-माउथवॉश से कोरोना वायरस का असर दो घंटे रोक पाना संभव

माउथवॉश से कोरोना वायरस के असर को दो घंटे के लिए रोक पाना संभव है। कोरियन यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में यह दावा किया है। उनका कहना है कि त्वचा को विसंक्रमित करने वाले...

Coronavirus: दावा-माउथवॉश से कोरोना वायरस का असर दो घंटे रोक पाना संभव
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 11 Jun 2020 08:32 AM
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माउथवॉश से कोरोना वायरस के असर को दो घंटे के लिए रोक पाना संभव है। कोरियन यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में यह दावा किया है। उनका कहना है कि त्वचा को विसंक्रमित करने वाले रसायन ‘क्लोरहेक्सिडाइन’ से बना माउथवॉश वायरस को कुछ देर तक रोकने में सक्षम पाया गया है। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि अगर इस माउथवॉश का प्रयोग डेंटल क्लीनिक पर मरीज और डॉक्टर करें तो वे संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे।

रेड जोन में लाभकारी :अध्ययन में दावा किया गया है कि रेड जोन में रहने वाले लोगों के सुरक्षित क्षेत्र में यात्रा के दौरान अगर उन्हें इस माउथवॉश से कुल्ला कराया जाए तो दो घंटे के लिए वे सुरक्षित रहेंगे। इन मामलों में फायदा त्वचा संबंधी डॉक्टर, ईएनटी, नेत्र रोग, जनरल फिजिशियन, डेंटल क्लीनिक और कई अन्य तरह के क्लीनिक पर इसका उपयोग सुरक्षा देगा। मरीज के अंदर प्रवेश से पहले उसे इस माउथवॉश से कुल्ला कराया जाए तो अधिकतम दो घंटे के लिए उसके मुंह से संक्रमण फैलाने का खतरा घटेगा।

क्या है क्लोरहेक्सिडाइन: यह कीटाणुनाशक है जिसका इस्तेमाल त्वचा को संक्रमणमुक्त करने के लिए किया जाता है। सर्जरी से पहले मरीज के शरीर व हेल्थवर्कर के हाथ साफ करने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं।

30 सेकंड तक कुल्ला करें: शोधकर्ताओं का सुझाव है कि मुंह को वायरस मुक्त करने के लिए माउथवॉश की 10 मिलीलीटर मात्रा से गार्गल (कुल्ला) करना होगा। इसमें 0.2 प्रतिशत क्लोरहेक्सिडाइन का मिश्रण होना चाहिए। ऐसे माउथवॉश का प्रयोग कोई भी व्यक्ति घर से निकलते समय कर सकता है और संक्रमण से बच सकता है।

कार्डिफ यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन और कैम्ब्रिज के बाब्रहम इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने भी इसी तरह का एक दावा किया है। उनका कहना है कि वायरस के चारों ओर वसा की एक परत होती है। माउथवॉश में पाया जाने वाला रसायन उस परत को तोड़ देता है और वायरस को शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश से पहले परत में बांध देता है। इससे संक्रमण से बचा जा सकता है।

कम होती है वायरस की संख्या ;कोरियन मेडिकल साइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, लार में वायरस की संख्या ज्यादा होती है, जिसकी बूंदें दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं। क्लोरहेक्सिडाइन रसायन वाले माउथवॉश के प्रयोग से लार में वायरस की संख्या दो घंटे के लिए घट जाती है। लेकिन दो से चार घंटे बाद वायरस की मात्रा फिर बढ़ती है। इस कारण माउथवॉश का उपयोग कम अवधि के लिए किया जा सकता है।

 

 

 

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