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Hindi News8 घंटे से कम नींद लेने वाले बच्चों में मोटापे का खतरा 58% ज्यादा : शोध में खुलासा

8 घंटे से कम नींद लेने वाले बच्चों में मोटापे का खतरा 58% ज्यादा : शोध में खुलासा

जो बच्चे निश्चित सीमा से कम नींद लेते हैं उनमें मोटापा बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसा एक ताजा शोध में सामने आया है। किस उम्र के बच्चों को कितने घंटे की नींद लेनी चाहिए यह आप यह अगली स्लाइड...

Alakhaलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 17 Apr 2018 05:00 PM

कम घंटे सोने से बच्चों में बढ़ता है मोटापा

कम घंटे सोने से बच्चों में बढ़ता है मोटापा1 / 2

जो बच्चे निश्चित सीमा से कम नींद लेते हैं उनमें मोटापा बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसा एक ताजा शोध में सामने आया है। किस उम्र के बच्चों को कितने घंटे की नींद लेनी चाहिए यह आप यह अगली स्लाइड में पढ़ सकते हैं।


शोधकर्ताओं ने पाया है कि 58 फीसदी उन बच्चों में मोटापा बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है जो एक रात में 8 घंटे से कम नींद लेते हैं। यह शोध वारर्विक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने किया। इस शोध में वैज्ञानिकों ने पाया मोटापे का संबंध सीधे तौर पर नींद से है।


यह शोध उस वक्त सामने आया है कि जब ब्रिटेन में ज्यादा बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं। बच्चों में बढ़ रहे मोटापे को ब्रिटेन की स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा सचिव जेरेमी हंट ने एक बार स्कैंडल भी करार दे चुके हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिट्रेन में प्राइमरी स्कूल में जाने वाले करीब 50 फीसदी बच्चे मोटोप का शिकार हैं।


लेकिन इसी बीच वार्विक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पिछले 42 प्रयोगों को रिव्यू किया जिससे कि बच्चों में बढ़ रहे मोटापे का पता लगाया जा सके।


75499 बच्चों पर किया गया शोध-
बच्चों में मोटापे के कारणों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने 18 साल से कम उम्र के 75 हजार से ज्यादा बच्चों पर उनकी जीवन शैली को रिसर्च किया। इस रिसर्च में बचपन के मोटापे और नींद के संबंध का पता लगाया गया।

इन बच्चों को डॉक्टर या एक्सपर्ट की ओर जितनी देर सोने की सलाह दी गई थी वे उससे कम सो रहे थे। जिसके बाद इनहें कम सोने वाले बच्चों के रूप में पहचाना गया और लगातार तीन साल तक उन्हें अब्जर्व किया गया। यह शोध नेशनल स्लीप फाउंडेशन नाम के एनजीओ की मदद से किया गया।

नेशनल स्लीप फाउंडेशन ने तय किए सोने के घंटे

नेशनल स्लीप फाउंडेशन ने तय किए सोने के घंटे2 / 2


रिसर्च में गया है कि नेशनल फाउंडेशन ने अलग-अलग उम्र के बच्चों के लिए सोने घंटे अलग-अलग निर्धारित किए हैं जैसे- जन्म से 11 माह तक बच्चों को रात में 12 घंटे के नींद लेना चाहिए और एक दिन में कम से कम 15 घंटे की नींद। जबकि एक से तीन साल के बच्चों को 11 से 14 घंटे की नींद लेना चाहिए। और नर्सरी में पढ़ने वाले बच्चों को 10 से 13 घंटे की नींद लेना चाहिए।

 

वहीं 6 से 13 साल के बच्चों को कम से कम 9 घंटे की नींद लेना चाहिए। बाकी सभी किशोरों को रोजाना कम से कम 8 से 10 घंटे की नींद लेना चाहिए।


कम सोने वालों में बढ़ा मोटापा
शोध में पाया गया कि कम उम्र के बच्चे दी गई सलाह से कम नींद लेते हैं और ऐसे बच्चों में से 40 फीसदी बच्चों को मोटापे की समस्या होती है। नर्सरी जाने वाले बच्चों में यह समस्या 75 फीसदी और किशोरों में 30 फीसदी तक मोटापा का खतरा बढ़ जाता है।


शोध कर रहे वैज्ञानिकों में प्रमुख डॉ मिशेल मिलर ने बताया कि जिन लोगों में वजन बढ़ने की समस्या होती है उनमें हार्ट अटैक का खतरा भी ज्यादा रहता है। साथ ऐसे लोगों में टाइप 2 डायबिटीज भी हो जाती है।