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Hindi NewsAlert:भारत में 1 लाख महिलाओं में से 32 होती हैं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार

Alert:भारत में 1 लाख महिलाओं में से 32 होती हैं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार

हमारे देश में स्तन कैंसर एक गंभीर बीमारी के रूप उबरकर आ रही है। पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक वर्ल्ड ब्रेस्ट कैंसर अवेरनस मंथ के तौर पर...

Sumanनई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तानMon, 09 Oct 2017 11:40 AM

#BreastCancerMonth:जब बच्चे ने छोड़ा दूध पीना,तब तक नहीं आया समझ कि...

#BreastCancerMonth:जब बच्चे ने छोड़ा दूध पीना,तब तक नहीं आया समझ कि...1 / 2

हमारे देश में स्तन कैंसर एक गंभीर बीमारी के रूप उबरकर आ रही है। पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक वर्ल्ड ब्रेस्ट कैंसर अवेरनस मंथ के तौर पर नमनाया जाता है। एक सर्वे के अनुसार 2015 में एक लाख 50 हजार स्तन कैंसर के नए केस सामने आये थे। जिसमें से 76 हजार महिलाएं उस समय डॉक्टर के पास पहुंची, जब उनकी स्थिति काफी बिगड़ चुकी थी और उन्हें बचाना बहुत ही मुश्किल था।

इंडियन इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड एवोल्यूशन के एक सर्वे के अनुसार भारत में 2013 में 47,587 महिलाओं की मौत सिर्फ स्तन कैंसर से हुई थी और हर साल इसके प्रतिशत में वृद्धि हो रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि इन दिनों महिलाओं के बीच कैंसर में सबसे ज्यादा स्तन कैंसर के केस ही देखने को मिलते हैं। लगभग 36 से 38 प्रतिशत केस स्तन कैंसर के ही होते हैं। ज्यादातर ब्रेस्ट कैंसर के केस में देखा जाता है कि उसका पता तब चलता है जब स्थिति काफी बिगड़ जाती है। इसका सही समय पर पता चलना बहुत जरूरी है। आप खुद से भी इसके लक्षण की जांच कर सकते हैं। ब्रेस्ट कैंसर से बचने का सबसे पहला स्टेप होता है कि इसकी जांच। 

कैंसर मरीजों का दर्द-उनकी आपबीती


बैंगलुरु की नवनीत पुस्पराज रेड्डी को पता ही नहीं चला जब उनके बच्चे ने उनका दूध पीना ही बंद कर दिया,एक महीने में उन्होंने पांच गाईनी डॉक्टरों को दिखाया लेकिन किसी को कुछ समझ नहीं आया। 6 महीने तक डॉक्टर मुझे यही कहते रहे कि शायद मेरा दूध सूख गया है, मुझे हिटिंग पैड का इस्तेमाल करना चाहिए इससे दूध को बाहर आने में मदद मिलेगी।

डॉक्टरों ने बाइप्सी के लिए एक छोटा सा मांस का टुकड़ा निकाला और पता चला कि रेड्डी को कैंसर है और कैंसर की चौथी स्टेज है। गांठ इतनी बड़ी हो गई थी कोई और रास्ता ही नहीं था। रेड्डी की तरह मुंबई की भी एक महिला थी जिन्हें बहुत दिनों बाद अपने ब्रेस्ट में एक गांठ नजर आई, दर्द हुआ और यहां तक वो अपने बच्चे को भी गोद में नहीं ले पाती थी।  मुझे बहुत डर लग रहा था जब मुझे कैंसर विशेषज्ञ के पास भेजा गया, लेकिन मैंने  हिम्मत नहीं हारी। डॉक्टर्स कहते हैं कि अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री है तो आपको 20 साल की उम्र में एक बार जांच करा लेनी चाहिए। 40 की उम्र में एक मेमोग्राम कर लेना चाहिए। 

60 फीसदी महिलाओं को एडवांस स्टेज पर कैंसर का पता चलता है

सर्वे में आया सामने आया है कि 60 फीसदी से ज्यादा मरीजों को एडवांस स्टेज पर ही कैंसर का पता चल पाता है। इटली में 40 मिमि के ट्यूमर को पकड़ लिया जाता है लेकिन भारत में 40 सेमि की गांठ को कैंसर के तौर पर डिटेक्ट किया जाता है। 

हर साल भारत में 1.5 लाख कैंसर के नए मामले सामने आ रहे हैं, एक लाख महिलाओं में से 32 महिलाए रोजाना ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो रही हैं। 

खुद ही करें कैंसर की जांच, कहीं देर न हो जाए

खुद ही करें कैंसर की जांच, कहीं देर न हो जाए2 / 2

सर्वे में आया सामने आया है कि 60 फीसदी से ज्यादा मरीजों को एडवांस स्टेज पर ही कैंसर का पता चल पाता है। इटली में 40 मिमि के ट्यूमर को पकड़ लिया जाता है लेकिन भारत में 40 सेमि की गांठ को कैंसर के तौर पर डिटेक्ट किया जाता है। 

हर साल भारत में 1.5 लाख कैंसर के नए मामले सामने आ रहे हैं, एक लाख महिलाओं में से 32 महिलाए रोजाना ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो रही हैं। 

कैंसर के लक्षण-

स्तन में सूजन, गांठ या किसी भी तरह का कोई परिवर्तन, स्तन के आकार में परिवर्तन, स्तन से डिस्चार्ज होना, स्तन की त्वचा का रंग हल्का गुलाबी होना, स्तन में किसी भी तरह का कोई फुंसी या चकता, स्तन का तापमान बढ़ना, उसमें दर्द महसूस होना ये सभी स्तन कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।

ऐसे करें खुद की जांच

स्तन कैंसर से बचाव के लिए समय-समय पर इसकी जाँच बहुत जरूरी है। यह जाँच आप खुद घर पर भी कर सकते हैं और डॉक्टर के पास जाकर भी करवा सकते हैं।

अपने मासिक के चौथे या पांचवें दिन खुद को स्क्रीन कर सकते हैं। आप अपने स्तन के चारों तरफ छू कर देखें कि कहीं कोई गाँठ या कोई परिवर्तन तो नहीं हो रहा। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
इसके अलावा हर तीन या चार सालों में डॉक्टर के पास जाकर इसकी जाँच जरूर करवाएं।

बदलती जिंदगी स्तन कैंसर एक बड़ा कारण

डॉक्टर्स की मानें तो बढ़ते स्तन कैंसर का एक बड़ा कारण आज की आधुनिक जीवनशैली है। देरी से शादी होना और बच्चों को फीडिंग ना कराना स्तन कैंसर का एक बड़ा कारण होता है। वैज्ञानिक आधार पर 30 तक माँ बनने और बच्चे को फीडिंग कराने से स्तन कैंसर को रोका जा सकता है।

डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं अपनाएं घरेलू नुस्खें-

कई बार हमारे परिचित हमें बिमारियों से बचाव के नए नए घरेलू उपाय बताते हैं, मगर आप स्तन कैंसर से सम्बंधित किसी सलाह को डॉक्टर से पूछे बिना कभी ना अपनाएं।
2. अगर किसी महिला को बच्चा होने के बाद सही से दूध नहीं आ रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें क्योंकि सही से फीडिंग ना होने पर मां को आगे चलकर कैंसर का खतरा बना रहता है।